
- पीटर झोऊ की मौत मिलिट्री एकेडमी में स्कीइंग के दौरान हो गई थी
- नियम के मुताबिक- अमेरिका में किसी मृतक का जेनेटिक मटेरियल तभी इस्तेमाल हो सकता है जब उसने लिखित में ऐसा कहा हो
कैलिफोर्निया. यहां स्कीइंग के दौरान दुर्घटना में मिलिट्री कैडेट की मौत हो गई थी। कैडेट के माता-पिता पोते के जन्म के लिए अपने मृतक बेटे के फ्रोजन (जमे हुए) स्पर्म्स चाहते थे। सुप्रीम कोर्ट ने तय नियमों को दरकिनार करते हुए इसकी मंजूरी दे दी।
कैलिफोर्निया के कोनराड में रहने वाले पीटर झोऊ (21) की इसी साल फरवरी में मिलिट्री एकेडमी में स्कीइंग के दौरान रीढ़ की हड्डी में गंभीर चोट लगने के चलते मौत हो गई थी। पीटर अपने माता-पिता के इकलौते बेटे थे। अभिभावकों को स्पर्म्स पीटर की अंगदान सर्जरी के दौरान मिल गए थे। अब अभिभावक स्पर्म्स को गर्भ में स्थापित करने के लिए किराए की कोख (सरोगेट मदर) मिलने की कोशिश कर रहे हैं।
कोर्ट ने कहा- हमें कोई आपत्ति नहीं
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस जॉन कोलान्गेलो ने अपने फैसले में लिखा- इस मौके पर हमें कोई आपत्ति नहीं है। पीटर के माता-पिता पोते के लिए अपने बेटे के स्पर्म्स का इस्तेमाल कर सकते हैं। मुझे नहीं लगता कि इसके खिलाफ कानून में कोई बात लिखी गई है। यह मामला एक अपवाद है। मृतक का इरादा हमेशा निर्णायक कारक रहता है। पीटर इस तरह का कुछ लिखकर नहीं गए कि उनकी मौत के बाद उनके जेनेटिक मटेरियल का इस्तेमाल नहीं किया जा सकेगा।
‘5 बच्चे होने चाहिए’
अभिभावकों ने कोर्ट में बताया- हमारी बेटे से कभी बात हुई थी। हमने कहा था कि उसके पांच बच्चे होने चाहिए ताकि वंश आगे बढ़ सके। पीटर की मौत हमारे लिए त्रासदी और एक बुरे सपने की तरह थी। हम इसके लिए बिल्कुल तैयार नहीं थे। अब हम उसकी एक निशानी चाहते हैं ताकि उसकी कमी पूरी की जा सके। पीटर के मिलिट्री एडवाइजर ने भी कोर्ट में बताया कि वह उनसे कई बच्चे पैदा करने के बारे में कहता था।
ये है नियम
अमेरिकन सोसाइटी फॉर रीप्रोडक्टिव मेडिसिन ने 2018 में गाइडलाइन जारी की थी। इसके मुताबिक- अगर मृतक ने पहले ही लिखित में उसके जेनेटिक मटेरियल के इस्तेमाल की बात कही है तो ऐसा हो सकता है। अन्यथा आवेदन को केवल जीवित पति या साथी से ही माना जाना चाहिए।