भारत का डिजिटलाइजेशन, विश्व के लिये उदाहरण और केस स्टडी: फाइनेंशियल एक्सपर्ट
एसडी कॉलेज में वित्तीय जागरूकता के लिये सत्र आयोजित
चंडीगढ़, स्टूडेंट्स आज से ही सेविंग की ओर अपना रुख करें जो कि निकट भविष्य में उनके कैरियर और प्रोफेशनल जीवन के लिये अत्यंत लाभकारी साबित होगा। यह भाव सैक्योरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड आॅफ इंडिया (सेबी) के आजीवन सदस्य अश्विनी भाटिया ने शुक्रवार को सिजिटंस अवैरनेस ग्रुप, सेबी और बीएसई के सहयोग से सेक्टर 32 स्थित एसडी काॅलेज में कामर्स और विभागों की फैकल्टी के लिये आयोजित एक विशेष सत्र के दौरान प्रकट किये। स्टेट बैंक आॅफ इंडिया के पूर्व एमडी पद रह चुके भाटिया ने लगभग दो घंटे चले इस सत्र के दौरान अपने फाईनैंश्यिल कैरियर के अनुभव को साझा करते हुये सेविंग के लिये प्रेरित किया। उन्होंनें डिस्पिलिन, डिफाॅल्ट और डायवर्सिफिकेशन के सिद्धांत का उदारहण पेश करते हुये युवाओं को बताया कि सेविंग के साथ इनवेस्टमेंट भी आवश्यक है जिसके लिये लंबी अवधि का धीरज रखना होता है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इस सेक्टर में कोई शाॅर्टकट नहीं है। भारतीय बाजार में रोजाना 8800 करोड़ के ट्रांसजेशन की मिसाल देते हुये भाटिया ने बताया कि भारत डिजिटलाईजेशन की दृष्टि से समूचे विश्व के लिये उदाहरण है और पश्चिमी देशों के लिये यह आयाम एक ‘केस स्टडी’ है। उन्होंनें आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिये इमरजेंसी काॅर्पस के रखाव की भी दलील दी।
इससे पूर्व आयोजक और सिजिटंस अवैरनेस ग्रुप के चैयरमेन सुरेन्द्र वर्मा ने अपने स्वागत संबोधन में कहा कि स्टूडेंट्स में भावी निवेशक होने की ललक है । उन्हें इन्वेस्टमेंट मार्केट और वित्तीय जागरूकता प्रदान करने की दृष्टि से इस सत्र का आयोजन किया गया ।
अपने संबोधन में सेबी के क्षेत्रीय निदेशक राजेश दनगेती ने बताया कि निवेश बाजार टेकनोलोजी के माध्यम से करोड़ो रुपयो का व्यापार कर रहा है । टेकनोलोजी की प्रगति के कारण निवेशकों के लिये जहां चीजें सरल हो गई वहीं वित्तीय धोखाधड़ी में भी खासा उछाल दर्ज हुआ जिसके लिये सजग होने की आवश्यकता है। दनगेती ने बताया कि सेबी धोखाधड़ी की जांच और एक मजबूत शिकायत निवारण तंत्र के लिये विशेष विभाग समर्पित करके एक नियामक के रुप में भी काम कर रहा है।
इस दौरान बीएसई के प्रवक्ता हरंिबंदर सोखी ने अपने विचार व्यक्त करते हुये स्टूडेंट्स को बताया कि कोविड के समय से ही लोगों ने निवेश करना शुरु किया विशेषकर युवाओं ने ।परन्तु यह सुनिश्चित करने की भी जरूरत है कि कोई भी निवेश करने से पहले सभी सावधानियां बरती जायें। उन्होंनें चेताया कि जल्दी पैसा देने का वादा करने वालो से सावधानी से निपटा जाना चाहिये।
अपने धन्यवाद संबोधन में कॉलेज के प्रिंसिपल अजय शर्मा ने आये विशेषज्ञों का आभार व्यक्त करते हुये कहा कि यकीनन ही इस सत्र से स्टूडेंट्स और फैकल्टी के वित्तीय समाधानों को लेकर कई भ्रम दूर हुये हैं। निकट भविष्य में कॉलेज स्टूडेंट्स के हितो में सेबी और बीएसई के ऐसे आयोजन करता रहेगा।