सेवक नैयर की दो पुस्तकों का लोकार्पण
ग्वर्नमेंट मोहिन्द्रा कॉलेज, पटियाला के सभा-भवन में आज शहर की सौ-से-अधिक महिलाओं द्वारा संचालित साहित्यक संस्था ‘बुक लवर्स रिट्रीट’ द्वारा कॉलेज के पोस्ट-ग्रेजुएट डिपार्टमेन्ट ऑफ हिन्दी के सौजन्य से प्रसिद्ध कवि, कहानीकार, नाटककार व पूर्व सिविल-सर्वेंट सेवक नैयर, आईडीईएस, की दो नवीनतम पुस्तकों, ‘क्वेरेंटीन और अन्य कहानियाँ, और ‘उम्दा उर्दू शायरी’ का लोकार्पण बड़ी धूम-धाम से किया गया । कार्यक्रम की अध्यक्षता हिन्दी साहित्य-जगत के अत्यंत प्रतिष्ठित व्यक्तित्व, हिन्दी-विभाग पंजाबी विश्वविद्यालय पटियाला के पूर्वाध्यक्ष डॉक्टर मनमोहन सेहगल व देश के जाने-माने शैल्य-चिकित्सक पद्म-श्री डॉक्टर आर एल मित्तल ने की ।
‘क्वेरेंटीन और अन्य कहानियाँ’, कोविड-19 की महामारी से उपजी बारह कहानियों का संग्रह है जो कोरोना-काल के अत्यंत दर्दनाक व कष्टदायक दिनों में मनुष्यता, रिश्तों, दया, लूट-खसोट, स्वाभिमान, उदारता जैसे मनोविकारों और हाव-भावों के उभर कर सामने आने वाली घटनाओं को अत्यंत रोचक एवं मार्मिक ढंग से दर्शाती हैं । नैयर ने इस अपूर्व एवं भयावह त्रासदी को दर्ज करने के लिए कलम चलाई है या फिर तमाम दुखद स्मृतियों से मुक्ति पाने का जतन किया है, यह तो निश्चित तौर पर नहीं कहा जा सकता, लेकिन यह ज़रूर है कि उन्होंने अपनी रचनात्मकता से करोड़ों जनों की भोगी यातना को अभिव्यक्ति देने की कोशिश की है ।
उम्मीद की जा सकती है कि जिस तरह इन कहानियों को लिखकर नैयर अपने भोगे-देखे दुखों से थोड़े हलके हो गए होंगे, उसी तरह इन कहानियों के पाठक भी करोड़ों के दुखों से अपना दुख जोड़ पाएंगे । इन कहानियों में ऐसे करुण दृश्य हैं, द्रवित कर देने वाले इतने किरदार हैं, अवाक कर देने वाली ऐसी जीवन-स्थितियाँ हैं कि पाठक कोरोना-काल को महसूस करने लगते हैं या कहें कि सचमुच उस काल में पहुँच जाते हैं, जो किसी दु:स्वप्न से कम नहीं ।
लोकार्पण की गई नैयर की दूसरी पुस्तक ‘उम्दा उर्दू शायरी’ उर्दू के प्रतिष्ठित एवं लोक-प्रिय शायरों के इक्कीस-सौ बेहतरीन शेअरों का एक अनोखा संकलन है जिसमें शेअरों को उर्दू शायरी के एक-सौ इकतीस प्रचलित विषयों के अंतर्गत पेश किया गया है । पुस्तक की रचनात्मक यात्रा मीर, गालिब, मोमिन, इक़बाल जैसे शायरों से शुरू होती है और फ़िराक़, जिगर, फ़ैज़ आदि के शेअरों से गुजरती हुई जावेद अख्तर, अहमद फ़राज़, जौन एलिया, बशीर बद्र, निदा फ़ाज़ली जैसे वर्तमान शायरों तक पहुँचती है । दो-हज़ार पाँच सौ शब्दों की शब्दावली में हर शब्द की शब्द-व्युत्पत्ति के साथ-साथ उसके मायने आसान उर्दू, हिन्दी व अंग्रेज़ी में भी दिये गए हैं । उर्दू के इक्यावन मशहूर शायरों का संक्षिप्त लेकिन पर्याप्त परिचय, पुस्तक की प्रतिष्ठा में चार-चाँद लगाता है ।
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Posted by Surinder Verma on Tuesday, June 23, 2020