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Posted by Surinder Verma on Tuesday, June 23, 2020

हरियाणा में स्थापित हुई एटीएम फ्रॉड इन्वेस्टिगेशन सेल

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हरियाणा में स्थापित हुई एटीएम फ्रॉड इन्वेस्टिगेशन सेल

चंडीगढ़, 11 अगस्त- बढती डिजिटल दुनिया के साथ-साथ एटीएम ठगी के बढते मामलों के मद्देनजर हरियाणा पुलिस की स्टेट क्राइम ब्रांच द्वारा प्रदेश के सभी 22 जिलों में 22 एटीएम फ्रॉड इन्वेस्टिगेशन सेल (एएफआईसी) की शुरुआत की गई है।
हरियाणा पुलिस के प्रवक्ता ने आज इस संबंध में बताया कि गत माह 01.07.2022 को शुरू की गई एएफआईसी को स्टेट क्राइम ब्रांच द्वारा प्रदेश के अलग अलग जिलों से 132 अनट्रेस मुकदमे इंवेस्टीगेशन के लिए सौंपे गए हैं।
जैसा कि विदित है कि आज के युग में एटीएम आम इंसान की जिंदगी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। आम आदमी अपनी रोजाना की लेन देन एटीएम से ही करता है। वर्तमान दौर में अपराधियों ने इसी महत्वपूर्ण हिस्से पर सेंध लगाने का काम किया है। हालांकि इस मोडस ऑपरेंडी के अपराधों से समन्वित व प्रभावी तरीके से निपटने के लिए पुलिस द्वारा लगातार प्रयास किए जा रहे हैं, फिर भी कई बार ऐसे फाइनेंसियल फ्रॉड के मामलों में जिला पुलिस द्वारा अनट्रेस रिपोर्ट दे दी जाती है और आरोपी बच निकलते है।
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, ओ.पी.सिंह, आईपीएस राज्य अपराध शाखा ने इस समस्या को सुलझाने और दोबारा से अनट्रेस मुकदमों पर काम करने के लिए कड़े निर्देश दिए हैं। इसी अवधारणा के तहत हरियाणा में राज्य अपराध शाखा के अंतर्गत एटीएम फ्रॉड इन्वेस्टीगेशन सेल की शुरुवात की गयी है जिसमें जिलों के अनट्रेस मुकदमों को सुलझाने का बीड़ा उठाया गया है।
पुलिस प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया की एक मुकदमे में शिकायतकर्ता रविंद्र निवासी भिवानी ने दिसंबर 2021 में दी गयी अपनी शिकायत में आरोप लगाया कि वह रूपए निकलवाने भिवानी के रोहतक गेट स्थित एटीएम पर गया था। घर आकर खाता चेक पर उसने पाया की उसके खाते से करीबन 55000 रूपए एटीएम द्वारा निकाले गए है। उसी आधार पर शिकायतकर्ता द्वारा अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ लोकल थाने में शिकायत दर्ज करवाई गयी और इस अपराध को जिला पुलिस द्वारा अनट्रेस घोषित कर दिया गया था। उक्त अभियोग की जांच दोबारा से करने के लिए राज्य अपराध शाखा, एटीएम फ्रॉड इन्वेस्टीगेशन सेल भिवानी के एएसआई प्रदीप को सौंपी गई। जांच करने पर पाया की शिकायतकर्ता का एटीएम बदल कर अलग अलग जगहों पर एटीएम मशीन और पेट्रोल पंप पर कार्ड स्वाइप कर 55000 रुपए निकाले गए हैं। एएसआई प्रदीप ने फाइल पर मौजूद तथ्यों के आधार पर जांच शुरू की। दौरान जांच सीसीटीवी खंगालने के बाद आरोपी की पहचान की गयी। आरोपी अन्य मुकदमे में पहले ही सुनारिया रोहतक जेल में सजायाफ्ता है। अदालत से प्रोडक्शन वारंट जारी कर और तथ्यों के आधार पर कार्रवाई करते हुए आरोपी सुनील निवासी रैनकपूरा रोहतक को गिरफ्तार किया। पूछताछ में आरोपी सुनील ने कई अपराध में संलिप्त होना स्वीकार किया और अन्य साथियों की जानकारी दी।
इसी आधार पर एटीएम फ्रॉड इन्वेस्टीगेशन सेल, भिवानी एक अन्य मुकदमे में एटीएम फ्रॉड करने में माहिर अपराधी राहुल उर्फ चैड़ा निवासी रैनकपूरा, रोहतक को अन्य मुकदमे में गिरफ्तार किया। आरोपी राहुल उर्फ चैड़ा एटीएम बदलकर व एटीएम क्लोन तैयार कर फ्रॉड करने के अपराधों में माहिर है। जांच में पता चला की आरोपी पर हरियाणा के कई जिलों के अलावा पंजाब का भी एक मुकदमा दर्ज है और उन्हीं मुकदमों में आरोपी पहले से रोहतक में जेल में है। आरोपी को अदालत में पेश कर तीन दिन की रिमांड हासिल किया गया जहाँ जांच में उसने कुल 3 लाख 84 हजार के फ्रॉड करने की बाद कबूल की और करीब 64,500 की बरामदगी की गयी है। इनके अलावा दोनों आरोपियों ने एक साथी के बारे में जानकारी दी है जिसकी जांच में पुलिस जुटी हुई है। अक्सर अनुसंधान में सबूतों के अभाव में आरोपी बच जाते है लेकिन एटीएम फ्रॉड इन्वेस्टिगेशन सेल की स्थापना इन अपराधों के ध्यान में रखते हुए की गयी है ताकि आम जनता की मेहनत की कमाई को बचाया जा सके। वर्तमान में स्टेट क्राइम ब्रांच के अंतर्गत काम करने वाली सेल सभी अनट्रेस मुकदमों का बारीकी से अध्ययन कर रही है ताकि इन मुकदमों को सुलझा कर अपराधियों को जेल की सलाखों के पीछे पहुँचाया जा सके और आमजन में पुलिस की कार्रवाई एंव निष्ठा के प्रति विश्वास और गहरा हो सके।