रेडियो जगत की हस्तियों को सम्मानित कर पीआरसीआई ने मनाया विश्व रेडियो दिवस
रेडियो ‘मन का रंगमंच’, लोगों को इससे जुड़ने का आहवान: रेडियों विशेषज्ञों का आहवान
चंडीगढ़, विश्व रोडियो दिवस पर पब्लिक रिलेशंस कौंसिल आॅफ इंडिया (पीआरसीआई) चंडीगढ़ चैप्टर ने शहर की रोडियो से जुड़ी हस्तियों को सम्मानित कर रेडियो जगत के प्रति सौहार्द व्यक्त किया। सेक्टर 27 स्थित प्रेस कल्ब में आयोजित इस आयोजन में इस वर्ष यूनेस्को के थीम ‘रेडियो एंड पीस’ पर गहन चर्चा की जिसमें युवाओं को रेडियों से जुड़ने का भी आहवान किया गया।
इस अवसर पर आमंत्रित मुख्यातिथि चंडीगढ़ और जम्मू के आॅल इंडिया रेडियो और दूरदर्शन के सहायक निदेशक व प्रोग्रामिंग प्रमुख संजीव दोसाझ ने अपने संबोधन में कहा कि रेडियो ‘मन का रंगमंच’ है। शिक्षित करने, सूचना देने और मनोरंजन करने के साथ साथ यह श्रोताओं की भावनाओ को छूकर उन्हें बांधने का प्रयास करता है। आकाशवाणी की अभी भी अधिकतम पहुंच है और यह जनता तक पहंुचने के लिये एक मल्टीमीडिया प्लेटफार्म में तब्दील हो गया है। अपने अनुभव साझे करते हुये दोसाझ ने आपदाओ और जंग के दौरान न्यूजरुम की चुनौतियों को आये लोगों के समक्ष बयान किया और विस्तृत रुप से की बताया रेडियो कैसे ‘मैजेंजर आॅफ पीस’ है।
इससे पूर्व पीआरसीआई के चैयरमेन डाॅ रुपेश सिंह ने अपने स्वागत संबोधन में इस बात पर बल दिया कि डिजिटल युग में हम टेकनोलोजी से चाहे कितनी भी नजदीकियां बढ़ा ले लेकिन रेडियो से साथ कभी नहीं भुलाया जा सकता है। उन्होंनें बताया कि यूनेस्को ने वैश्विक स्तर पर रेडियो के माध्यम से आपसी प्रेम, शांति और सौहार्द कायम करने की पहल की है और पीआरसीआई ने स्थानीय स्तर इस आयोजन के द्वारा लोगों को रेडियो के ओर करीब लाने का प्रयास किया है।
आॅल इंडिया रेडियो में पिछले तीन दशकों से जुड़े सर्वप्रिय निरमोही ने रेडियो और उसके श्रोताओं के बीच की कड़ी के बारे में बताया। उन्होंनें बताया कि रेडियो न केवल एक मनोरंजन का साधन रहा है बल्कि परिचर्चा और टाॅक शो में समाधान प्रदान करने में सार्थक रहा है। उन्होंनें मौजूदा रेडिया परिदृश्य में अच्छे कोटेंट की जरुरत पर बल दिया।
पीआरसीआई के वरिष्ठ उपाध्यक्ष चरनजीत सिंह ने कहा कि रेडियो एक फ्लैश रिपोर्टिंग नहीं है बल्कि युद्ध के दौरान समन्वय और शांति कायम रखने में अपना योगदान देती रही है। प्रत्येक प्रसारण समाचार और प्रोग्राम्स के पीछे रेडियो प्रोफेशनल्स की नागरिकों के प्रति जवाबदेही, तथ्य जांच (फैक्ट्स चैंिकंग), सटीकता और बैलेंस्ड रिपोर्टिंग का समावेश होता है।
रजत कमल नैश्नल अवार्ड से सम्मानित ओजस्वी शर्मा ने बताया कि उनकी अगली फिल्म एक आरजे पर आधारित है जो कि रेडियो जगत के इर्द गिर्द पर प्रकाश डालती है। उनके अनुसार रेडियो एक भरोसेमंद संचार है और निकट भविष्य में एक मजबूत एडवरटाइजिंग का माध्यम बनने का दम रखता है।
जाने माने रेडियो ब्रॉडकास्ट और प्रकाशक हरदीप चांदपुरी ने विदेश में अपने रेडियो को अनुभवों को साझा किया।
पीआरसीआई नाॅर्थ की उपाध्यक्ष और बीआईएस व पीयू की पूर्व निदेशिका रेणुका सलवान ने आये लोगों को पीआरसीआई और वाईसीसी के कार्यप्रणाली से अवगत कराया कि कैसे वे युवाओं और प्रोफेशनल्स को कम्युनिकेशंस की दिशा के लिये प्रेरित कर रही है।
92.7 बिग एफएम से आरजे अमर ने विभिन्न एफएम की कार्यप्रणालियों से लोगों को परिचित करवाया।
कार्यक्रम के दौरान पीआरसीआई ने रेडियो जगत में दिए योगदान के लिये सर्वप्रिय निरमोही, हरदीप चांदपुरी, संजीव दोसाझ और अमरजीत नारंग को सम्मानित भी किया।
कार्यक्रम के अंत पीआरसीआई के सचिव सुदीप रावत ने आये लोगों को आभार व्यक्त करते रेडियो से ओर अधिक जुड़ने का आहवान किया।