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Posted by Surinder Verma on Tuesday, June 23, 2020

— चंद्रमोहन ने किसानों की मांग का किया समर्थन,हर संभव सहायता के लिए किया आश्वस्त

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राज्यपाल को ज्ञापन देने जा रहे हजारो किसानों का पूर्व डिप्टी सीएम चंद्रमोहन ने किया स्वागत,तीनो काले कानून रद्द करने की मांग के साथ किसानों को समर्थन भी दिया
— भाकियू प्रधान गुरनाम चढूनी व किसान जथेबंदियो ने चंद्रमोहन का किया आभार प्रकट,खेती बचाओ,लोकतंत्र बचाओ,किसान विरोधी कानूनों को रद्द करवाने व एमएसपी की कानूनी गारंटी को मांग को लेकर राजभवन तक गए किसान
— चंद्रमोहन ने किसानों की मांग का किया समर्थन,हर संभव सहायता के लिए किया आश्वस्त

पंचकूला न्यूज(26 जून 2021)। तीन कृषि काले कानूनों के विरोध में 7 माह से ज्यादा समय से आंदोलन कर रहे किसानों ने अब खेती बचाओ,लोकतंत्र बचाओ,किसान विरोधी कानूनों को रद्द करवाने व एमएसपी की कानूनी गारंटी को लेकर महामहिम राज्यपाल को ज्ञापन देने के लिए हजारों की संख्या में राजभवन तक पैदल मार्च किया।इसी बीच कई मर्तबा प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके,केंद्र में कृषि मंत्री रह चुके किसान हितेषी स्व0 भजनलाल के सुपुत्र व प्रदेश के उपमुख्यमंत्री रह चुके चंद्रमोहन ने कांग्रेस के सेकड़ो साथियो के साथ अपने निवास स्थान पर किसान जथेबंदियो का स्वागत किया।इसके साथ ही 7 हजार से ज्यादा लस्सी पैकेट्स समेत जलपान का भी कार्यक्रम कर किसानों को कांग्रेस पार्टी की तरफ से पूरा समर्थन देने के लिए आश्वस्त किया।हालांकि लगातार चंद्रमोहन व उनकी टीम किसानों के समर्थन में हर आंदोलन में अग्रिम श्रेणी में बढ़चढ़कर हिस्सा लेते है।भाकियू प्रधान गुरनाम चढूनी के साथ अभिमन्यु पुहाड,सोनिया मान,मलकीत सिंह,अमरजीत सिंह समेत हजारो किसानों ने पूर्व उपमुख्यमंत्री चंद्रमोहन का आभार प्रकट किया।पूर्व उपमुख्यमंत्री चंद्रमोहन जी ने कहा पिछले सात महीने से भारत सरकार ने किसान आंदोलन को तोड़ने के लिए के लोकतंत्र की हर मर्यादा की धज्जियां उड़ाई हैं।इस आंदोलन में अब तक 500 से ज्यादा किसान शहीद हो चुके है।किसानो ने प्रदेश में लंबित पड़े 80 हजार से ज्यादा ट्यूबवेल के बिजली कनेक्शनों को देने समेत बिजली सम्बंधित समस्याओ को भी आंदोलन में प्रमुखता से रखा।गौरतलब है कि अभी कुछ दिनों पूर्व 12 जून को ही प्रदेश के 84537 किसानों के लंबित पढ़े ट्यूबवेल बिजली कनेक्शन देने समेत किसानों की बिजली सम्बंधित अन्य समस्याओ के समाधान की मांग को लेकर चंद्रमोहन ने बिजली मंत्री रणजीत चौटाला से भेंट कर ज्ञापन भी सौंपा था और विशेष नीति बनाने के लिए कहा था।किसानों की मांगों को जायज बताते हुए चंद्रमोहन ने कहा कि निरन्तर उनके द्वारा किसानो की मांगों को हल करवाने के लिए हर सम्भव प्रयास किए जा रहे है।चंद्रमोहन ने कहा कि यह सरकार पूंजीपतियों की सरकार है जिन्हें आमजनमानस से कोई सरोकार नही है।

चंद्रमोहन ने कहा कि मोदी सरकार ने तीन ऐसे काले कानून बनाए जो किसानों की नस्लों और फसलों को बर्बाद कर देंगे, जो खेती को किसान के हाथ से छीनकर कंपनियों की मुठ्ठी में सौंप देंगे। ऊपर से पराली जलाने पर दंड और बिजली कानून के मसौदे की तलवार भी किसानों की सर पर लटका दी। खेती के तीनों कानून असंवैधानिक हैं क्योंकि केंद्र सरकार को कृषि मंडी के बारे में कानून बनाने का अधिकार ही नहीं है। यह कानून अलोकतांत्रिक भी हैं। इन्हें बनाने से पहले किसानों से कोई राय मशवरा नहीं किया गया। इन कानूनों को बिना किसी जरूरत के अध्यादेश के माध्यम से चोर दरवाजे से लागू किया गया। इन्हें संसदीय समितियों के पास भेज कर जरूरी चर्चा नहीं हुई और तो और इन्हें पास करते वक्त राज्यसभा में वोटिंग तक नहीं करवाई गई। हमने उम्मीद की थी कि बाबासाहेब द्वारा बनाए संविधान के पहले सिपाही होने के नाते आप ऐसे असंवैधानिक, अलोकतांत्रिक और किसान विरोधी कानूनों पर हस्ताक्षर करने से इंकार कर देंगे। लेकिन आपने ऐसा नहीं किया।चंद्रमोहन ने किसान आंदोलन के माध्यम से यह भी मांग की है कि किसान को स्वामीनाथन कमीशन के फार्मूले (सी2+50%) के हिसाब से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर अपनी पूरी फसल की खरीद की गारंटी मिल जाए।

चंद्रमोहन ने कहा कि बिजली की बड़ी लाइनों के टावर (पोल) जो किसानों के खेतो में लगाए जाते है उस की वजह से जो खेत की जमीन खराब होती है व उस जमीन की कीमत बहुत ज्यादा घट जाती है इसलिए जिस खेत में बिजली का टावर लगाया जाए उस खेत वाले किसान को 15 लाख रुपए प्रति एकड़ मुआवजा दिया जाए तथा जिस खेत के ऊपर से बड़ी लाइन की तारे गुजरे उस खेत का 5 लाख रुपए प्रति एकड़ मुआवजा व 20 हजार रुपए हर साल का ठेका दिया जाए ताकि किसान की जमीन व फसल की भरपाई हो सके इन लाइनों के मुआवजे के लिए सरकारी पोलसी बनाई जाए।इसके साथ ही विभाग की शर्त अनुसार टयुवबैल कनेक्शनों जारी करने को लेकर विभाग द्वारा चिन्हित कंपनियों की मोटरे खरीदने की लगाई है वह सरासर गलत है क्योंकि किसानो को बाहर बाजार से उसी क्वालिटी की मोटर सस्ती दरों पर मिलती हैं यह शर्त वापिस ली जानी चाहिए ताकि किसान बाहर से मोटर खरीद सके।

चंद्रमोहन ने यह भी कहा कि जहां पर ट्रांसफार्मर पहले से ही लगा हुआ है और किसान को नये टयुवबैल कनेक्शन के लिए उस पुराने ट्रांसफार्मर का शेयर भी भरने के लिए किसान को मजबूर किया जा रहा है जोकि गलत है यह शेयर प्रत्येक कनेक्शन लगभग 15 से 20 हजार रुपये किसान पर अतिरिक्त पड़ेगा जो की पूरी तरह से गलत है यह वापस लिया जाना चाहिए।बिजली विभाग द्वारा नए टयुवबैल कनेक्शनों को लगाने का ठेका किसी प्राइवेट कंपनी को दिया गया है जिस कारण से नए कनेक्शन लगाने में बेहद देरी हो रही है जबकि विभाग को यह कार्य खुद शीघ्र अति शीघ्र करना चाहिए।  डार्कजोन एरिया में किसानों को मोटरों के कनेक्शनों के लोड बढ़ाने की अनुमति दी जानी चाहिए ।

इस मोके पर चंद्रमोहन के नेतृत्व में वरिष्ठ कांग्रेस नेता शशि शर्मा, पार्षद संदीप सोही , पार्षद सलीम डबकोरी, पार्षद गोतम प्रसाद ,पार्षद उषा राणी, पार्षद अक्षयदीप चोधरी,पार्षद गुरमेल कोर,पूर्व पार्षद दलवीर वाल्मीकि,वरिष्ठ कांग्रेस नेता विजय धीर,देविंदर शर्मा बीडीसी मेंबर, एडवोकेट अमन दत्त शर्मा ज़िला चेयरमैन कांग्रेस लिगल डिपार्टमेंट,डाक्टर राम प्रकाश,रामगढ़ से पूर्व सरपंच राजकुमार सैनी गुरपाल चौधरी गुरमीत सरपंच सरदारा खान,ओम प्रकाश गुप्ता,वरिष्ठ कांग्रेस नेत्री सुषमा खन्ना,युथ कांग्रेस नेता बहादुर राणा, ज़िला महिला कांग्रेस महासचिव मुदिता शर्मा,पवन बिटु,ब्लाक महिला कांग्रेस प्रधान बबीता विनायक ,लकी,अछर पाल मटावाला,समय सिह सिधुं,अजय गर्ग,रवीन्द्र शर्मा,रणदीप राणा चेयरमैन बरवाला, क्रिशन खटोला,ओमवीर राणा बरवाला, लखवीनदर अलीपुर,बबुल राणा,गुरजीत पंच बरवाला,राजकुमार सरपंच रामगढ़,गुरपाल सिहं,अजय सुद,युथ कांग्रेस नेता आदर्श यादव,राजु धिमान,मोहीत बिशनोई,महेन्द्र सिंह सैनी,प्रकाश पेंटर,चारु तायल,मोहम्मद नासिर,बलजीत सिंह,जितेंद्र प्रशाद,भिम यादव,सोनु,गुरजटं सिंह व अन्य कांग्रेस नेता भी शामिल थे।