चल रे कवि प्राकृति की ओर
कवियों ने मनाई जंगल में गोष्ठी
चंडीगढ़: आज अखिल भारतीय कवि परिषद की ओर से पीजीआई के निकट जंगल में स्थित फार्म हाउस में खूबसूरत काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम के मुख्य अध्यक्ष पूनम शर्मा, डायरेक्टर चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड और और विशिष्ट अतिथि विकास गुप्ता, कार्टूनिस्ट बैंगलोर से विशेष तौर पर पहुंचे। इस कार्यक्रम के आयोजक डा० अनीश गर्ग ने अपनी कविता “शुक्र करो पेड़ों के पांव नहीं होते वरना इंसानों की बस्ती से दूर भाग गए होते” से कार्यक्रम की शुरुआत की। उसके बाद नीलम त्रिखा ने “वह हंसता है तो हंसती हूं वह रोता है तो रोती हूं” गाकर मनमोहक प्रस्तुति दी।डेज़ी बेदी ने “शाम यह क्यों अकेली सी लगे” और प्रतिभा माही ने “इश्क तेरा सूफियाना” से रंग बांधा। विकास गुप्ता ने “ऐ मेरी जोहरा जबीं तुझे मालूम नहीं” सुनाकर सभी को नाचने पर मजबूर कर दिया। इस कार्यक्रम में प्रसिद्ध कवि एस एस धीर, संगीता शर्मा कुंद्रा, राशि श्रीवास्तव, नीरू मित्तल, सुधीर गुप्ता पिंकी, राजवीर सिंह राज ,रॉबी सिंह, रविंद्र मित्तल, यादविंदर सिंह,मंजू, प्रशांत बातिश ने अपनी खूबसूरत उपस्थिति दर्ज की।
डा० अनीश गर्ग,
अध्यक्ष, अखिल भारतीय कवि परिषद