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Posted by Surinder Verma on Tuesday, June 23, 2020

लुधियाना फैक्टरी हादसा: एमर्सन पॉलीमर का मालिक गिरफ्तार, गैरइरादन हत्‍या का केस

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लुधियाना। शहर के सूफिया चौक में सोमवार को पांच मंजिला फैक्‍टरी में आग लगने और उसके ढह जाने के मामले में पुलिस अौर प्रशासन ने जांच शुरू कर दी। फैक्टरी मालिक इंदरजीत सिंह गोला को गिरफ्तार कर लिया है। इसके अलावा पुलिस ने उनके खिलाफ दर्ज गैर इरादतन हत्‍या का केस दर्ज किया है।
पुलिस कमिश्नर आरएन ढोके ने बताया कि गोला को बुधवार को गिरफ्तार कर लिया गया है। 20 नवंबर को घटना के बाद गोला के खिलाफ दर्ज एफआइआर में धारा 304 ए (लापरवाही से गैर इरादतन हत्‍या) का मामला दर्ज किया गया था, लेकिन मामले की जांच के बाद उसे आइपीसी की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या) में तब्दील कर दिया गया।
इसके अलावा फैक्टरी के आसपास की इमारतों को हुए नुकसान के कारण उनके खिलाफ भादसं की धारा 337, 338, 427 और 285 भी लगाई गई है। उल्लेखनीय है कि सोमवार की सुबह फैक्टरी में आग लगने के बाद दोपहर करीब 12 बजे पांच मंजिला इमारत ढह गई थी। इस दुर्घटना में छह फायर ब्रिगेड कर्मियों सहित 13 लोगों की मौत हो गई और चार लोगों को मलबे से जिंदा निकाला गया था। अब भी कुछ लोगों के मबले में दबे होने की आशंका है और उनकी तलाश जारी है। उन्होंने बताया कि गोला को अदालत में पेश करके रिमांड हासिल किया जाएगा।
ढही इमारत के मलबे की होगी फॉरेंसिक जांच
फैक्‍टरी के मलबे की फॉरेंसिक जांच की जाएगी। मामले की जांच के लिए लुधियाना पहुंचे डिवीजनल कमिश्नर वीके मीना ने बताया कि राहत कार्य में लगे अफसरों को मलबे के नमूने की जांच के लिए फॉरेंसिक लैब में भेजने की हिदायत दी गई है, ताकि यह पता चल सके कि आग लगने के बाद धमाका किस कारण हुआ था।
कमिश्नर के अनुसार फैक्टरी में कोई ऐसा केमिकल भी हो सकता है, जो रखना गैरकानूनी होगा। यह जांच की जा रही है कि फैक्टरी मालिक ने कितना गैरकानूनी केमिकल रखा था। मीना बुधवार की दोपहर लुधियाना पहुंचे। कमिश्नर ने सीधा घटनास्थल पर पहुंच कर जायजा लिया और सीएमसी अस्पताल में उपचाराधीन घायलों से मुलाकात की।

कमिश्नर ने कहा कि मामले की जांच जमीनी स्तर पर की जाएगी। आरंभिक जांच में ऐसा पता चला था कि 2008 तक उक्त इमारत का हाउस टैक्स अदा किया गया था। उस वक्त दो मंजिला इमारत थी। इसके बाद निर्माण की अनुमति ली गई या नहीं, यह निगम रिकार्ड से पता चलेगा। इसके बाद ही कुछ कहा जा सकता है। हालांकि उन्होंने स्पष्ट कहा कि जांच में लापरवाही बरतने वाले किसी भी अफसर या कर्मचारी को बख्शा नहीं जाएगा।