गांधी स्मारक भवन, सेक्टर-16, चंडीगढ़ की करोड़ों की संपत्ति को हड़पने के इरादे से हरियाणा के पानीपत में पंजीकृत संस्था पर इसे कब्जाने के लगे आरोप
चंडीगढ़, 17 अक्तूबरः गांधी स्मारक भवन, सेक्टर-16, चंडीगढ़ को हरियाणा के पानीपत में पंजीकृत संस्था द्वारा कब्जाने के आरोप लगे हैं। गांधी स्मारक भवन, सेक्टर-16, चंडीगढ़ जिसे मौजूदा हालात में गांधी स्मारक निधि चंडीगढ़ चला रही है और इसके मौजूदा सचिव एवं ट्रस्टी देवराज त्यागी हैं जिन्होंने अपने जीवन के अनमोल 4 दशक गांधीवादी विचारधाराओं पर चलते हुए गांधी स्मारक भवन में सेवा हेतु समर्पित कर दिये हैं, का कहना है कि उनके इस पवित्र मंदिर पर हरियाणा के पानीपत में पंजीकृत गांधी स्मारक निधि पंजाब,हरियाणा एवं हिमाचल प्रदेश के प्रबंधन की बुरी नजर पड़ गई है जिसका मुख्य कारण गांधी स्मारक भवन सेक्टर 16 की अपनी करोड़ों की संपत्ति एवं यहां हर साल इकट्ठा होने वाला लाखों का डोनेशन है जिसे उक्त गांधी स्मारक निधि पंजाब,हरियाणा एवं हिमाचल प्रदेश संस्था हर हाल में हड़पना चाहती है।
गौरतलब है कि इसमें कोई दो राय नहीं कि पहले जब गांधी स्मारक भवन सेक्टर-16 को जमीन अलॉट हुई थी तब इसे चलाने वाले ट्रस्ट को चंडीगढ़ में पंजीकृत किया गया था मगर बाद में हरियाणा के पानीपत के साथ लगते समालखा में स्थित गांधी स्मारक निधि पंजाब,हरियाणा एवं हिमाचल प्रदेश संस्था के प्रबंधन ने इस संस्था का पंजीकरण पानीपत में करवा लिया और इसका प्रबंधन अपने हाथों में ले लिया जिस पर चंडीगढ़ की जनता को पहले से ही एतराज रहा है।
देवराज त्यागी का कहना है कि उक्त संस्था का प्रबंधन हर महीने लाखों रु का डोनेशन तथा नेच्रोपैथी की फीसें इकट्ठा तो चंडीगढ़ स्थित गांधी स्मारक भवन से करता है मगर इसे खर्च पानीपत में पंजीकृत गांधी स्मारक निधि पंजाब,हरियाणा एवं हिमाचल प्रदेश पर करता है वह भी मनमाने ढंग से। जबकि चंडीगढ़ स्थित गांधी स्मारक भवन सेक्टर-16 को रखरखाव के लिए कुछ नहीं देता इसी के मद्देनजर उन्हें चंडीगढ़ की जनता के आह्वान पर मौजूदा गांधी स्मारक भवन सेक्टर-16 के लिए एक नया ट्रस्ट चंडीगढ़ में ही पंजीकृत करवाना पड़ा जिसका नाम उन्होंने गांधी स्मारक निधि चंडीगढ़ रखा है।
याद रहे उक्त गांधी स्मारक निधि चंडीगढ़ ट्रस्ट में चंडीगढ़ से ही ताल्लुक रखने वाले विभिन्न क्षेत्रों में प्रवीण गन्यमान्य व्यक्तियों को बतौर ट्रस्टी लिया गया है।
त्यागी जी का यह भी कहना है कि गांधी स्मारक भवन, सेक्टर-16, चंडीगढ़ को मौजूदा हालात में गांधी स्मारक निधि चंडीगढ़ ट्रस्ट द्वारा चलाने के बावजूद गांधी स्मारक निधि पंजाब,हरियाणा एवं हिमाचल प्रदेश, जो कि हरियाणा के पानीपत में पंजीकृत है के सचिव आनंद कुमार शरण ने अपना एक नुमाइंदा जयदेव जो अपने आप को खादी ग्रामोद्योग आयोग,भारत सरकार का पूर्व निदेशक बताता है को 16 अक्तूबर 2022 को अवैध तौर पर गांधी स्मारक निधि चंडीगढ़ का निदेशक घोषित किया है जो पूरी तरह से गैरकानूनी है और इससे गांधी स्मारक निधि चंडीगढ़ के ट्रस्टी और आमजनता कतई इत्तेफाक नहीं रखते।
गांधी स्मारक निधि चंडीगढ़ के सचिव एवं ट्रस्टी देवराज त्यागी का यह भी आरोप है कि उक्त दुस्साहस के पीछे गांधी स्मारक निधि पंजाब,हरियाणा एवं हिमाचल प्रदेश पानीपत के सचिव आनंद कुमार शरण, जयदेव के अलावा इनका साथ चंडीगढ़ प्रेस क्लब के पूर्व अध्यक्ष और तथाकथित स्वतंत्रता सेनानी एवं गांधी स्मारक भवन में काम कर चुके पूर्व चेयरमैन जिन्हें पैसों में कथित घोटाले के चलते समय से पहले अपदस्थ कर दिया गया था खुलेआम दे रहे हैं।
गांधी स्मारक निधि चंडीगढ़ के सचिव एवं ट्रस्टी देवराज त्यागी ने इसकी कड़ी निंदा की है और इसे गांधीवादी विचारधाराओं का हनन बताया है। उन्होंने कहा है कि उन्होंने अपना समूचा जीवन गांधी जी की विचारधाराओं पर चलते हुए बिता दिया है और हर हालत में इन विचारधाराओं पर चलते हुए गांधी जी की इस अमूल्य धरोहर की रक्षा करेंगे।
गौरतलब है कि गांधी स्मारक निधि चंडीगढ़ ट्रस्ट की ओर से गांधी स्मारक निधि पंजाब,हरियाणा एवं हिमाचल प्रदेश, जो कि हरियाणा के पानीपत में पंजीकृत है द्वारा अवैध कब्जे के खिलाफ स्थानीय नगर प्रशासक, प्रशासक के सलाहकार, नगर उपायुक्त, एस.एस.पी चंडीगढ़ पुलिस को लिखित में शिकायत दे दी गई है और नगर प्रशासन के आला अधिकारियों ने गांधी स्मारक निधि चंडीगढ़ ट्रस्ट को उक्त मामले में हर हाल में न्याय दिलाने का विश्वास दिलाया है और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का भी भरोसा दिया है।