न्यूयॉर्क. अमेरिकी केंद्रीय खुफिया एजेंसी (सीआईए) ने अनुमान लगाया है कि तुर्की के पत्रकार जमाल खशोगी को सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के आदेश पर मारा गया। इस संबंध में सीआईए ने अपनी जांच रिपोर्ट सौंपी है। सऊदी सरकार ने पहले कहा था कि सलमान का इस घटना से कोई वास्ता नहीं है।
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सीआई की रिपोर्ट को अज्ञात सूत्रों का हवाला देते हुए वाशिंगटन पोस्ट ने प्रकाशित किया है। इसके मुताबिक, खुफिया एजेंसी सबूतों और गवाहों के बयानों के बाद इस नतीजे पर पहुंची है। सलमान के भाई खालिद बिन सलमान और खशोगी के बीच फोन पर हुई बातचीत की भी जांच की गई। खालिद अमेरिका में सऊदी राजदूत हैं।
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रिपोर्ट के मुताबिक खालिद ने ही खाशोगी से फोन पर कहा था कि वे इस्तांबुल स्थित सऊदी दूतावास जाएं और अपनी शादी से संबंधित कागजी कार्यवाही पूरी कर लें। खालिद ने उनसे सुरक्षा का वादा भी किया था। सूत्रों के मुताबिक, खालिद ने क्राउन प्रिंस के निर्देश पर ही खशोगी को फोन किया था।
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इससे पहले शुक्रवार को अमेरिका ने खशोगी की हत्या में कथित रूप से शामिल रहे सऊदी के 17 नागरिकों पर गुरुवार को गंभीर मानवाधिकार उल्लंघन के लिए प्रतिबंध लगा दिया गया। इनमें सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के करीबी सउद अल-कहतानी और सऊदी के राजनायिक जनरल मोहम्मद ओतैबी शामिल हैं।
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अमेरिकी राजस्व मंत्री स्टीवन न्यूकिन ने मामले पर बयान जारी कर कहा कि जिन लोगों पर प्रतिबंध लगाए गए वे सब खशोगी की हत्या में शामिल हैं। उन्हें अंजाम भुगतना पड़ेगा।
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ओतैबी के साथी माहेर मुतरेब पर भी प्रतिबंध लगाया गया है। मुतरेब खशोगी के हत्या वाले दिन (2 अक्टूबर) को तुर्की में ही थे। उनके साथ 14 अन्य लोग 2 अक्टूबर को इस्तांबुल छोड़कर सऊदी लौट गए थे। प्रतिबंधों के बाद कोई भी अमेरिकी नागरिक इन लोगों के साथ कारोबार में शामिल नहीं हो सकेगा।
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इससे पहले गुरुवार को सऊदी अरब के सरकारी वकील ने खशोगी की हत्या से जुड़े पांच अधिकारियों के लिए मौत की सजा की मांग की। हालांकि, क्राउन प्रिंस को मामले में क्लीनचिट दे दी गई थी। इस ऐलान के बाद ही अमेरिका ने प्रतिबंध का ऐलान किया।