चंडीगढ़ में टैक्सी चालकों का हल्लाबोल, STA ऑफिस के बाहर रखी गाड़ियों की चाबियां, बोले- प्राइवेट नंबर की कैब व बाइक बंद की जाए
चंडीगढ़ के कैब चालक ट्राई सिटी कैब एसोसिएशन जे बैनर तलेसड़कों पर उतर आए हैं। बड़ी संख्या में टैक्सी चालक सेक्टर-18 स्थित (स्टेट ट्रांसपोर्ट अथारिटी) एसटीए आफिस के बाहर धरना दे रहे हैं। कैब चालक अपनी गाड़ियों की चाबियां एक जगह इक्ट्ठा कर रोष जता रहे हैं। चालकों का कहना है कि वह सभी अपने-अपने वाहनों की चाबियां एसटीए ऑफिसर को सौंपेंगे।
रोष जता रहे कैब चालकों का कहना है शहर में कई एग्रीगेटर कंपनियां मनमर्जी पर उतर आई हैं। ये कंपनियां निजी नंबर प्लेट व की गाड़ियों व बाइक को भी कैब व बाइक टैक्सी के तौर पर चला रही हैं। शहर में ओला-उबर के अलावा अन्य अनरजिस्टर्ड कंपनियां (इन-ड्राइवर, रैपिडो, ब्ला-ब्ला) जिनके पास लाइसेंस नहीं है। फिर भी ये कंपनियां बिना किसी रोक-टोक के शहर में काम कर रही हैं। इसकी पहले भी एसटीए आफिस को शिकायत दी गई थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके विरोध में आज चंडीगढ़ के टैक्सी चालक एक साथ एसटीए ऑफिस के बाहर धरना देकर अपना रोष जता रहे हैं।
टैक्सी चालक यूनियन के लोगों का कहना है कि इन अनरजिस्टर्ड कंपनियों की वजह से टैक्सी चालकों को कारोबार प्रभावित हुआ है। उन्हें अपने वाहनों की बैंक किस्तें पूरी करने में भी परेशानी हो रही है। कई चालकों ने 3 महीने किस्तें जमा नहीं करवाई हैं। निजी नंबर पर टू व्हीलर व कार टैक्सी चालकों के खिलाफ कोई करवाई न होने के चलते चंडीगढ़ टैक्सी चालकों को भूखे मरने की नौबत आ चुकी है।
यूनियन के सदस्यों ट्राइसिटी कैब एसोसिएशन
विक्रम सिंह पुंडीर
सोमबीर तोशाम
संदीप राणाचंडीगढ़ में टैक्सी चालकों का हल्लाबोल, STA ऑफिस के बाहर रखी गाड़ियों की चाबियां, बोले- प्राइवेट नंबर की कैब व बाइक बंद की जाए
चंडीगढ़ के कैब चालक ट्राई सिटी कैब एसोसिएशन जे बैनर तलेसड़कों पर उतर आए हैं। बड़ी संख्या में टैक्सी चालक सेक्टर-18 स्थित (स्टेट ट्रांसपोर्ट अथारिटी) एसटीए आफिस के बाहर धरना दे रहे हैं। कैब चालक अपनी गाड़ियों की चाबियां एक जगह इक्ट्ठा कर रोष जता रहे हैं। चालकों का कहना है कि वह सभी अपने-अपने वाहनों की चाबियां एसटीए ऑफिसर को सौंपेंगे।
रोष जता रहे कैब चालकों का कहना है शहर में कई एग्रीगेटर कंपनियां मनमर्जी पर उतर आई हैं। ये कंपनियां निजी नंबर प्लेट व की गाड़ियों व बाइक को भी कैब व बाइक टैक्सी के तौर पर चला रही हैं। शहर में ओला-उबर के अलावा अन्य अनरजिस्टर्ड कंपनियां (इन-ड्राइवर, रैपिडो, ब्ला-ब्ला) जिनके पास लाइसेंस नहीं है। फिर भी ये कंपनियां बिना किसी रोक-टोक के शहर में काम कर रही हैं। इसकी पहले भी एसटीए आफिस को शिकायत दी गई थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके विरोध में आज चंडीगढ़ के टैक्सी चालक एक साथ एसटीए ऑफिस के बाहर धरना देकर अपना रोष जता रहे हैं।
टैक्सी चालक यूनियन के लोगों का कहना है कि इन अनरजिस्टर्ड कंपनियों की वजह से टैक्सी चालकों को कारोबार प्रभावित हुआ है। उन्हें अपने वाहनों की बैंक किस्तें पूरी करने में भी परेशानी हो रही है। कई चालकों ने 3 महीने किस्तें जमा नहीं करवाई हैं। निजी नंबर पर टू व्हीलर व कार टैक्सी चालकों के खिलाफ कोई करवाई न होने के चलते चंडीगढ़ टैक्सी चालकों को भूखे मरने की नौबत आ चुकी है।
यूनियन के सदस्यों ट्राइसिटी कैब एसोसिएशन
विक्रम सिंह पुंडीर
सोमबीर तोशाम
संदीप राणा
संदीप खैरा
प्रभ भुल्लर
अश्वनी पुरी
गगन सेखों
देवराज पुंडीर
रूपेश कुमार
का कहना है कि इन कंपनियों के पास लाइसेंस नहीं है, इसलिए प्रशासन को टैक्स नहीं देती हैं। ये लोगों की सुरक्षा के साथ भी खिलवाड़ हैं। शहर में बाइक टैक्सी का चलन काफी ज्यादा बढ़ गया है। रैपिडो एप मोटरसाइकिल मालिकों को टैक्सी के रूप में उपयोग करने की अनुमति देता है जबकि नियमों के खिलाफ है। क्योंकि सफेद नंबर प्लेट के वाहन को टैक्सी के रूप में उपयोग नहीं किया जा सकता है। यूनियन ने मांग की है कि ऐसी कंपनियों पर लगाम लगाई जाए।
संदीप खैरा
प्रभ भुल्लर
अश्वनी पुरी
गगन सेखों
देवराज पुंडीर
रूपेश कुमार
का कहना है कि इन कंपनियों के पास लाइसेंस नहीं है, इसलिए प्रशासन को टैक्स नहीं देती हैं। ये लोगों की सुरक्षा के साथ भी खिलवाड़ हैं। शहर में बाइक टैक्सी का चलन काफी ज्यादा बढ़ गया है। रैपिडो एप मोटरसाइकिल मालिकों को टैक्सी के रूप में उपयोग करने की अनुमति देता है जबकि नियमों के खिलाफ है। क्योंकि सफेद नंबर प्लेट के वाहन को टैक्सी के रूप में उपयोग नहीं किया जा सकता है। यूनियन ने मांग की है कि ऐसी कंपनियों पर लगाम लगाई जाए।