रेवाड़ी (अमित विश्वकर्मा).रेवाड़ी-जैसलमेर नए नेशनल हाईवे-11 निर्माण के लिए एनएचआई की ओर से टेंडर प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। देश के इस महत्वपूर्ण हाईवे के निर्माण से दिल्ली से बीकानेर तक पहुंचने में जहां करीब 9 घंटे का समय लगता था, उसके मुकाबले अब करीब डेढ़ घंटे कम समय लगेगा। यानी 324 किलोमीटर की दूरी के लिए करीब साढ़े 7 घंटे लगेंगे। इसका सबसे बड़ा फायदा सेना को होगा। पाकिस्तान के साथ अगर सैन्य कार्रवाई होती है तो उस समय सीमा पर रसद आदि पहुंचाने में सेना को अब एक सुगम रास्ते का विकल्प मिल जाएगा।
बता दें कि राष्ट्रीय राजमार्ग-11(एनएच) पहले आगरा से बीकानेर तक ही था, लेकिन नेशनल हाईवे अथॉरिटी की ओर से मार्च 2014 में रेवाड़ी से राजस्थान के फतेहपुर तक करीब 190 किमी. लंबे स्टेट राजमार्ग को फोरलेन करने और नए एनएच-11 का दर्जा देने की घोषणा की गई थी। नई प्रक्रिया के तहत हाईवे बीकानेर से जैसलमेर तक बढ़ा दिया गया है। सामरिक दृष्टि से भी इस हाईवे का उपयोग किया जा सकेगा, क्योंकि दिल्ली स्थित सेना मुख्यालय से पाकिस्तान सीमा तक पहुंचना अब सुगम हो जाएगा। तीन चरणों में होने वाले निर्माण में राजस्थान के सीकर जिले की फतेहपुर तहसील से हरियाणा सीमा के पचेरी, पचेरी से अटेली व अटेली से रेवाड़ी शामिल है।
सेना मुख्यालय और पाकिस्तान सीमा की दूरी 98 किमी. कम होगी। पाकिस्तान सीमा से सटे जैसलमेर पहुंचने के लिए इससे पहले सड़क मार्ग से पहले रोहतक, हिसार व इसके बाद सीकर में एनएच-11 पर जाना पड़ता था। इस मार्ग से रेवाड़ी से जैसलमेर की दूरी करीब 828 किमी. पड़ती थी, लेकिन नए एनएच-11 से ये दूरी घटकर 730 किमी. रह जाएगी। ऐसे में 98 किमी. की दूरी कम होने से समय के साथ आर्थिक फायदा भी होगा। टू-लेने होने के बावजूद इस मार्ग पर अभी भी हर रोड 10 हजार से ज्यादा वाहन गुजरते हैं। जो कि हाईवे निर्माण की कंडीशन भी है। रेवाड़ी में नए एनएच-11, एनएच- 8 व एनएच-71 को जोड़ने का काम करेगा।
कॉरिडोर और लॉजिस्टिक हब के बाद बड़ा प्रोजेक्ट :
प्रदेश सरकार की राजस्थान से लगती सीमा नांगल चौधरी क्षेत्र में करीब 1200 एकड़ जमीन पर मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक हब विकसित किया जा रहा है। यूपी से दादरी से मुंबई तक वेस्टर्न रेलवे फ्रेट कॉरिडोर का निमार्ण चल रहा है। न्यू एनएच-11 बनने से राजस्थान व हरियाणा के बीच व्यावसायिक गतिविधियां भी बढ़ जाएगी। रोजगार भी बढ़ेगा।
पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा :
सामरिक और आर्थिक फायदे के साथ सैलानियों के लिए भी यह बेहतर साबित होगा। राजस्थान के शेखावटी क्षेत्र के पर्यटन स्थल मंडावा, फतेहपुर-शेखावटी, नवलगढ़, लक्ष्मणगढ़ तक पहुंचने वाले सैलानियों को सहूलियत मिलेगी। देश के एकमात्र स्टीम लोकोमोटिव शेड को देखने के लिए देश-विदेश से सैलानी आते हैं। अब सड़क मार्ग से भी आसानी से हरियाणा के साथ राजस्थान का भ्रमण कर सकेंगे।
रेवाड़ी से अटेली तक 650 करोड़ होंगे खर्च: पीडी
नेशनल हाईवे अथॉरिटी के प्रोजेक्ट डायरेक्टर (पीडी) पीके कौशिक ने कहा कि टेंडर प्रक्रिया पूरी कर ली है। रेवाड़ी से अटेली तक करीब 650 करोड़ रुपए के खर्च होंगे। जमीन अधिग्रहण हो गया है। नेशनल हाईवे आर्थिक प्रगति के सूचक होते हैं। 2021 में हाईवे का निर्माण पूरा हो जाएगा।
टेंडर प्रक्रिया पूरी, ढाई साल में बनकर तैयार होने की उम्मीद :
- निर्माण की टेंडर प्रक्रिया पूरी, करीब ढ़ाई साल में बनकर तैयार होने की उम्मीद
- इस हाईवे की चौड़ाई 200 फीट होगी।
- इसके निर्माण पर करीब दो हजार करोड़ रुपए खर्च आने की उम्मीद है।
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