चण्डीगढ़ : आचार्यकुल, चण्डीगढ़ के अध्यक्ष केके शारदा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिख कर कश्मीरी नेताओं के साथ कल की सफल मीटिंग के लिए बधाई देते हुए कहा है कि अब उन्हें स्वयं आगे आ कर किसानों के साथ वार्ता करनी चाहिए ताकि महीनों से चला आ रहा गतिरोध ख़त्म हो सके । शारदा ने कहा कि सभी कश्मीरी नेताओं ने जिस भांति वार्ता के खत्म होने के उपरांत पीएम निवास से बाहर आकर यही सन्देश दिया कि वार्ता बहुत सफल रही। शारदा के मुताबिक तब से ही उनके मन में ये निवेदन करने की इच्छा हो रही थी कि किसान भाई, जिन्हें सब अन्नदाता कहते हैं, उनसे भी अपने कीमती समय में से कुछ समय निकाल कर वार्ता करके इस समस्या का भी हल निकाले। आप इसमें सक्षम भी हैं और आप में यह काबिलियत भी है। के के शारदा ने आगे लिखा है कि आपने देश की बड़ी से बड़ी समस्याओं को हल किया है इसलिए उन्हें पूरी उम्मीद है कि जिस दिन भी आपने इस समस्या को हल करने का सोच लिया, उसी दिन यह समस्या खत्म हो जायेगी क्योंकि भारत की जनता का आप पर अटूट विश्वास है और किसान भी यही चाहतें है, जैसा कि पढ़ने और सुनने में आता है। उनके मुताबिक जिस तरह कल की वार्ता के बाद कश्मीरी नेताओं ने प्रतिक्रिया दी, ठीक उसी तरह की वार्ता किसानों से भी जिस दिन आप करेंगें वह भी वार्ता करने के उपरांत यही कहेंगें कि प्रधानमन्त्री से उनकी वार्ता बहुत ही सौहार्द भरे माहौल में हुई और बहुत ही अच्छी रही। यह मेरा विश्वास है।
केके शारदा ने पीएम को लिखा है कि इस वार्ता के लिए अगर वे उचित समझें तो उनके (शारदा ) जैसे एक मामूली आदमी को उसमें शामिल कर सकें तो मेरा सौभाग्य होगा। उन्होंने कहा कि वार्ता से पहले जितने भी सदस्य किसानों की तरफ से इस वार्ता में शामिल होंगे, वे हरेक के पांव छूकर उनसे यह निवेदन करेंगे कि प्रधानमंत्री किसानों को आश्वासन दें, उसे मानते हुए वार्ता को सफल बनाने की कोशिश करेें। शारदा के मुताबिक़ वे इस समय लगभग 77 वर्ष की उम्र में पाँव रख चुके हैं। उन्हें चाहे कोई छोटा है या बडा है, उसके पाँव छूने में कोई गुरेज नहीं। अगर उनके इस प्रयास से किसान भाई उचित समझेंगें तो लगता है उसी दिन इस समस्या का हल प्रधानमन्त्री जी द्वारा हो जायेगा। उन्होंने आगे लिखा कि वे प्रधानमन्त्री से उम्र में जरूर बड़े हैं लेकिन शखसियत में वे (पीएम ) उनसे से बहुत बड़े हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें यह भी मालूम है कि आप एक कोमल हृदय के व्यक्ति हैं, जिस कारण आप की आँखे छलक जाती हैं तथा आप भी रात को सोने के समय इस पर जरूर गहराई से सोचते होगें कि देश के लगभग 400 से 500 अन्नदाता शहीद हो चुकें हैं, इसलिए किसी तरह इसका हल निकाला जाना चाहिए।
शारदा ने कहा कि वे बचपन से ही गाँधी जी, बिनावा जी और खादी से जुड़े रहें हैं, इसीलिए उनके मन में कल की वार्ता को देखते हुए एक विश्वास सा बना। इसीलिए अपने भाव आप तक पहुचाने की हिम्मत कर रहे हैं। उम्मीद है कि उनके जैसे एक छोटे से आदमी के विचार को समझते हुए किसानों की समस्या को जल्द से जल्द बुला कर आप हल करने की कोशिश करेंगें। अंत में उन्होंने फिर से निवेदन किया कि आप ही इस समस्या को हल कर सकते है यह उनका दृढ़ विश्वास है। वैसे भी देश के मुखिया होनें के नाते हर एक के लिए आपका आशीर्वाद की काफी होता है। यह किसानों और पूरे देशवासियों के लिए एक आशीर्वाद ही होगा।