चंडीगढ़.शिअद प्रधान सुखबीर बादल और विधायक बिक्रमजीत सिंह मजीठिया द्वारा जस्टिस रंजीत सिंह आयोग के लिए अपमानजनक टिप्पणियां करने की शिकायत पर बुधवार को हाईकोर्ट ने दोनों नेताओं को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। जस्टिस अमित रावल ने मामले पर 25 मार्च के लिए अगली सुनवाई तय की है।
जस्टिस रंजीत सिंह के वकील एपीएस देयोल ने कोर्ट में कहा कि कमीशन 14 अप्रैल 2017 को गठित किया गया था और 29 अगस्त 2018 को कमीशन ने अपनी रिपोर्ट दे दी थी। कोर्ट ने इस पर कहा कि इसका मतलब यह है कि अब जस्टिस रंजीत सिंह कमीशन का काम पूरा हो चुका है और वे इसके सदस्य नहीं हैं। ऐसे में क्या वे कमीशन के सदस्य के तौर पर शिकायत दायर कर सकते हैं।
याची पक्ष की तरफ से कहा गया कि कानून के मुताबिक उन्हें शिकायत देने का अधिकार है। पंजाब सरकार ने गुरुग्रंथ साहिब की बेअदबी की घटनाओं और बहबल कलां गोलीकांड की जांच के लिए जस्टिस रंजीत सिंह आयोग का गठन किया था।
कंप्लेंट में कहा गया कि सुखबीर बादल और बिक्रमजीत मजीठिया ने उन पर व्यक्तिगत तौर पर टिप्पणियां कीं और जांच आयोग पर उंगली उठाई। कमीशन ऑफ इंक्वायरी एक्ट की धारा 10 ए के तहत कमीशन अथवा इसके किसी सदस्य के खिलाफ गलत बयान देने पर कंप्लेंट दायर की जा सकती है। इसमें छह माह के कारावास का प्रावधान है। हाईकोर्ट इन मामलों में स्वयं संज्ञान भी ले सकता है और आयोग की तरफ से कंप्लेंट देने पर कार्रवाई करने का अधिकार रखता है।
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