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Posted by Surinder Verma on Tuesday, June 23, 2020

श्री बंडारू दत्तात्रेय एवं गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, हिसार के कुलाधिपति ने कहा है कि ज्ञान-विज्ञान को जितना भी बढ़ाएंगे, देश उतना ही आगे बढ़ेगा

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चण्डीगढ़, 20 मई- हरियाणा के राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय एवं गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, हिसार के कुलाधिपति ने कहा है कि ज्ञान-विज्ञान को जितना भी बढ़ाएंगे, देश उतना ही आगे बढ़ेगा। संत महात्माओं के गौरव से स्फूर्ति लेकर भारत ज्ञान-विज्ञान के पथ पर चल कर आत्मनिर्भर बन रहा है। गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय हिसार महान पर्यावरणविद एवं संत गुरु जम्भेश्वर जी महाराज के नाम पर स्थापित है। यह विश्वविद्यालय ज्ञान और विज्ञान के क्षेत्र में अतुलनीय योगदान दे रहा है। मुझे विश्वास है कि आगामी 25 सालों में यह विश्वविद्यालय विश्व में अपनी श्रेष्ठ पहचान बना चुका होगा।  यह शब्द माननीय राज्यपाल ने विश्वविद्यालय के दूरस्थ शिक्षा निदेशालय के 25 वर्ष पूरे होने पर आयोजित किए गए रजत जयंती समारोह में बतौर मुख्यातिथि सम्बोधित करते हुए कहे। चौधरी रणबीर सिंह सभागार में हुए इस समारोह की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बलदेव राज काम्बोज ने की।  इस अवसर पर हरियाणा विधानसभा के उपाध्यक्ष रणबीर सिंह गंगवा व विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. अवनीश वर्मा उपस्थित रहे।
राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय विश्वविद्यालय के दूरस्थ शिक्षा निदेशालय के तहत आज मौके पर ही एमबीए एचआर कोर्स में दाखिला लेकर वे विश्वविद्यालय के दूरस्थ शिक्षा निदेशालय के सत्र 2022-23 के पहले विद्यार्थी भी बने।  उनके साथ उनके एडीसी मेजर जसदीप ने भी दूरस्थ शिक्षा निदेशालय के तहत दाखिला लिया।

श्री दत्तात्रेय ने विश्वविद्यालय प्रांगण में सर्वप्रथम पौधारोपण किया। तत्पश्चात दूरस्थ शिक्षा निदेशालय के भवन का शिलान्यास किया। 4500 वर्गमीटर में बनने वाले इस त्रिमंजिला भवन पर लगभग 1167 लाख रूपये की लागत आएगी। यह भवन सभी आवश्यक सुविधाओं से सुसज्जित होगा।
राज्यपाल श्री दत्तात्रेय ने अपने सम्बोधन में कहा कि गुरु जम्भेश्वर जी महाराज जी की शिक्षा है कि पेड़, पौधे, पहाड़, जमीन पशु व पक्षियों में संतुलन रखेंगे तो प्रकृति जिन्दा रहेगी। प्रकृति जिन्दा रहेगी, तो हम जिन्दा रहेंगे। आज जलवायु परिवर्तन वर्तमान समय की सबसे बड़ी चुनौती है।  हमें ज्ञान-विज्ञान के प्रसार के साथ-साथ जैव विविधता को भी कायम रखना होगा।
उन्होंने कहा कि गुरु जम्भेश्वर जी महाराज ने 1485 में 29 शिक्षाओं से मानव विकास के लिए बिश्नोई समाज की स्थापना की थी तथा वे श्री विष्णु का हरि नाम का जाप करते थे। हमारे संत महात्माओं ने जो हमें मानव जीवन के सिद्धांत दिए हैं, उन्हें कायम रखते हुए अगर आगे बढ़ेंगे, तो भारत अवश्य ही विश्व गुरु बनेगा।
उन्होने यह भी कहा कि दूरस्थ शिक्षा, शिक्षा का अत्यंत उपयोगी माध्यम है। इससे समय व धन की बचत करते हुए विद्यार्थी डिग्री प्राप्त कर सकता है। उन्होंने कहा कि दूरस्थ शिक्षा के तहत शिक्षा प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों में आत्म प्रेरणा बहुत अधिक होती है। देश की नई शिक्षा नीति प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी का एक ऐतिहासिक कदम है। उन्होने कहा कि 2030 तक पूरे देश में नई शिक्षा नीति लागू हो जाएगी, जबकि हरियाणा प्रदेश ने 2025 तक इसे लागू करने का निर्णय लिया है। नई शिक्षा नीति में वैज्ञानिक एवं नैतिक मूल्यों पर आधारित तथा रोजगारपरक आदि विषयों को स्थापित किया गया है। चही नहीं, नई शिक्षा नीति में मल्टी एंट्री और मल्टी-एग्जिट की सुविधा होगी।
माननीय राज्यपाल जी ने खुशी व्यक्त की कि भारत में दुनिया की सबसे अधिक युवा शक्ति है।  उन्होंने नवाचार व शोध को आगे बढ़ाने का आह्वान भी किया।  नवाचार तथा शोध से ही उद्यमिता बढ़ेगी।
हरियाणा विधानसभा के उपाध्यक्ष रणबीर सिंह गंगवा ने अपने सम्बोधन में कहा कि यह हिसार क्षेत्र के लिए गौरव की बात है कि गुजविप्रौवि हिसार का नाम केवल दूरस्थ शिक्षा में ही नहीं, बल्कि दुनिया के श्रेष्ठ विश्वविद्यालयों में है। विश्वविद्यालय ने कोरोना काल में भी डिजीटल मोड से शिक्षा देते हुए हर परिस्थिति में शिक्षा को जारी रखते हुए उच्च शिक्षा ग्रहण कर रहे विद्यार्थियों को लाभान्वित किया गया है।
इस अवसर पर पूर्व निदेशकों व प्रख्यात पूर्व विद्यार्थियों को सम्मानित किया। विश्वविद्यालय के पूर्व निदेशकों प्रो. एम.एस. तुरान, प्रो. नवल किशोर, प्रो. कुलदीप बंसल, प्रो. योगेश चाबा व प्रो. हरभजन बंसल को भी सम्मानित किया गया।

कैप्शनः- हरियाणा के राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय गुरू जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, हिसार में रजत जयंती व दूरस्थ शिक्षा निदेशालय भवन के समारोह में कुलपति, पदाधिकारीगण व छात्रों के साथ समूह चित्र में।