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पीआरडी/प्रेस नोट/04/2023-24 22 जून 2023
बीआईएस द्वारा कृषि उप-उत्पाद बर्तनों पर मानक का प्रकाशन
भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) ने हाल ही में प्लास्टिक प्रदूषण को कम करने और पर्यावरणीय संपोषणीयता को बढ़ावा देने के उद्देश्य के लिए आईएस 18267: 2023 ” खाद्य पद्धार्थों को परोसने के लिए कृषि उप-उत्पाद से बने बर्तन – विशिष्टि” प्रकाशित किया है। मानक पूरे देश में गुणता अपेक्षाओं में एकरूपता सुनिश्चित करने के लिए निर्माताओं और उपभोक्ताओं को व्यापक दिशानिर्देश प्रदान करता है।
दुनिया भर में डिस्पोजेबल खाना खाने के बर्तनों का बढ़ता उपयोग डिस्पोजेबल खाना खाने के बर्तनों के वैश्विक बाजार को गतिमान कर रहा है। डिस्पोजेबल प्लेट के बाजार का आकार सन् 2020 में 4.26 बिलियन अमेरिकी डॉलर आंका गया था और जिसका 2028 तक 6.73 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है, जिसके सीएजीआर की 2021 से 2028 तक 5.94% की दर से बढ़ने की संभावना है। भारत में, जैवनिम्निकरणीय कटलरी के उत्पादन में कई बड़े और एमएसएमई-स्तर के निर्माता सक्रिय रूप से योगदान दे रहे हैं। इन उत्पादों की मांग में लगातार वृद्धि हो रही है, जिससे उनके उत्पादन में शामिल निर्माताओं की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है।
आईएस 18267: 2023 में जैवनिम्नकरणीय बर्तनों के उत्पादन के लिए कच्चे माल, निर्माण तकनीक, कार्यनिष्पादन और स्वच्छता अपेक्षाओं सहित विभिन्न पहलुओं को शामिल किया गया है। यह मानक प्लेट, कप, कटोरे और बहुत कुछ बनाने के लिए पत्तियों और आवरण जैसे कृषि उप-उत्पादों के उपयोग को निर्दिष्ट करता है। मानक पौधों और पेड़ों के उपयुक्त हिस्सों के बारे मे बताता है और अनुकुल विनिर्माण तकनीक जैसे तप्त दाब, अतप्त दाब, संचकन और सिलाई जैसी विधियो के बारे मे जानकारी प्रदान करता है। यह बर्तन कि चिकनी सतहों, गैर-नुकीले छोरों पर बल देता है, और रसायनों, रेजिन और आसंजक के उपयोग पर रोक लगाता है।
इस मानक के कार्यान्वयन करने के दूरगामी लाभ हैं। कृषि उप-उत्पाद बर्तनों का उपयोग करके जैव-निम्नीकरणीय होता है, इससे हम पर्यावरण सुरक्षा, प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण करने में योगदान कर सकते हैं और वृत्तीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा दे सकते हैं। इसके अतिरिक्त, ये बर्तन हानिकारक संयोजी पद्धार्थों से मुक्त होते हैं, इससे उपभोक्ता का स्वास्थ्य सुनिश्चित होता है। मानक किसानों के लिए आर्थिक अवसर भी प्रदान करता है और संपोषणीय कृषि पद्धतियों का समर्थन करता है तथा ग्रामीण विकास में योगदान देता है।
जनसंपर्क विभाग