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Posted by Surinder Verma on Tuesday, June 23, 2020

संत निरंकारी मिशन की सतगुरु बनी माता सुदीक्षा का पहला समागम, 70 देशों के 6 लाख से ज्यादा श्रद्धालु पहुंचे

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पानीपत. संत निरंकारी मिशन का 71वां वार्षिक समागम पहली बार दिल्ली से बाहर हरियाणा में समालखा के पास हो रहा है। गुरु गद्दी पर छठी सतगुरु के रूप में माता सुदीक्षा जी महाराज का यह पहला समागम है।

कौन हैं सुदीक्षा ?
– 33 साल 8 माह की सुदीक्षा का जन्म 13 मार्च 1985 को दिल्ली की निरंकारी कॉलोनी में हुआ। वे 36 साल तक मिशन के चौथे सतगुरु रहे बाबा हरदेव सिंह की 3 बेटियों में सबसे छोटी हैं।
– 12 साल की उम्र में ही सुदीक्षा पिता के साथ समागमों में जाने लग गई थीं। 2007 में मनोविज्ञान में ग्रेजुएशन किया।
– 13 मई, 2016 को कनाडा में कार दुर्घटना में पिता हरदेव की मृत्यु के बाद पत्नी माता सविंदर ने 5वीं सदगुरु की जिम्मेदारी संभाली।

16 जुलाई को घोषित की गई थी सतगुरु
– 16 जुलाई, 2018 को माता सविंदर ने सुदीक्षा को निरंकारी सतगुरु घोषित कर दिया। 20 दिन बाद ही माता सविंदर का निधन हो गया।
– सतगुरु सुदीक्षा के पहले समागम के लिए 80 एकड़ में पंडाल लगाया है। 24 से 26 नवंबर तक चलने वाले समागम में 70 देशों से 6 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं के पहुंचने का दावा है।

27 देशों में फैला है निरंकारी मिशन
– 1929 में संत निरंकारी मिशन की स्थापना हुई थी। निरंकारी मिशन का मुख्यालय दिल्ली में स्थित है। इस समय संत निरंकारी मिशन की सम्पत्ति अरबों में है।
– भारत में तकरीबन हर राज्यों में इसके लाखों अनुयायी हैं। सुदीक्षा के पिता बाबा हरदेव सिंह को विश्व में मानवता की शांति के लिए कई राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार मिल चुके हैं।

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सतगुरु बनी माता सुदीक्षा का पहला समागम
Sant Nirankari Mission: First Samagam of Satguru Mata Sudiksha Ji
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