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Posted by Surinder Verma on Tuesday, June 23, 2020

“सुरमयी शाम राष्ट्र पिता के नाम”

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एन इंस्टीट्यूट ऑफ परफोरमिंग आर्ट्स
की तरफ से राष्ट्र पिता महात्मा गांधी जी और सृजन के संस्थापक डॉ धर्म स्वरूप गुप्त जी की पुण्यतिथि पर उनकी याद में “सुरमयी शाम राष्ट्र पिता के नाम” से संगीतमय कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें ट्राई सिटी और कोलकाता के कई संगीत गायकों ने भाग लिया। सृजन के अध्यक्ष श्री सोमेश जी ने बताया कि उनके पिता डॉ धर्म स्वरूप गुप्त जी ने इस संस्था की स्थापना करके भिन्न भिन्न कलाओं और कलाकारों को एक मंच प्रदान किया है। श्री सोमेश ने कार्यक्रम का आरंभ गांधी जी के प्रिय भजन “वैष्णव जन तो तेने कहिए” गा कर किया और उन्होंने “मेरा रंग दे बसंती चोला” गा कर श्रोताओं में उत्साह जगा दिया। कार्यक्रम का संचालन सृजन की जनरल सैक्रेटरी श्रीमती अमरज्योति शर्मा ने बहुत ही संतुलित और सौम्य तरीके से किया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि – चंडीगढ़ संगीत नाटक अकादमी के उपाध्यक्ष और पंजाबी फिल्मों के जाने-माने अभिनेता श्री बलकार सिद्धु रहे। उन्होंने कहा कि वो सौभाग्यशाली हैं कि उन्हें मौका मिला है आज की सुरम्य त्रिवेणी में डुबकी लगाने का। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि डॉ संगीता चौधरी ने कोलकाता से अपनी उपस्थिति दर्ज करवाते हुए कहा वो डॉ धर्म स्वरूप गुप्त जी का आभार प्रकट करती हैं जिन्होंने इस संस्था की स्थापना करके सब कलाकारों को एक नया आयाम प्रदान किया है। कार्यक्रम की अध्यक्ष श्रीमती दर्शना सुभाष पाहवा जी ने श्री सोमेश जी की सराहना करते हुए कहा कि वह पुत्र होने का फर्ज बखूबी निभा रहे हैं और उन्होंने सभी गायकों को भी बधाई दी। कार्यक्रम के अंत में श्रीमती संतोष गर्ग, श्री हरिंदर सिन्हा, श्री आर के भगत और श्री अनिल कुमार चिंतत जी ने भी अपने विचार प्रगट किए।
कार्यक्रम में शामिल प्रतिभागी – अंश सिंह ने “तेरी मिट्टी में मिल जाऊं” और “देश मेरे, तेरी शान के सदके”, अंशिका ने “साबरमती के संत” और “यहां हर कदम पे धरती बदले रंग”, इशमीत ने “आजादी के रखवाले ” और “विजय विश्व तिरंगा”, कु़़ कुलजीत सोढी ने – “मेरा मुल्क, मेरा देश “, श्रीमती पूर्णिमा – “सलाम उन शहीदों को” और “ओम जय जगदीश हरे”, डॉ संगीता चौधरी- “सत्यमेव जयते” और रविन्द्र नाथ टैगोर की बंगला रचना “एकला चलो रे, श्रीमती दर्शना सुभाष पाहवा – “गांधी तुम करूणा की अनवरत बहती धारा” और “मन से फ़र्ज़ निभाया तो”, श्रीमती रूचिका – “रघुपती राघव राजा राम” और “ऐ वतन, वतन मेरे आबाद रहे तु”, श्रीमती नसीब कौर “मेलोडी – भारत हमको जान से प्यारा, वंदे मातरम, माटी पुकारे, ऐनक पकड़े, लाठी पकड़े” गा कर कार्यक्रम में समां बांध दिया। अंत में श्री सोमेश जी ने सभी प्रतिभागियों का धन्यवाद करते हुए कहा कि भविष्य में भी वह सृजन की तरफ से इस तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रम करते रहेंगे।