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Posted by Surinder Verma on Tuesday, June 23, 2020

वरिष्ठ नागरिक काव्य मंच के संस्थापक श्री नरेश नाथ के सानिध्य में 29 अगस्त 2023 को पंचकूला इकाई के अध्यक्ष बालकृष्ण गुप्ता सागर के निवास पर रक्षाबंधन की पूर्व संध्या पर एक काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया

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गौरव वर्मा पंचकूला- वरिष्ठ नागरिक काव्य मंच के संस्थापक श्री नरेश नाथ के सानिध्य में 29 अगस्त 2023 को पंचकूला इकाई के अध्यक्ष बालकृष्ण गुप्ता सागर के निवास पर रक्षाबंधन की पूर्व संध्या पर एक काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया ईकाई के सचिव सोमेश गुप्ता ने आज की अध्यक्षता की। सोमेश गुप्ता ने सरस्वती वंदना के साथ कार्यक्रम प्रारंभ किया। रक्षाबंधन पर कविता प्रस्तुत करते हुए रेखा मित्तल ने कहा- “बहनें बन जाती है वसुंधरा जैसी”। कृष्णा गोयल ने कहा- “आज मैं लाख लाख शगुन मनाऊं”। नीलम त्रिखा ने मां पर कविता पेश करते हुए कहा -“स्नेह की बदली बरसाये मेरी मां”। ऊषा गर्ग ने कहां- “जयपुर की राखी से सजे हैं बाजार”। कमलेश गैरा ने प्रेम पर अपनी कविता प्रस्तुत करते हुए कहा- “प्रेम एक एहसास है और अकथनीय विश्वास है। प्रेम करता है औषधि का काम”। डॉ हुकुमचंद गैरा ने कहा-“हे प्रियतम! मन के भावों को कागज पर मैं कैसे लिखूं, जरूरी नहीं हर जज्बात को ऊकारा जाए”। गणेश दत्त ने कहा- “यह सच्च है कि हम आज़ाद हो गये हैं”। बाल कृष्ण गुप्ता ‘सागर’ ने किस्मत पर अपनी कविता प्रस्तुत करते हुए कहा -” मेरी किस्मत तो बहुत अच्छी है”। सोमेश गुप्ता ने बचपन को याद करते हुए कहा- “लौटा दो मुझे मेरी बचपन की यादें वह कागज़ की किश्ती वह बारिश का पानी “। विजय सचदेवा ने कहा की टीचर ने बच्चों से पूछा कि “वह बालक कौन है जिससे गोवर्धन पर्वत को अपनी उंगली पर उठा लिया था”। मोहनी सचदेवा ने राखी पर कविता पेश करते हुए कहा -“भाई के लिए रखी अपने हाथों से बनाई”। शशि कान्त पुरी ने सभी को साधुवाद दिया।