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Posted by Surinder Verma on Tuesday, June 23, 2020

भ्रष्टाचार और सरकारों के वायदे पूरे न करने की प्रवृत्ति को उजागर करें पत्रकार : बंडारू दत्तात्रेय

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भ्रष्टाचार और सरकारों के वायदे पूरे न करने की प्रवृत्ति को उजागर करें पत्रकार : बंडारू दत्तात्रेय

एनयूजे-आई की नेशनल कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया हरियाणा के राज्यपाल ने

चण्डीगढ़ : हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने राजनीति में बढ़ते भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद और सार्वजनिक जीवन में लोगों से किए गए वायदों को पूरा न करने की प्रवृत्ति पर चिंता व्यक्त करते हुए पत्रकारों से ऐसी प्रवृत्तियों को उजागर करने का आह्वान किया। राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने हैदराबाद में आयोजित नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स (एनयूजे-आई) के राष्ट्रीय सम्मेलन को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित किया और कहा कि भ्रष्टाचार कैंसर के बराबर है।
दत्तात्रेय ने कहा कि सार्वजनिक जीवन में मूल्यों का ह्रास, जाति, धर्म, क्षेत्रीय और सांप्रदायिक पूर्वागृह को बढ़ावा देने की प्रवृत्तियों के खिलाफ पत्रकारों को लोगों में जागरूकता पैदा करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मीडिया को यह बताना चाहिए कि क्या सरकार अपने वायदों को पूरा करने में विफल रही है और लोगों को लाभ पहुंचाने वाले कार्यक्रमों को सफलतापूर्वक लागू कर रही है। यह देखना चाहिए कि गरीबों, हाशिए पर पड़े लोगों और वंचितों के लाभ के लिए बनाए गए कार्यक्रम लक्षित समूहों तक पहुंच रहे हैं या नहीं। उन्होंने कहा कि समाचार को समाचार ही रहना चाहिए, राय नहीं और मीडिया को अपनी रिपोर्टिंग में पारदर्शिता और निष्पक्षता बनाए रखनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मीडिया की विश्वसनीयता उसकी रिपोर्टिंग की सत्यता पर निर्भर करती है।
हरियाणा के राज्यपाल दत्तात्रेय ने कहा कि लोकतंत्र की सफलता के लिए मीडिया एक शक्तिशाली हथियार है और मीडियाकर्मियों की सुरक्षा भी सुनिश्चित की जानी चाहिए। उन्होंने सलाह दी कि वर्तमान सरकार को मीडियाकर्मियों के वेतन, आवास और चिकित्सा आवश्यकताओं के मामले में उनके सम्मानजनक जीवन स्तर को सुनिश्चित करना चाहिए।
इस अवसर पर एनयूजे (आई) के नवनिर्वाचित राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवाजी सरकार ने मांग की कि भारतीय प्रेस परिषद को पुनर्जीवित किया जाना चाहिए और मीडिया आयोग के रूप में मजबूत किया जाना चाहिए। वैकल्पिक मीडिया प्लेटफार्मों के विकास को देखते हुए उन्होंने कहा कि ऑनलाइन पोर्टल, यूट्यूब चैनल और अन्य रूपों के लिए काम करने वाले पत्रकारों को भी श्रमजीवी पत्रकारों के दायरे में लाया जाना चाहिए। मीडियाकर्मियों के लिए बढ़ते खतरों पर चिंता व्यक्त करते हुए शिवाजी सरकार ने कहा कि उनकी सुरक्षा के लिए प्रभावी तंत्र उपलब्ध कराए जाने चाहिए। उन्होंने देशभर के पत्रकारों से उन बदलती परिस्थितियों के प्रति सचेत रहने का आह्वान किया, जिनमें वे काम कर रहे हैं, जहां मीडिया के बुनियादी मूल्यों को दरकिनार किया जा रहा है। एनयूजे (आई) के नवनिर्वाचित महासचिव रवि मीनाक्षी सुंदरम ने पत्रकारों के लिए एक नए वेतन बोर्ड की आवश्यकता पर बल दिया, जिससे सभी प्रकार के पत्रकारों को मुख्यधारा में लाया जा सके। सम्मेलन को एनयूजे (आई) के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष उप्पला लक्ष्मण, उपाध्यक्ष संजय राय, सविता कुलकर्णी और अन्य ने भी संबोधित किया। इस सम्मेलन में पत्रकारिता के सामने आने वाले महत्वपूर्ण मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया गया। वरिष्ठ पत्रकारों, संपादकों और संवाददाताओं सहित पूरे भारत से आए प्रतिनिधियों ने जमीनी स्तर के अनुभव सांझा किए और आज के तेजी से विकसित हो रहे मीडिया परिदृश्य में नैतिक पत्रकारिता को बनाए रखने की चुनौतियों का पता लगाया।
इस मौके पर आरएनआई द्वारा नए-नए नियम थोपे जाने पर भी चिंता व्यक्त की गई तथा निर्णय लिया गया कि वर्तमान में जो नए नियम बनाए गए हैं, उनका पुरजोर विरोध किया जाएगा तथा सूचना एवं प्रसारण मंत्री के साथ ही आरएनआई के रजिस्ट्रार से जल्द मिलकर उन्हें ज्ञापन दिया जाएगा।