कार्यक्रम का प्रारम्भ दुर्गा स्तुति से हुआ व बाद में प्रतिभागियों ने तेरे चाकर करें पुकार भवानी, जगदम्बे जय जगदम्बे माँ, राम भज प्रेम मुदित मन से, नमो चंडी- नमो चंडी, तू ही दुर्गा-तू ही भवानी आदि माँ की भेंटों-भजनों पर गायन व नृत्य-संगीत प्रस्तुत करके अपनी-अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया व सबको मंत्रमुग्ध कर दिया। कार्यक्रम में मुख्यत: नीरू मित्तल, मनीषा घोष, सुबर्तो घोष, अहाना रॉय, अविनाश चंद्र मेहता, सृजिता डे, रोमा सोनी, सोमेश, अंजलि सूरी, अर्घ्यदीप चौधरी, अंकिता घोष, सुमन चढ्ढा, सुबर्तो रॉय चौधरी आदि शामिल रहे।
उल्लेखनीय है कि स्वर सप्तक सोसाइटी, चण्डीगढ़ की अध्यक्ष, लेखिका व संगीत शिक्षिका डॉ. संगीता चौधरी गायन व अंग्रेजी में डब्बल एमए हैं व उन्होंने पंजाब विश्वविद्यालय, चण्डीगढ़ से गायन में पीएचडी की हुई है। बहुमुखी प्रतिभा की धनी डॉ. संगीता चौधरी को देश-विदेश में अनेक सम्मान मिल चुके हैं व संगीत शिक्षण के अलावा अपने पिता व गुरु शास्त्रीय गायक स्वर्गीय निर्मलेंदु चौधरी द्वारा संस्थापित संस्था स्वर सप्तक सोसाइटी का संचालन बेहद मनोयोग से कर रहीं हैं तथा इसके तत्वाधान में अब तक अनेक कार्यक्रम सफलतापूर्वक कर चुकीं हैं।