लंदन. अगस्ता वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर सौदे के आरोपी क्रिश्चियन मिशेल के प्रत्यर्पण के ऐवज में भारत को संयुक्त अरब अमीरात के शासक को उनकी लापता बेटी सौंपनी पड़ी थी। प्रिंसेस लतीफा कुछ महीने पहले दुबई से समुद्र के रास्ते भागी थीं, लेकिन भारतीय नौसेना ने अपने समुद्री क्षेत्र से गुजरते वक्त उन्हें पकड़ लिया था। ब्रिटिश अखबार द संडे टेलीग्राफ की रिपोर्ट में यह दावा किया गया है।
मार्च में आखिरी बार देखी गई थीं प्रिंसेज
रिपोर्ट के मुताबिक, प्रिंसेज लतीफा और उनकी दोस्त टीना जोहियानेने पिछले साल फ्रेंच इंटेलिजेंस के जासूस की मदद से याट में बैठकर भागी थीं। इसके लिए उन्होंने अपना भेष बदला था। ऐसा दावा किया जाता है कि प्रिंसेज लतीफा मनोरोगी हैं और उन्हें दवाओं के भारी डोज दिए जाते हैं। यह भी दावा किया जाता है कि उन्हें आखिरी बार 5 मार्च को एक नाव में अमीरात और भारतीय नौसेना के अफसरों के साथ देखा गया था।
टेलीग्राफ ने अपनी रिपोर्ट में नई दिल्ली के यूरोपीय और एशियाई सूत्रों के हवाले से बताया है कि इस डील के लिए भारत की तरफ से पहल की गई थी। मिशेल की कानूनी टीम के एक सदस्य ने भी इसकी आशंका जताई है।
आपराधिक साजिश का आरोप
मिशेल पर हेलिकॉप्टर सौदे में आपराधिक साजिश का आरोप लगा था। इसमें पूर्व वायुसेना प्रमुख एसपी त्यागी, उनके परिवार के सदस्यों और अफसरों के नाम भी शामिल हैं। यह भी कहा गया कि अधिकारियों ने अपने पद का गलत इस्तेमाल करके वीवीआईपी हेलिकॉप्टर की सर्विस सीलिंग (ऊंचाई तक उड़ान भरने की क्षमता) तय सीमा 6000 मीटर से कम कराके 4500 मीटर करा ली थी। सीलिंग कम होने के बाद 556.262 मिलियन यूरो (करीब 44 लाख करोड़ रुपए) के हेलिकॉप्टर कॉन्ट्रैक्ट पर सहमति बनी थी। इसके लिए रक्षा मंत्रालय (यूपीए-2) ने 8 फरवरी 2010 को 12 वीवीआईपी हेलिकॉप्टरों के लिए पैसे दिए थे।
रक्षा सौदों में बिचौलिए की भूमिका निभाता था मिशेल
मिशेल कंपनी में 1980 से काम कर रहा था। उसके पिता भी कंपनी में भारतीय क्षेत्र के मामलों के लिए सलाहकार रहे थे।सीबीआई का कहना है कि मिशेल काफी भारत आता-जाता था और रक्षा सौदों में वायुसेना और रक्षा मंत्रालय के बीच बिचौलिए की भूमिका निभाता था। मिशेल को वायुसेना और रक्षा मंत्रालय के अफसरों से सूचनाएं मिलती थीं। प्राप्त जानकारियों को वह इटली और स्विट्जरलैंड फैक्स के जरिए भेजता था।इस मामले में चीफ एसपी त्यागी को 2016 में गिरफ्तार किया गया था। त्यागी पर आरोप है कि उन्होंने डील को इस तरह प्रभावित किया कि कॉन्ट्रैक्ट इटली की अगस्ता वेस्टलैंड कंपनी को ही मिले।
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