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Posted by Surinder Verma on Tuesday, June 23, 2020

पानीपत फोगिंग करने के नाम से जनता को ​बनाया जा रहा हैं ​बेवफ़ूक

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फोगिंग करने के नाम से जनता को 

बनाया जा रहा हैं 

बेवफ़ूक 

​,​

 डेंगू के प्रकोप से न​ ​

सास की बीमारी 

​,

 

​वाह 

 रे स्वास्थ्य विभाग 

​फोगिंग 

 का कोई फायदा नहीं है बल्कि इसका 

​हैं ​

नुकसान 

फोगिंग 

में प्रयोग में लाई जाने वाली दवा

​ई ​हैं 

जहरीली  

सांस 

​लेने ​

में 

आती है

​ 
दिक्कत ,

जहरीली दवाई से सांस की 

होती हैं

​ ​

बीमारी 
लाखों रूपये हो रहे हैं बर्बाद 
कुलदीप वर्मा  -पानीपत स्वास्थ्य विंभाग खुलासा 
 

 मौसम के परिवर्तन के साथ-साथ डेंगू और मच्छरों का प्रकोप लोगों के लिए असहनीय सा हो जाता 

​हैं।

 डेंगू मच्छरों के प्रकोप को कम करने के लिए स्वास्थ्य विभाग बड़े-बड़े कदम उठाता है 

 उनमें से एक कदम 

​फोगिंग 

 का है जिससे डेंगू के मच्छरों का प्रकोप कम होता है

​ 

 लेकिन स्वास्थ्य

​​

 विभाग

​ की ​

 डिप्टी सीएमओ शशि गर्ग ने फोगिंग 

​को 

 नुकसान इस में प्रयोग की जाने वाली दवाई को जहरीली दवाई बताया है

 जिससे सांस की बीमारी पैदा होती है 

उधर प्र

​​

शासन ने भी 

​फोगिंग 

से मच्छर 

​नहीं ​

मरने की बात कही है

​ 

जबकि सरकार लाखों रुपए 

​फोगिंग 

पर खर्च कर रही है

​ 

 प्रशासन और सरकार दोनों मिलकर आम जनता को बेवकूफ बनाने की कोशिश कर रहे हैं

​ 

।​

​वीओ – ​

सरकार 

​फोगिंग के नाम से 

लाखों रुपए खर्च कर रही है 

वही सरकार के ही अधिकारी 

​व् प्रशासन ​

 ने एक बड़ा खुलासा करते हुए कहा है कि 

​फोगिंग 
​का कोई फायदा 

नहीं है ।

​फोगिंग 

 के द्वारा मच्छर 

​मरता 

नहीं है 

​केवल भागता 

है

​ 

 यह थोड़ी दूर पर जाकर बैठ जाता है और जब 

​दवाई का 

 असर खत्म हो जाता है तब मच्छर वापस वही आकर बैठ जाता है

​ 

इसलिए 

​फोगिंग 

 का कोई फायदा नहीं है बल्कि इसका नुकसान है

​ 

 स्वास्थ्य विभाग की डिप्टी सीएमओ 

​शशि गर्ग 

 ने कहा कि 

​फोगिंग 

में प्रयोग में लाई जाने वाली दवा

​ई ​

जहरीली दवाई है जिससे सांस 

​लेने ​

में दिक्कत आती है

​ 

 

​इस जहरीली दवाई से सांस की बीमारी होती हैं। ​

जब हमने 

​उनसे ​

पूछा 

​की फिर सरकार ​

लाखों रुपए 

​क्यों ​

खर्च 

​कर रही 

हैं

​ 

 उन्होंने इस पर कुछ भी बोलने से मना कर दिया

​ 

​वीओ – ​

पानीपत जिले के उपायुक्त चंद्रशेखर खरे ने भी कहा की 

​फोगिंग 

 से मच्छर मरता नहीं है

​ 

 लेकिन फिर भी हम जहां 

​इन 

 मच्छरों का  ज्यादा प्रकोप है वहां 

​फोगिंग 

 करवाई जा रही है

।​

 

 

​​

एन

​ ​

जी

​ ​

ओ के द्वारा पानीपत 

​जिले में ​
​फोगिंग कर 

रहे हैं

​ 

​उस पर स्वास्थ्य विभाग व् प्रशासन द्वारा कहना की फोगिंग से नुकसान हो रहा हैं। कही न कही संस्था द्वारा किये जा रहे समाजिक कार्यो में बाधा पैदा करता हैं।

एन

​ ​

जी

​ ​

​ के ​

 सदस्य गौरव ने कहा कि हम पिछले 25 दिन से अलग-अलग जगह जाकर पानीपत की अलग अलग कालोनियों में 

​फोगिंग कर रहे हैं। ​

जब उनसे पूछा गया कि स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि इस 

​फोगिंग का 

कोई भी लाभ नहीं 

​हैं।

 उनका कहना था कि अगर 

​फोगिंग 

से कोई मच्छर नहीं मरता 

​और इसका कोई ​

लाभ नहीं है तो  2 साल पहले 

​मुख्य चिकित्सा अधिकारी के देख रेख में 

16 

​फोगिंग की मशीने क्यों 

खरीदी गई थी

​ 

​गौरव ने कहा की ​

 इस बार यह सभी मशीनें निगम के पास चली गई हैं 

जबकि निगम 

​अभी तक कही भीफोगिंग 

 नहीं कर रहा है

​ 

 

​हमारी ऍन जी ओ ने 

 3 

​फोगिंग की ​

मशीन 

​खरीदी हैं। 

उन्होंने कहा कि 

​फोगिंग से 

मच्छर मरता है या नहीं 

​यह 

 तो 

​सीएमओ 

ही बता सकते हैं 

लेकिन डेंगू के 

​मच्छर का 

प्रकोप 

​पर 

 फर्क पड़ता है 

 ​

संस्था के अन्य सदस्य राजू का कहना है कि हमारा 

​एक 

 दिन में 

​एक मशीन पर लगभग ​

2000 के आसपास खर्च आता है

 जबकि प्रशासन के पास 16 

​मशीने 

हैं 

​ ​
​उन्होंने कहा की प्रशासन पर 16 मशीने यानि के 16 कर्मचारियों की सैलेरी ,मशीन की दवाई ,पैट्रोल व् 

लेबर का खर्चा सब कुछ मिलाकर 4 से 5000 पर एक मशीन पर खर्च आता है 

​इसका मतलब यह हुआ की हररोज लगभग 80 हजार रूपये का खर्च सरकार कर रही हैं 

​यदि इस फोगिंग का कोई लाभ नहीं तो फिर इतना सारा पैसा कहा जा रहा हैं 

 ​

 सवाल तो बड़े उठते हैं प्रशासन 

​व् 

 स्वास्थ्य विभाग के अलग-अलग अधिकारियों को इस मामले में अलग अलग 

​बयान 

 दिए जा रहे हैं जिससे कहीं ना कहीं लाखों रुपए का चूना सरकार को 

​लगाया जा रहा हैं और फोगिंग करने के नाम से जनता को बेवफ़ूक बनाया जा रहा हैं और डेंगू के प्रकोप से न बचाकर उन्हें सास की बीमारी दी जा रही हैं। वहा रे स्वास्थ्य विभाग