चंडीगढ़.खेलों में नंबर-वन हरियाणा में अब खिलाड़ियों की उनकी पढ़ाई के दौरान ही नींव मजबूत की जाएगी ताकि प्रदेश के खिलाड़ी देश और प्रदेश के लिए मेडल की संख्या और बढ़ा सके। देश में पहली बार अब हरियाणा का हायर एजुकेशन डिपार्टमेंट कॉलेज और यूनिवर्सिटी स्तर पर ही स्पोर्ट्स पॉलिसी बनाएगा। जिससे यहां पढ़ने वाले करीब 15 हजार खिलाड़ियों को फायदा होगा।
इस पॉलिसी को लेकर बुधवार और गुरुवार को शिक्षा सदन में चेयरमैन समेत 11 सदस्य मंथन करेंगे। पॉलिसी के लिए तैयार किए गए बिंदुओं में कॉलेजों में खेलों के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर से लेकर आधुनिक तकनीक के इक्यूपमेंट और कोच लगाए जाना शामिल है, वहीं खिलाड़ियों को कॉलेजों और यूनिवर्सिटी में दाखिले के लिए 5 फीसदी सीटें आरक्षित किया जाना भी शामिल किया है।
दो दिवसीय मंथन के बाद पॉलिसी का फाइनल ड्राफ्ट तैयार होगा। बताया गया है कि पॉलिसी बनने के बाद हायर एजुकेशन डिपार्टमेंट खेलों के लिए 5 करोड़ रुपए का बजट तय करेगा। शुरूआती तीन-चार साल 5-5 करोड़ रुपए तय कर इंफ्रास्ट्रक्चर और इक्यूपमेंट की पूर्ति की जाएगी। इसके अलावा कॉलेजों और यूनिवर्सिटी में स्पोर्ट्स विंग बनाई जाएंगी। जो कैंप आदि का भी आयोजन करेगी। स्पोर्ट्स हायर एजुकेशन के डिप्टी डायरेक्टर कुलदीप सिंह ने बताया कि हायर एजुकेशन कॉलेजों और यूनिवर्सिटी के लिए स्पोर्ट्स पॉलिसी बनाएगा। इसके लिए कमेटी का गठन किया है, जो दो दिन तक पॉलिसी पर चर्चा करेगी। पॉलिसी बनने से खिलाड़ियों को फायदा होगा।
डॉ. शर्मा बने कमेटी का चेयरमैन, दस और स्पेशलिस्ट सदस्य किए शामिल :
कमेटी का चेयरमैन पंजाब यूनिवर्सिटी के फिजिकल डिपार्टमेंट के रिटायर्ड चेयरमैन डॉ एसएन शर्मा को बनाया गया है। इनके अलावा कमेटी में भूना गर्वमेंट कॉलेज के प्रिंसिपल रणधीर सिंह, केयूके के डिपार्टमेंट ऑफ फिजिकल एजुकेशन की प्रो ऊषा लोहान, अर्जुन अवॉर्डी और भीम अवॉर्डी डॉ दलेल सिंह चौहान, गुड़गांव के द्रोणाचार्य गर्वमेंट कॉलेज के एसोसिएट प्रोफेसर एवं द्रोणाचार्य अवॉर्डी डॉ सुनील डबास, मटक माजरी गर्वमेंट कॉलेज के एसोसिएट प्रो डॉ उपेंद्र, भिवानी गर्वमेंट कॉलेज के एसोसिएट प्रो डॉ मितेश, डिप्टी डायरेक्टर स्पोर्ट्स एवं यूथ वेलफेयर धर्मेंद्र मेहता, डिप्टी डायरेक्टर स्पोर्ट्स हायर एजुकेशन डॉ कुलदीप सिंह, गर्वमेंट कॉलेज भेरिया के रिटायर्ड प्रिंसिपल डॉ जीएस घोटड़ा और कालका गर्वमेंट कॉलेज के एसोसिएट प्रो राकेश गोयल को शामिल किया गया है।
यह होगा पॉलिसी में : कॉलेजों और यूनिवर्सिटी में स्पोर्ट्स कल्चर पैदा करना। विद्यार्थियों की खेलों में भागीदारी बढ़ाना। खेलों के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर और आधुनिक इक्यूपमेंट मुहैया कराना, समय-समय पर खेल प्रतियोगिताएं कराना, ऑल इंडिया यूनिवर्सिटी बोर्ड के अनुसार इंटर कॉलेज टूर्नामेंट कराना, वार्षिक स्पोर्ट्स पुरस्कार वितरण करना, कॉलेजों और यूनिवर्सिटी में स्पेशलिस्ट कोच लगाया जाना।
अब यह है स्थिति : कॉलेजों और यूनिवर्सिटी में अभी भी प्रतियोगिताएं होती हैं, लेकिन सुविधाओं का अभाव है। स्पेशलिस्ट कोच नहीं है। फिजिकल एजुकेशन के प्रोफेसर ही खेल कोच की भूमिका निभा रहे हैं। खेल के लिए बजट भी अभी दो करोड़ रुपए ही है।
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