कोटकपूरा.श्री गुरु ग्रंथ साहिब के पवित्र स्वरूप की चोरी और बेअदबी व प्रदर्शनकारियों पर हुई पुलिस कार्रवाई के आरोपियों को सजा दिलवाने की मांग को लेकर बरगाड़ी में लगाए गए धरने को समाप्त करने के विरोध में जुटे सिख संगठनों के नेता किसी ठोस रणनीति के ऐलान से पहले ही आपस में उलझ गए। बात हाथापाई तक पहुंचने पर संगत और पुलिस मुलाजिमों ने बीच-बचाव करवा मामला शांत करवाया। इस दौरान कुछ नेताओं ने बरगाड़ी इंसाफ मोर्चा के संचालक भाई ध्यान सिंह मंड पर मोर्चे के नाम पर करोड़ों रुपए इकट्ठे करने का आरोप लगाया।
मोर्चा उठाने के खिलाफ आवाज उठाने वाले अकाली दल 1920 के नेता बूटा सिंह रणसींह कलां ने अपने पैतृक गांव रणसींह कलां जिला माेगा में आठ जनवरी को राज्य स्तरीय बैठक कर मोर्चे की अगली रणनीति बनाने को पांच सदस्यों वाली कमेटी बनाने का ऐलान किया। यही कमेटी मोर्चे की अगुवाई करेगी।
प्रशासन ने कर रखे थे कड़े प्रबंध, भीड़ नहीं जुटा पाए नेता :
प्रशासन के प्रबंधों के चलते बेशक नाराज नेता भीड़ तो नहीं जुटा पाए, लेकिन बाबा बलजीत सिंह दादूवाल, बूटा सिंह रणसींह कलां, रमनदीप सिंह भंगचढ़ी, बाबा प्रदीप सिंह चांदपुर जैसे कई नेता करीब डेढ़ सौ के करीब संगत के साथ बैठक करने को बरगाड़ी के गुरुद्वारा कौलसर साहिब पंहुचे।
बैठक के दौरान बाबा दादूवाल ने मोर्चा समाप्त करने के मामले में भाई मंड पर उनके जैसे साथियों व संगत की अनदेखी करने, भाई हरजिंदर सिंह रोडे ने मोर्चे के नाम पर करोड़ों रुपए एकत्रित करने और भाई बूटा सिंह रणसींह कलां ने सरकार के इशारे पर बिना मांगें मनवाए मनमानी कर मोर्चा उठवाने के आरोप लगाए। उस समय हंगामा हाे गया जब बठिंडा से आए अकाली दल (अमृतसर) के परमिंदर सिंह बालियांवाली ने नाराज नेताओं से बात करने की बजाय उसी स्थल पर फिर से मोर्चा शुरू करने का ऐलान कर दिया।
इसको लेकर नेताओं में कहासुनी हो गई जो कि बाद में हाथापाई तक पहुंच गई। इसके बाद बालियांवाली वहां से चले गए। बाबा दादूवाल ने कहा कि जब तक उनकी सभी मांगों का कोई समाधान नहीं निकलता मोर्चा समाप्त नहीं हाेगा व यह मोर्चा फिर से कहीं भी कभी भी फिर से शुरू हो सकता है।
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