प्रो. सुदर्शन ने विरासत उत्सवों के सांस्कृतिक महत्व पर प्रकाश डाला
चण्डीगढ़ : स्नातकोत्तर राजकीय महाविद्यालय (पीजीजीसी-46) के एनएसएस विंग ने तीज का पर्व बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि प्राचार्या प्रो. आभा सुदर्शन थीं। प्रो. सुदर्शन ने ऐसे विरासत उत्सवों के सांस्कृतिक महत्व पर प्रकाश डाला जो हमारी आत्मा को समृद्ध करने और जीवन को पुनर्जीवित करने के लिए आवश्यक हैं। महिलाओं की आजादी, आकांक्षाओं और सपनों के प्रतीक एक झूले को मौसमी फूलों से सजाया गया। इस अवसर पर छात्रों और शिक्षण और गैर शिक्षण स्टाफ के सदस्यों ने भाग लिया।उन्होंने पंजाबी लोक संगीत की धुन पर नृत्य किया। पंजाबी व्यंजन खीर-पुड़े दिन की विशेषता थी। इस आयोजन को सफल बनाने के लिए प्राचार्य ने शिक्षकों और छात्रों को बधाई दी । इससे पहले दिन में कॉलेज के एनएसएस विंग ने सकारात्मक नोट पर नए शैक्षणिक सत्र की शुरुआत को चिह्नित करने के लिए तनाव प्रबंधन पर एक व्याख्यान का आयोजन किया। महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. (प्रो.) आभा सुदर्शन ने अतिथियों का स्वागत किया। उन्होंने स्टाफ के सदस्यों को कार्य जीवन संतुलन बनाए रखने के लिए सकारात्मक चरित्र का निर्माण करके अपना दृष्टिकोण बदलने के लिए प्रेरित किया। ब्रह्मा कुमारियों ने सभी स्टाफ सदस्यों को सद्भाव का प्रतीक राखी बांधी। ब्रह्मा कुमारी पूनम ने तनाव मुक्त जीवन के बाद ध्यान पर व्याख्यान दिया। इस अवसर पर डॉ राजेश कुमार, डीन और डॉ. बलजीत सिंह, वाइस प्रिंसिपल भी उपस्थित थे।