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Posted by Surinder Verma on Tuesday, June 23, 2020

पर्यटक अब खतरों से बेपरवाह, घरों में ठहरते हैं; कम सुविधाओं में ही करते हैं गुजारा

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काबुल. बीते 18 साल से अफगानिस्तान में तालिबान से जंग चल रही हैं। यहां से अमेरिका के 2 हजार सैनिक वापस जा चुके हैं। इसके बावजूद अफगानिस्तान में पर्यटकों का आना जारी है। अब टूरिस्ट होटल में रुकने की बजाय स्थानीय लोगों के घरों में रुकना पसंद करते हैं। कहां ठहरना है, इसके लिए टूरिस्ट वेबसाइट पर सर्चिंग करते हैं। इस सोशल नेटवर्किंग प्लेटफॉर्म से दुनियाभर के लोग जुड़े हुए हैं।

  1. अफगानिस्तान घूमने आए नीदरलैंड के पर्यटक सायरन बार कहते हैं- किसी के घर में रहकर आप शहर के बारे में ज्यादा प्रामाणिक अनुभव हासिल करते हैं। इसमें आपके फंसने का खतरा नहीं होता। बार काबुल के एक सामान्य सुविधाओं वाले घर में रहे लेकिन उन्होंने यहां बेहतर महसूस किया।

  2. बार कहते हैं- अफगानों के साथ रहकर उनके जैसे रहन-सहन अपनाकर आप अफगानिस्तान में कहीं भी घूम सकते हैं। इसमें ज्यादा खतरा नहीं है। बार आम अफगानों की तरह सलवार-कमीज ही पहनते हैं।

  3. 1970 के दशक में यूरोप और दक्षिण एशिया के काफी लोग अफगानिस्तान आते थे। कई देशों की सरकारें लोगों को अफगानिस्तान में फिदायीन हमलावरों, अपहरणकर्ताओं, हथियारबंद डकैतों को लेकर चेतावनी जारी करती हैं लेकिन अब भी दुनिया के सबसे खतरनाक वॉर जोन में लोगों का आना बदस्तूर जारी है।

  4. अफगानिस्तान आने वाले ज्यादातर लोग सुरक्षित होटलों के बजाय सामान्य लोगों के साथ रहना पसंद करते हैं। इसके लिए काउचसर्फिंग (एक वेबसाइट) से जानकारी जुटाई जाती है। इसमें घर में आने वाले मेहमान को खाना और रहने की जगह मुहैया कराई जाती है।

  5. काउचसर्फिंग के जरिए किसी घर में जाना थोड़ा जोखिम भरा हो सकता है। क्योंकि वेबसाइट पर मेजबान का छोटा सा ही प्रोफाइल होता है और पर्यटक को उसके बारे में अंदाजा लगाकर फैसला लेना होता है।

  6. अफगानिस्तान में अपहरण एक सामान्य बात है। विदेशी इसके निशाने पर होते हैं। पर्यटकों के लिए यह जानना मुश्किल होता है कि वे जिस घर में जा रहे हैं उनके आतंकियों से रिश्तेहै या पर्यटकों को आतंकियों को सौंपकर वे पैसे तो नहीं कमानेवाले।

  7. अफगानिस्तान के पूर्व राजनयिक पर्यटकों के इस फैसले को लापरवाही करार देते हैं। उनके मुताबिक- इसमें जान भी जा सकती है। 2012 में अमेरिकन दंपति कैटलन कोलमैन और जोशुआ बॉयल को अगवा कर लिया गया था। इन्हें 2017 में रिहा किया गया। दंपति के तीन बच्चे बंधक रहने के दौरान ही हुए थे।

  8. अफगानिस्तान-सीरिया समेत कई देश घूम चुके 30 साल के नॉर्वेजियन पर्यटक ब्योन ऑगस्टाड कहते हैं- वहां के आम लोग काफी ध्यान रखते हैं। वे कई चीजों को लेकर सजग हैं। अगर आप अफगानिस्तान में रुकना चाहते हैं तो स्थानीय लोगों के घरों में रहना सुरक्षित रहेगा।

  9. बार और ऑगस्टाड मजार-ए-शरीफ में 27 साल के नासिर मजीदी के यहां एक हफ्ते रहे थे। मजीदी एक वॉटर यूटिलिटी कंपनी में टेक्नीकल एडवाइजर हैं। मजीदी के मुताबिक- पर्यटकों को घर में रखना एक शानदार अनुभव रहा। मुझे भी नए दोस्त और बाकी दुनिया को जानने का मौका मिला।

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      Reckless tourists couchsurfing in war-torn Afghanistan
      मजार-ए-शरीफ के घर में रुके नीदरलैंड और नॉर्वे के पर्यटक।