सुभाष चंद्र, हिसार.जीजेयू के प्रोफेसर एससी कुंडू के एक शोध को वर्ष 2018 के लिए आउटस्टैंडिंग रिसर्च पेपर घोषित किया गया है। जीजेयू के लिए यह एक बड़ी उपलब्धि है। वर्कफोर्स डायवर्सिटी एंड ऑर्गेनाइजेशनल परफॉरमेंस : ए स्टडी ऑफ आईटी इंडस्ट्री इन इंडिया विषय पर यह रिसर्च पेपर एमरॉल्ड के इंटरनेशनल जरनल एम्पलॉयज रिलेशन में प्रकाशित हुई है।
एमरॉल्ड पब्लिशिंग ग्रुप ने प्रो. एससी कुंडू व रिसर्च में उनकी सहयोगी रही छात्रा अर्चना मोर को सर्टिफिकेट देकर सम्मानित किया। इस रिसर्च पेपर को एक साल तक सोशल मीडिया पर पब्लिश भी किया जा सकता है। इसको वर्ल्ड के बेस्ट रिसर्चर फॉलो कर रहे हैं।
प्रो. एससी कुंडू की रिसर्च में यह बातें सामने आईं कि भारत में अन्य क्षेत्रों की अपेक्षा आईटी के क्षेत्र में महिलाएं पुरुषों के बराबर भागीदारी निभा रही हैं। इसका परिणाम है कि यह इंडस्ट्री अन्य इंडस्ट्रीज के मुकाबले अधिक विकास कर रही हैं। रिसर्च में ये पता लगाने की कोशिश की गई कि आईटी कंपनियों में जब जातिगत भेदभाव से ऊपर उठकर बेस्ट वर्कफोर्स को चांस दिया गया, तब कंपनियों की परफॉरमेंस बढ़ी है।
इसके लिए भारत की आईटी कंपनी के 402 प्रोफेशनल्स मैनेजर पर 2014 से 2015 तक ऑनलाइन सर्वे किया गया। इस तरह एकत्रित डेटा को मॉडर्न स्टेटिकल टेक्निक्स के द्वारा एनालिसिस किया गया। बकौल कुंडू देश में कंपनियां भी अमेरिका जेंडर डायवर्सिटी सिस्टम को फॉलो कर जल्द ग्रोथ कर सकती हैं। 2004 में भी एमरॉल्ड ग्रुप के जरनल डायवर्सिटी थीम पर प्रो. एससी कुंडू का रिसर्च पेपर टॉप थ्री में रहा था। इंडस्ट्रियल मैनेजमेंट एंड डेटा सिस्टम में यह जर्नल 2003 में पब्लिश हुआ था।
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