चंडीगढ़ में रथयात्रा पर निकले भगवान जगन्नाथ, उमड़ा जनसैलाब
उत्कल सांस्कृतिक संघ की ओर से जगन्नाथ मंदिर सेक्टर-31 से जगन्नाथ रथयात्रा का आयोजन
शहर में धूमधाम से निकली भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा, जगह-जगह हुआ भव्य स्वागत
चंडीगढ़, 20 जून ( ): उत्कल सांस्कृतिक संघ की ओर से आषाढ़ शुक्ल द्वितीया के पावन अवसर पर जगन्नाथ मंदिर सेक्टर-31 से भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा शहर में धूमधाम के साथ निकाली गई। फूलों व मालाओं से सजे भगवान जगन्नाथ ऐसे लग रहे थे, मानो उनका साक्षात अवतरण हुआ हो। रथयात्रा के दौरान उत्कल सांस्कृति संघ के पदाधिकारी इस्कॉन और श्री चैतन्य गौड़ीय मठ के संन्यासी और भक्त कीर्तन करते रथयात्रा में चल रहे थे। रथयात्रा का शहर में जगह-जगह भव्य स्वागत हुआ। रथयात्रा में हजारों श्रद्धालुओं की भीड़ जय श्री जगन्नाथ के जयकारे लगाते हुए व उनका गुणगान करते हुए चल रही थी।
इस मौके संस्था के प्रधान डा. आर.के.रथो ने बताया कि भगवान जगन्नाथ की पूजा-अर्चना के बाद दोपहर 1 बजे श्री खागेश्वर नायक द्वारा भगवान जगन्नाथ के भव्य रथ की सोने के झाडू से सफाई कर उसे पवित्र करने की सेवा निभाई। मुख्य अतिथि सीनियर एडवोकेट राकेश बजाज ने भक्तों के साथ जगनाथ यात्रा में भगवान का आशीर्वाद लिया व रथयात्रा का शुभारंभ किया। इस मौके पूरा शहर जय जगन्नाथ की जयघोष से गूंज उठा। यात्रा में रथ की रस्सी खींचने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। यात्रा के साथ भक्त नाचते-गाते हुए चल रहे थे। भगवान रथ में सवार थे और भक्त उनकी मस्ती में झूम रहे थे। मान्यता के अनुसार भगवान श्री जगन्नाथ भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ नगर भ्रमण पर निकले। इस रथ यात्रा में भगवान बलराम की पालकी को खींचने से पाप से मुक्ति के द्वार की तरफ प्रस्थान माना जाता है। रथयात्रा सेक्टर-31 के श्री जगन्नाथ मंदिर से शुरू होकर सेक्टर-32, 29, 30, 20, 21, 34, 44, 45, और सेक्टर-47 होते हुए सेक्टर-31 स्थित मंदिर में 9 बजे के करीब दोबारा मंदिर में पहुंची। इस दौरान श्रद्धालुओं के लिए भंडारे का आयोजन भी किया गया।
उत्कल सांस्कृतिक संघ के सेकेट्री एस के नायक ने बताया कि रथयात्रा के बाद भगवान जगन्नाथ मौसी के घर पहुंचे। बहुड़ा यात्रा के बाद वह दोबारा श्री मंदिर में पहुंचेंगे। उन्होंने बताया कि 21 से 28 जून तक मंदिर परिसर में शाम 8 बजे से 10 बजे तक भजन संध्या का आयोजन होगा व बहुड़ा यात्रा 28 जून को होगी। उत्कल सांस्कृतिक संघ के संयुक्त सचिव बी पात्रा ने बताया कि मान्यता के अनुसार भगवान श्री जगन्नाथ अपनी बहन सुभद्रा व बड़े भाई बलभद्र के साथ अपने भक्तों को दर्शन देते हुए मौसी मां के घर पर जाएंगे। यहां नौ दिन रहेंगे। मौसी मां के घर उनके मनोरंजन के साथ ही विभिन्न् सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे। 28 जून को भगवान वापस मंदिर में आएंगे। इसे बाहुड़ा यात्रा कहा जाता है। वहीं रुठी हुई माता लक्ष्मी को मनाएंगे। मान्यता के अनुरूप मनाते हुए अपने पर वापसी करेंगे। इस अवसर पर संस्था के प्रधान डा. आर.के.रथो के अलावा उपाध्यक्ष सरोज के.नायक, बराजा किशोर भंजा, सुशांत नायक, महासचिव अरूण कुमार मलिल्लक, ज्वाइंट सेक्रेटरी भाबाग्रही पात्रा, गंगाधर छटोही, बसंत कुमार दास, अनिल कुमार मल्लिक, सूकुमार भूयान, कोषाध्यक्ष दीपक कुमार पात्रा तथा पीआरओ मनोज कुमार मोहापात्रा आदि विशेष तौर पर मौजूद थे।