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Posted by Surinder Verma on Tuesday, June 23, 2020

पूर्व उपमुख्यमंत्री भाई चंद्रमोहन जी ने सेक्टर 27 में नये बन रहे ओल्ड एज होम में घटिया सामग्री व स्क्रैप सरिया का किया जा रहा है इस्तेमाल इसकी जाँच सरकार से विजिलेंस से कराने की माँग की है

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प्रेस नोट 24-12-21
पूर्व उपमुख्यमंत्री भाई चंद्रमोहन जी ने सेक्टर 27 में नये बन रहे ओल्ड एज होम में घटिया सामग्री व स्क्रैप सरिया का किया जा रहा है इस्तेमाल इसकी जाँच सरकार से विजिलेंस से कराने की माँग की है
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पूर्व उपमुख्यमंत्री चंद्रमोहन ने सेक्टर 27 में बन रहे ओल्ड एज होम में लग रही है घटिया सामग्री बॉक्स वाशिंग सेंड रेत की जगह लग रहे हैं मिट्टी वाला रेत इसकी जाँच विजिलेंस से करानी चाहिए ठेकेदार  ईट  घटिया  व घटिया रेत का इस्तेमाल कर रहे हैं पीली ईंटों को लगा रहै है इनके सैंपल भर कर चेक करवाया जाए

भाई चन्द्रमोहन ने कहा असल में ओल्ड एज होम में जो नंबर वन ईट लगनी चाहिए वह नहीं लग रही है उसकी जगह पर डेड नंबर ईट  का इस्तेमाल किया जा रहा है और वाशिंग सेंड रेत की जगह मिट्टी वाले रेत  का प्रयोग किया जा रहा है ऐसे में उन बुजुर्गों का क्या हाल होगा जो इस ओल्ड एज होम में आकर रुकेंगे कभी भी कोई भी बड़ा हादसा हो सकता है इसका जिम्मेवार आखिर कौन है
जिन बुजुर्गों को उनके परिवार के लोगों ने बाहर निकाल दिया, जिन्हें कोई सहारा नहीं मिल पाता है, उन्हें आशियाना देने के लिए हरियाणा सरकार की ओर से यहां पंचकूला सेक्टर 27 में एक ओल्ड ऐज होम को बनाया जा रहा है। जिसे बनाने का काम पंचकूला नगर निगम के जिम्मे आया है। लेकिन जिस कंपनी को इस बिल्डिंग को बनाने का काम दिया गया है, उसकी ओर से सही मैटीयिरल का इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है।
इसके साथ ही कहा गया है, अगर इस के  सैंपल फेल होते हैं, तो ठेकेदार की कंपनी पर कार्रवाई की जाएगी। वहीं इसके साथ ही यहां तैनात जेई, एसडीओ पर भी कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए एक टीम बनाई जाएगी। जो इस बारे में काम करेगी।
वहाँ पर थर्ड ग्रेड की जो ईंटें हैं। जिन्हें सही क्वालिटी की कुछ ईंटों की आड में रखा गया था

पूर्व उपमुख्यमंत्री चंद्रमोहन जी ने कहा के यहां कंस्ट्रक्शन में लगी हुई थर्ड ग्रेड की ईंटों को इस्तेमाल करने के बाद उन्हें छुपाने का काम किया जाता है। बिल्डिंग में अभी तक करीब 40 लाख ईंटों को लगाया गया है। ऐसे में इन्हें बिल्डिंग की दीवारों में लगाने के बाद उन पर सीमेंट को पानी में घोलकर एक घोल लगा दिया जाता है। जिसके बाद ए ग्रेड और थर्ड ग्रेड की ईंटों में कोई फर्क बता ही नहीं सकता है। इसके साथ ही यहां रेट की क्वालिटी सही नहीं थी, ए ग्रेड क्वालिटी का रेत इस्तेमाल किया जाना चाहिए, लेकिन इस्तेमाल होने वाले रेत में मिट्‌टी मिक्स है।

वहीं इस एरिया के पार्षद और कांग्रेसी नेता संदीप सोही ने भी
इस बिल्डिंग के निर्माण कार्य का निरीक्षण किया

जिसमें सामने आया है, कि यहां ईंटों की क्वालिटी सही नहीं है। इसके अलावा यहां रेत की क्वालिटी भी सही नहीं है। एक बिल्डिंग में इन दोनों की क्वालिटी पर ही बिल्डिंग की जिंदगी, ताकत डिपैंड होती है। ऐसे में घटिया मैटीयरिल इस्तेमाल होना अपने आप में बडी बात है। इस बारें में निगम के मेयर को देखना चाहिए। मै इस मामले में शिकायत दूंगा, जिस पर अधिकारियों को कार्रवाई करनी चाहिए। क्यों कि यहां बिल्डिंग में ही कई फ्लौर पर इस्तेमाल की गई ईंटों की क्वालिटी को छुपाने के लिए रेत, मिट्‌टी, सीमेंट का घोल तैयार कर इन ईंटों पर गिराया जाता है। जिस से इनकी पहचान छुपाई जा सके।
बॉक्स –
असल में यहां सेक्टर 27 में ओल्ड ऐज की बिल्डिंग को बनाने पर 11 करोड रुपए खर्च किए जा रहे हैं। ये अपने आप में बडा ओल्ड ऐज होम होगा, जिसमें 92 कमरे होगें। ये बहुमंजिला इमारत 31 मार्च तक बनानी है। जिसे बनाने के नाम पर घोटाला किया जा रहा है।
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