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Posted by Surinder Verma on Tuesday, June 23, 2020

ट्रेनों को झंडी दिखाएंगे होमगार्ड जवान,पंजाब सहित तीन राज्‍यों में नई व्‍यवस्‍था

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फिरोजपुर। अब मानव रहित रेलवे फाटकों पर हथियारों के साथ वर्दी में होमगार्ड जवान तैनात होंगे। फिरोजपुर रेल मंडल के तहत तीन राज्यों पंजाब, जम्मू-कश्मीर व हिमाचल प्रदेश में रेलवे गेट मित्रों की जगह  260 मानवरहित रेलवे फाटकों पर होम गार्डों की तैनाती करने की तैयारी है। ये जवान ही मानव रहित क्रासिंगों पर वाहनों को ट्रेनों के गुजरने के लिए रोककर झंडी दिखाएंगे।

फिरोजपुर रेल मंडल रेलवे द्वारा होमगार्ड कार्यालय जालंधर को होमगार्डों की तैनाती के लिए फाइल भेजी जा रही है। गौरतलब है कि तीनों राज्यों मेंं कुल 1022 लेबल क्रॉसिंग हैं, जिसमें से 731 पर रेलवे फाटक बने हुए हैं। उन्हें बंद और खोलने का काम रेलवे कर्मियों द्वारा किया जाता है। शेष मानवरहित रेलवे क्रॉसिंग हैं, जिन्हें रेलवे ने अगले एक साल में खत्म कर उनकी जगह आरयूबी बनाने का लक्ष्य रखा है। इसमें से 260 रेलवे क्रॉसिंगों को खत्म कर उनकी जगह पर आरयूबी बनाने का काम पूरा कर लिया गया है।
गौरतलब है कि फिरोजपुर रेलवे मंडल ने मानवरहित रेलवे क्रॉसिंगों पर गेट मित्रों को तैनात करने की योजना बनाई थी। इसके तहत मंडल के विभिन्न क्षेत्रों में आउटसोर्सिंग के जरिये 137 गेटमित्रों को तैनात किया गया था। वे सुबह 6 से शाम 6 बजे तक यानी 12 घंटे ड्यूटी पर तैनात रहते हैं। गेट मित्र को 6 से 8 हजार रुपये मिलते हैं।
रेलवे पर पड़ेगा 18 करोड़ का अतिरिक्त भार
मानवरहित रेलवे फाटकों पर होमगार्ड जवानों की तैनाती किए जाने से मंडल रेलवे के उपर 18.72 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भार पड़ेगा। पंजाब में होमगार्ड जवानों का वेतन इन दिनों प्रतिमाह तीस हजार रुपये के लगभग है। गेटमित्रों के तरह ही यदि होमगार्ड जवान 12-12 घंटे काम करते हैं, तो यह धनराशि रेलवे को सालाना खर्च करनी पड़ेगी। यदि जवान बारह की जगह केवल आठ घंटे की ही ड्यूटी करते हैं तो इस आंकड़े में और बढ़ोत्तरी होगी।
एफसीआइ से लौटे होमगार्ड जवानों की हो सकती है तैनाती
2017 के मध्य में पंजाब होमगार्ड जवानों का एफसीआइ से कांट्रैक्ट था। एफसीआइ ने सामान्‍य सुरक्षा गार्डों की अपेक्षा होमगार्ड जवानों के महंगा पड़ने पर उनका कांट्रैक्ट आगे नहीं बढ़ाया। वापस लौटे साढ़े 300 से अधिक जवानों को फिरोजपुर, जालंधर में हथियार चलाने व कानून की धाराओं की जानकारी के लिए शिविर लगाकर प्रशिक्षित किया गया। सबकुछ ठीक रहा तो इन्हीं जवानों को अब रेलवे में मानव रहित रेलवे क्रॉसिंग की देखभाल की जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है।