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Posted by Surinder Verma on Tuesday, June 23, 2020

INDvsSL: आखिरी टेस्ट आज, 9वीं सीरीज़ जीत इतिहास रचने उतरेगा भारत

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विजय रथ पर सवार विराट कोहली की अगुआई वाली भारतीय टीम शनिवार से दिल्ली के फिरोज़शाह कोटला मैदान पर श्रीलंका के खिलाफ शुरू हो रहे तीसरे और आखिरी क्रिकेट टेस्ट में लगातार 9वीं सीरीज़ जीतकर इतिहास रचने के इरादे से उतरेगी.

ऑस्ट्रेलिया-इंग्लैंड के रिकॉर्ड की बराबरी
नागपुर में दूसरे टेस्ट में पारी और 239 रन की जीत के साथ मौजूदा सीरीज़ में 1-0 से आगे चल रही भारतीय टीम ने कोहली की अगुआई में पिछली आठ सीरीज़ में जीत दर्ज की है और अगर टीम शनिवार से शुरू हो रहे तीसरे टेस्ट को ड्रॉ भी करा लेती है तो लगातार नौ टेस्ट सीरीज़ जीतने के ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के रिकॉर्ड की बराबरी कर लेगी.

भारत ने पिछली सीरीज़ 2014-15 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उसी की सरज़मीं पर गंवाई थी. टीम इंडिया को तब चार मैचों की सीरीज़ में 2-0 से शिकस्त का सामना करना पड़ा. इसके बाद से भारत ने 9 सीरीज़ खेली और लगातार आठ सीरीज़ जीतकर इतिहास रचने की दहलीज़ पर खड़ा है. टीम इंडिया ने इस दौरान स्वदेश में पांच, श्रीलंका में दो और वेस्टइंडीज़ में एक सीरीज़ जीती.
लगातार 7 सीरीज़ जीता भारत
दुनिया की नंबर एक टीम भारत के स्वदेश में दबदबे का अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि 2012-13 में इंग्लैंड के खिलाफ चार मैचों की सीरीज़ 2-1 से गंवाने के बाद से वह अपनी मेज़बानी में लगातार सात सीरीज़ जीत चुका है. टीम इंडिया ने इस दौरान 23 मैचों में से 19 में जीत दर्ज की जबकि एकमात्र मैच उसने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ गंवाया.
दक्षिण अफ्रीका के कड़े दौरे से पहले यह भारत के लिए अंतिम टेस्ट मैच होगा और ऐसे में टीम प्रबंधन की इच्छा के अनुरूप कोटला में भी कोलकाता के ईडन गार्डन्स और नागपुर के वीसीए स्टेडियम की तरह घसियाली पिच पर मैच हो सकता है. ईडन गार्डन्स पर तेज़ गेंदबाज़ों ने कहर बरपाया था जबकि नागपुर में स्पिनर अधिक प्रभावी रहे थे.

टीम मैनेजमेंट के सामने बड़ा सवाल
टीम प्रबंधन के सामने यह भी सवाल होगा कि इस मैच में कोलकाता की तरह पांच गेंदबाज़ों के साथ उतरा जाए या नागपुर की तरह चार गेंदबाज़ों के साथ उतरकर अतिरिक्त बल्लेबाज़ को खिलाया जाए. अगर भारत पांच गेंदबाज़ों के साथ उतरने का फैसला करता है तो उप कप्तान अजिंक्य रहाणे को बाहर बैठाना पड़ सकता है. वह मौजूदा सीरीज़ की तीन पारियों में एक बार भी दोहरे अंक तक नहीं पहुंचे हैं. दूसरी तरफ रोहित शर्मा ने एक साल से भी अधिक समय बाद टीम में वापसी करते हुए नागपुर में शतक जड़ा था जिसके कारण उन्हें बाहर करना आसान फैसला नहीं होगा.

भारत पिछले 30 साल से कोटला पर अजेय है. यहां पिछले 11 मैचों में से 10 में टीम इंडिया ने जीत दर्ज की है और एक मैच बराबरी पर छूटा. इस मैदान पर भारत ने कुल 33 टेस्ट खेले हैं और उनमें से उसे 13 में जीत और छह में हार मिली जबकि 14 मैच ड्रॉ छूटे. भारत ने यहां पिछला मैच नवंबर 1987 में वेस्टइंडीज़ के खिलाफ पांच विकेट से गंवाया था. श्रीलंका ने इस मैदान पर सिर्फ एक मैच खेला है और उसमें भारत के हाथों उसे दिसंबर 2005 में 188 रन से हार झेलनी पड़ी थी.

कोहली के नाम होगा एक और रिकॉर्ड
कोलकाता में पहली पारी में तेज़ गेंदबाज़ी के अनुकूल हालात को छोड़कर भारतीय बल्लेबाज़ों ने अब तक प्रभावी प्रदर्शन किया है. कोहली ने दो मैचों की तीन पारियों में एक दोहरे शतक सहित दो शतकों की मदद से 317 रन बनाए हैं और एक बार फिर सभी की नज़रें उन पर टिकी होंगी. कोहली अगर 25 रन और बना लेते हैं तो टेस्ट क्रिकेट में 5000 रन पूरे करने वाले 11वें भारतीय बल्लेबाज़ बन जाएंगे. उन्होंने अब तक 62 मैचों में 51.82 के औसत से 4975 रन बनाए हैं.

ये बल्लेबाज़ हो सकता है बाहर
निजी कारणों से पिछले मैच में बाहर रहने वाले शिखर धवन और लोकेश राहुल में से एक को अंतिम एकादश से बाहर रहना पड़ सकता है क्योंकि मुरली विजय नागपुर में शतक जड़कर सलामी बल्लेबाज़ के रूप में अपना दावा मज़बूत कर चुके हैं. मध्यक्रम में कोहली का साथ बेहतरीन फॉर्म में चल रहे चेतेश्वर पुजारा, रोहित शर्मा और विकेटकीपर रिद्धिमान साहा निभा सकते हैं. रहाणे को अगर मौका मिलता है तो वह कोटला पर अपने पिछले प्रदर्शन को दोहराना चाहेंगे. उन्होंने इस मैदान पर दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ दिसंबर 2015 में हुए पिछले मैच की दोनों पारियों में शतक जड़े थे. रहाणे इसके अलावा 3000 टेस्ट रन की उपलब्धि भी हासिल कर सकते हैं जिसके लिए उन्हें 185 रन की दरकार है.

भारत के अहम गेंदबाज़
नागपुर में भारत की जीत में अहम भूमिका निभाने वाली ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन और रविंद्र जडेजा की जोड़ी एक बार फिर मैदान पर दिख सकती है. तेज़ गेंदबाज़ों में इशांत शर्मा, मोहम्मद शमी और उमेश यादव दावेदार होंगे. भारत हालांकि अगर पांच गेंदबाज़ों के साथ उतरने का फैसला करता है तो ऑलराउंडर विजय शंकर या चाइनामैन स्पिनर कुलदीप यादव को भी मौका मिल सकता है.

कोहली के पास इस मैच में जीत के साथ भारत के दूसरे सबसे सफल कप्तान के रूप में सौरव गांगुली की बराबरी करने का मौका होगा. गांगुली की अगुआई में भारत ने 49 मैचों में 21 जीत दर्ज की जबकि कोहली की अगुआई में भारत अब तक 31 मैचों में 20 जीत दर्ज कर चुका है. कप्तान के रूप में इन दोनों से अधिक जीत सिर्फ धोनी (60 मैचों में 27 जीत) के नाम दर्ज हैं.

बल्लेबाज़ी-गेंदबाज़ी से जूझ रही है श्रीलंका
दूसरी तरफ श्रीलंका को बल्लेबाज़ी और गेंदबाज़ी दोनों विभागों में जूझना पड़ा है. कप्तान दिनेश चांदीमल (दो मैचों में 166 रन) के अलावा टीम का कोई बल्लेबाज़ सीरीज़ में 100 रन के आंकड़े को भी पार नहीं कर पाया है. सलामी बल्लेबाज़ दिमुथ करूणारत्ने, लाहिरू थिरिमाने, एंजेलो मैथ्यूज़ और रंगना हेराथ ने एक-एक अर्धशतक जड़ा है लेकिन इनके प्रदर्शन में निरंतरता की कमी है. विकेटकीपर निरोशन डिकवेला और सलामी बल्लेबाज़ सदीरा समरविक्रम भी उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन करने में नाकाम रहे हैं. टीम के पास बल्लेबाज़ी में अधिक विकल्प भी नहीं हैं और अगर टीम प्रबंधन किसी बल्लेबाज़ को बाहर करने का फैसला करता है तो ऑलराउंडर धनंजय डिसिल्वा को मौका मिल सकता है.

गेंदबाज़ी में तेज़ गेंदबाज़ सुरंगा लकमल के अलावा टीम के अन्य गेंदबाज़ों ने निराश किया है. लकमल ने ईडन गार्डन्स की तेज़ गेंदबाज़ी की अनुकूल पिच पर पहली पारी में 26 रन देकर चार विकेट चटकाए लेकिन बाकी दो पारियों में वह इस प्रदर्शन को दोहराने में नाकाम रहे. टीम को बायें हाथ के अनुभवी स्पिनर हैराथ की भी कमी खलेगी जो चोटिल होने के कारण सीरीज़ से बाहर हो गए हैं.

तेज़ गेंदबाज़ लाहिरू गमागे ने निराश किया है और ऐसे में विश्व फर्नांडो को दौरे पर पहला मैच खेलने का मौका मिल सकता है. दासुन शनाका, हैराथ की जगह टीम में शामिल जेफ्रे वांडरसे, दिलरूवान परेरा और लक्षण संदाकन अन्य गेंदबाज़ी विकल्प हैं.

टीमें इस प्रकार हैं:
भारतः विराट कोहली (कप्तान), अजिंक्य रहाणे, रविचंद्रन अश्विन, शिखर धवन, रविंद्र जडेजा, कुलदीप यादव, मोहम्मद शमी, चेतेश्वर पुजारा, रिद्धिमान साहा, लोकेश राहुल, इशांत शर्मा, विजय शंकर, रोहित शर्मा, मुरली विजय और उमेश यादव में से.

श्रीलंकाः दिनेश चांदीमल (कप्तान), दिमुथ करूणारत्ने, सदीरा समरविक्रम, एंजेलो मैथ्यूज, लाहिरू थिरिमाने, निरोशन डिकवेला, लाहिरू गमागे, जेफ्रे वांडरसे, सुरंगा लकमल, दासुन शनाका, धनंजय डिसिल्वा, विश्व फर्नांडो, दिलरूवान परेरा, लक्षण संदाकन और रोशन सिल्वा में से।