उन्होंने बताया कि गाय का गोबर ईंधन, बायोगैस, जैविक खाद, डीजल पेट्रोल के विकल्प के रूप में उपयुक्त माना जाता है। गौमूत्र का उपयोग फिनाइल एवं कीटनाशक दवाईयों बनाने में किया जाता है गाय के दूध से दही, छांछ, पनीर, मक्खन, मावा, घी एवं मिठाइयाँ आदि बनायी जाती है गाय में 33 करोड़ देवी-देवता का वास है इसलिए गौमाता सनातन धर्म में आस्था का प्रतीक है। इस प्रकार मानव जीवन में गाय का एक महत्वपूर्ण स्थान है। गाय को राष्ट्रमाता घोषित किये जाने हेतु पर्याप्त तथ्य एवं आधार है तथा इस देश प्रदेश के करोड़ो लोगों की जन भावनाएँ जुड़ी हुई है। इसलिए इन सब तथ्यों को ध्यान में रखते हुए गोमाता को राष्ट्रीय माता घोषित किया जाए।
गोमाता को राष्ट्रीय माता घोषित करवाने संबंधित एक ज्ञापन मनदीप सिंह बराड़ को सौंपा
गोमाता को राष्ट्रीय माता घोषित करवाने संबंधित एक ज्ञापन मनदीप सिंह बराड़ को सौंपा
चण्डीगढ़ : भारतीय गो क्रांति मंच शाखा एवं गोलोक धाम, कैम्बाला गोशाला, चण्डीगढ़ द्वारा गोमाता को राष्ट्रीय माता घोषित करवाने संबंधित एक ज्ञापन चण्डीगढ़ के जिलाधिकारी मनदीप सिंह बराड़ के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेजा गया। संस्था की प्रधान रतनो देवी ने बताया कि ज्ञापन में कहा गया है कि भारतीय संस्कृति की मूलाघार गौमाता की समस्त वेद पुराणों व शास्त्रों में अनन्त महिमा गायी गई है। अथर्ववेद में कहा गया है कि “गावों विश्वस्य मातर” यानि गाय विश्व की माता है। गोवंश भारत की आर्थिक, सामाजिक, धार्मिक एवं सांस्कृतिक धरोहर है।
इस अवसर पर पार्षद हीरा नेगी, सचिव नन्द कुमार, उप प्रधान शिव कुमार शर्मा, प्रेस सचिव गिरवर शर्मा, मैनेजर ओमपाल शर्मा, सुरेंद्र दत्त जोशी, धर्मपाल शर्मा, कृष्ण कुमार, राजबाला, रेणु राठौर, शांति बहुगुणा, रूबी गुप्ता व सरोज बाला आदि भी मौजूद थे।