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Posted by Surinder Verma on Tuesday, June 23, 2020

हरियाणा के राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय ने सोमवार शाम को हरियाणा भवन, नई दिल्ली में ‘‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत‘‘ कार्यक्रम के तहत एनआईटी, मिजोरम और गवर्नमेंट आइजोल नॉर्थ कॉलेज के छात्रों और फैकल्टी सदस्यों के साथ बातचीत की।

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चंडीगढ़, 28 फरवरी- हरियाणा के राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय ने सोमवार शाम को हरियाणा भवन, नई दिल्ली में ‘‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत‘‘ कार्यक्रम के तहत एनआईटी, मिजोरम और गवर्नमेंट आइजोल नॉर्थ कॉलेज के छात्रों और फैकल्टी सदस्यों के साथ बातचीत की। इस पहल के लिए हरियाणा राज्य से नोडल संस्थान के तौर पर प्रयुक्त आईआईएम रोहतक द्वारा उत्तर पूर्व से आए इन छात्रों का स्वागत किया गया।
उनके साथ बातचीत करते हुए श्री बंडारू दत्तात्रेय ने आपसी तालमेल के लिए शुरू की गई इस पारास्परिक पहल के दौरान छात्रों को हरियाणा व उनके राज्यों के बीच की विविध संस्कृति, इतिहास और भावना को सीखने और खोजने के अवसर के रूप में जानने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि यह अवसर उत्तर पूर्व और शेष भारत के युवाओं के बीच सांस्कृतिक जागरूकता और राष्ट्रवाद की भावना पैदा करेगा।

श्री दत्तात्रेय ने कहा कि छात्र अपने प्रवास के दौरान विभिन्न सांस्कृतिक, सामाजिक और शैक्षणिक कार्यक्रमों के माध्यम से एक-दूसरे की सर्वोत्तम प्रथाओं और अनुभवों को ग्रहण कर सकते हैं।
राज्यपाल ने बताया कि भारत सरकार के ‘‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत‘‘ कार्यक्रम का उद्देश्य विभिन्न प्रदेशों व केंद्र शासित प्रदेशों के लोगों के बीच आपसी समझ को बढ़ावा देना है। उन्होंने कहा कि आईआईएम रोहतक मिजोरम के छात्रों के साथ हरियाणा प्रदेश और मिजोरम राज्यों के बीच में सांस्कृतिक-परंपरिक, रहन-सहन, पर्यटन और खान-पान के क्षेत्रों में आपसी आदान-प्रदान को बढ़ावा देने के लिए और सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने के लिए गतिविधियां आयोजित करेगा। युवा संगम पर्यटन, परंपरा, प्रगति और पारस्परिक संपर्क के चार व्यापक क्षेत्रों के तहत विभिन्न पहलुओं वाले बहुआयामी अनुभव प्रदान करेगा।
इस कार्यक्रम में आईआईएम रोहतक के निदेशक डा0 धीरज शर्मा ने परिसर में छात्रों का स्वागत किया। अपनी बातचीत के दौरान, उन्होंने कहा कि ‘‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत‘‘ जैसी इंटरकल्चरल डायलॉग एक उत्कृष्ट पहल है जो हमें यह एहसास कराती है कि हम सभी जितना सोचते हैं उससे कहीं अधिक सामान्य हैं। सांस्कृतिक मतभेद हमें एक दूसरे से अलग नहीं करते बल्कि इसके उलट वे हमारी ताकत हैं। सांस्कृतिक विविधता हमें करीब लाती है। अगर हम सब एक समान होते तो दुनिया नीरस होती। इसलिए ‘‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत‘‘ जैसा इंटरकल्चरल डायलॉग एक दयालु, शांतिपूर्ण, निष्पक्ष और टिकाऊ दुनिया की स्थिति सुनिश्चित करने के लिए एक महान तंत्र है।
कार्यक्रम के दौरान आईआईएम रोहतक के डीन एकेडमिक्स प्रोफेसर कौस्तब घोष ने कहा कि हम राष्ट्रीय महत्व के संस्थान के रूप में जम्मू-कश्मीर और उत्तर पूर्व के छात्रों को आईआईएम का अनुभव प्रदान करने के लिए अनेकों कार्यक्रमों का आयोजन कर रहे हैं। हर साल की तरह जम्मू-कश्मीर की लगभग 70 छात्राओं को समर इंटर्न के रूप में छह सप्ताह के समय के लिए अपने कैंपस में प्रशिक्षित करते हैं। इस बार फिर से ‘‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत‘‘ के हिस्से के रूप में हम मिजोरम से 24 छात्रों की मेजबानी कर रहे हैं और उन्हें एक समृद्ध अनुभव प्रदान करने का प्रयास करेंगे जो वे अपने साथ रखेंगे। हम भविष्य में भी इस तरह के कार्यक्रम करते रहेगें।
आईआईएम रोहतक ने युवा प्रबंधकों को उत्कृष्टता प्रबंधन क्षमता प्रदान करने में एक दशक से अधिक का समय पूरा कर लिया है। यह देश के शीर्ष प्रबंधन संस्थानों में से एक है और दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में एकमात्र आईआईएम है। यह संस्थान बीबीए एमबीए डिग्री प्रोग्राम और बीबीए एलएलबी डिग्री प्रोग्राम करने वाला पहला आईआईएम है। संस्थान ने 2022 में एमबीए की मान्यता प्राप्त की, जिससे यह दुनिया भर के शीर्ष दो प्रतिशत प्रबंधन संस्थानों में शामिल हो गया। वर्तमान में शिक्षा जगत में सबसे प्रमुख नामों में से एक, संस्थान भविष्य के व्यापारिक नेताओं को तैयार करने के लिए बहु-विषयक दृष्टिकोण के साथ ज्ञान प्रदान करता है।