जर्मनी से मनाई हरियाणा राज्य कवि प्रो. उदय भानु हंस जी की जयंती
राष्ट्रीय कवि संगम, चंडीगढ़ प्रांत अध्यक्ष संतोष गर्ग ने अपने विदेशी प्रवास के दौरान जर्मनी से ऑनलाइन काव्य गोष्ठी के माध्यम से हरियाणा राज्य कवि प्रो. उदय भानु हंस जी की जयंती मनाई। गौरतलब है कि रा. कवि संगम चंडीगढ़ प्रांत हर वर्ष हंस जयंती के उपलक्ष्य में “एक शाम हंस जी के नाम” कार्यक्रम का आयोजन करता है। प्रो. उदय भानु हंस जी के सुपुत्र शशि भानु हंस इस बार मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल रहे। उत्कृष्ट संचालन संस्था के महासचिव अनिल शर्मा चिंतक ने किया और इस कार्यक्रम का शुभारंभ हिसार की प्रिसिंपल दर्शना पाहवा की सरस्वती वंदना से हुआ। संगीता कुंद्रा, नेहा नूपुर, किरण आहूजा, अंबाला से माधुरी शर्मा, सोमेश गुप्त, अरुणा डोगरा, सत्यवती आचार्य, सविता गर्ग, मंजू बिसला, नीलम नारंग, एम.एल.अरोड़ा, सुरेखा यादव अनेक कवियों ने हंस जी की रूबाईयों और कविताओं का गायन किया। जिनमें मुख्य तौर पर ‘मन में सपने अगर नहीं होते हम सब भी चाँद पर नहीं होते’ संगीता कुंद्रा के द्वारा सुनाई गई और अरुणा डोगरा ने ‘बहुत हुआ अब युद्ध को विराम देना होगा।’ कवयित्री संतोष गर्ग ने ‘आदमी का जीवन तो बुलबुला है पानी का, घर जिसे समझते हो एक धर्मशाला है’ सुनाई। इसके साथ ही गुरूग्राम से हंस जी के बेटे शशी हंस ने अपने पिता हंस जी की अनेक यादों को ताजा करते हुए संस्मरण सुनाए और कहा कि पाकिस्तान में उनकी दो पुस्तकों का अनुवाद उर्दू भाषा में हुआ है और साथ ही उनके नाम पर वहाँ एक लाइब्रेरी खोली जा रही है। मशहूर फिल्मी एक्टर और डायरेक्टर आशुतोष राणा जी ने भी चंद दिन पहले ‘मैं तुमसे प्रीत लगा बैठा’ अपने मधुर स्वर में उनकी कविता को यू ट्यूब पर प्रसारित किया है।