पंजाब विश्वविद्यालय के महिला छात्रावास नंबर 6 ने आज स्ट्रेस मैनेजमेंट एवं कंसंट्रेशन पावर को बढ़ाने के लिए प्रोफेसर राजकुमार कुलगुरू पंजाब विश्वविद्यालय के मार्गदर्शन में सातवें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष पर एक वेबीनार कम वर्कशॉप का आयोजन किया गया जिसका विषय था “स्ट्रेस मैनेजमेंट विद नाद योग, अंतर्राष्ट्रीय नाद योग गुरु डॉक्टर नवदीप जोशी ने छात्रावास की छात्राओं एवं पंजाब विश्वविद्यालय के प्रोफेसर को नाद क्रिया करनी सिखाई
कार्यक्रम का शुभारंभ डीन स्टूडेंट वेलफेयर विमेन प्रोफेसर मीना शर्मा जी ने किया उन्होंने अपने इनॉग्रल भाषण में विद्यार्थी और अध्यापकों को संबोधित करते हुए योग के महत्व को बताया , उन्होंने कहा कि आज कोरोना के समय में सभी को डिप्रेशन भी बहुत हैं,और ऐसे कार्यक्रमों की बहुत आवश्यकता है।
अंतर्राष्ट्रीय नाद योग गुरु डॉक्टर नवदीप जोशी ने अपने उद्बोधन में सर्वप्रथम योग क्या है और इसका वर्तमान स्थिति में क्या महत्व है इस विषय को रखते हुए विद्यार्थियों को योग से जुड़ने के लिए प्रेरित किया उन्होंने एक प्रेरणादाई प्रेजेंटेशन देकर विद्यार्थियों को नाद योग के लिए प्रोत्साहित किया, उन्होंने विद्यार्थियों को बताया एक रिसर्च के हिसाब से जो बच्चे नियमित रूप से जो नाद योग कर रहे हैं वह स्वस्थ भी हैं और अपने हर उस मंजिल तक पहुंचने में कामयाब हुए हैं जिसके लिए वह पढ़ाई कर रहे हैं,
उन्होंने बड़े अच्छे तरीके से नाद क्रिया को प्रेजेंटेशन के रूप में और प्रैक्टिकल करवाकर कंसंट्रेशन पावर को कैसे बढ़ा सकते हैं, समझाया उन्होंने कहा नाद क्रिया एक ध्वनि है जो कि हम चहचहाती चिड़ियों से, समुद्र की ध्वनि से, झींगुर, भोरे की ध्वनि से, चलती हुई ठंडी हवा से, अपने मन को शांत कर सकते हैं ओम की चँटिंग भी करवाई।
20 मिनट का नाद योग का प्रशिक्षण भी करवाया उन्होंने बताया कि जब आप अपने आप को शांत मन से पूरी तरह सांसो के साथ हम जब खो जाएंगे तो हमारी जिंदगी का तनाव वैसे ही आधा हो जाएगा, लेकिन हमें यह ध्यान अपनी आंखों को बंद करके अपने आप में खो कर ही करना चाहिए तभी इसका पूर्ण लाभ होगा
हॉस्टल की वार्डन डॉ मनीशा शर्मा ने सभी का स्वागत किया और मुख्य वकता , डॉ नवदीप जोशी जी, जो कि संस्कृत सेंट्रल यूनिवर्सिटी दिल्ली में प्रोफेसर हैं और इंटरनेशनल योग गुरु के नाम से जाने जाते हैंउनका संक्षिप्त परिचय एवं उनके शोध कार्यों को विद्यार्थियों को बताया, वार्डन ने अंत में कहा कि यह लेक्चर हमारे विद्यार्थियों के लिए बहुत ही उपयोगी लेक्चर रहा और सभी ने लाभ प्राप्त किया। मंच का सफल संचालन हॉस्टल की शोध छात्रा ज्योति अहलावत ने किया।