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Posted by Surinder Verma on Tuesday, June 23, 2020

हरियाणा के पूर्व उपमुख्यमंत्री श्री चंद्रमोहन और कालका के पूर्व विधायक प्रदीप चौधरी ने पंचकूला के उपायुक्त मुकेश आहूजा के माध्यम से हरियाणा के राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य को ज्ञापन सौंपा है।

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पंचकूला 18 मई- हरियाणा के पूर्व उपमुख्यमंत्री श्री चंद्रमोहन और कालका के पूर्व विधायक प्रदीप चौधरी ने पंचकूला के उपायुक्त मुकेश आहूजा के माध्यम से हरियाणा के राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य को ज्ञापन सौंपा है। जिसमें राज्यपाल से हिसार में 16 मई को किसानों पर बर्बरतापूर्ण तरीके से लाठियां भांजनें और मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल खट्टर द्वारा कोविड प्रोटोकॉल और धारा 144 के उल्लंघन के आरोप मे मुख्यमंत्री के खिलाफ उचित कार्रवाई करने की मांग की गई है। ‌ ‌ ज्ञापन सौंपने के पश्चात चन्द्र मोहन ने कहा कि हिसार में जिस प्रकार से शान्ति पूर्वक तरीके से अपनी वेदना और पीड़ा को व्यक्त करने के लिए प्रदर्शन कर रहे, उन निहत्थे किसानों पर जिस प्रकार से लाठियां भांजी गई और पैलटगन के साथ साथ आंसू गैस के गोले भी दागे गए उससे लोकतंत्र शर्मशार हो गया है। उन्होंने कहा कि देश के अन्नदाता के साथ हरियाणा सरकार ने जो क्रूरता पूर्वक व्यवहार किया है उसने लोकतांत्रिक तरीके से प्रदर्शन करने की सभी मर्यादाओं को तार तार करके रख दिया है। ‌ उन्होंने कहा कि जिस प्रकार भाजपा कोरोना के समय में भी आपदा में अवसर तलाश रही है उससे स्पष्ट रूप से परिलक्षित होता है कि यह किसान विरोधी सरकार है। जिस प्रकार से कोरोना काल में तीन काले कृषि कानून संसद में धक्केशाही से पास करवा कर कारपोरेट घरानों को लाभ पहुंचाने का काम किया गया है ,उससे भारतीय जनता पार्टी की किसान विरोधी छवि स्पष्ट झलकती है। ‌ उन्होंने सवाल किया कि महिलाओं पर जिस समय लाठियां बरसाई जा रही थी उस समय मुख्यमंत्री की संवेदनशीलता कहां चली गई थी। यह जनविरोधी कार्यवाही इस सरकार के कफ़न में आखरी कील सिद्ध होगी। उन्होंने आरोप लगाया कि किस प्रकार से निरपराध और निहत्थे किसानों को दौड़ा- दौड़ा कर पीटा गया और लाठियों की बौछार के साथ -साथ उन पर आंसू गैस के गोले भी छोड़े गए। इस घोर निंदनीय और अमानवीय कृत्य का सारा श्रेय मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल खट्टर को जाता है। इस जघन्य कृत्य के लिए मुख्यमंत्री को किसानों और विशेषकर महिलाओं से माफी मांगनी चाहिए। इस काले अध्याय के लिए प्रदेश की जनता भाजपा को कभी भी माफ़ नहीं करेंगी। ‌ प्रदीप चौधरी ने कहा कि हिसार में मुख्यमंत्री के इशारे पर की गई पुलिस की कार्रवाई इस बात का द्योतक है कि हरियाणा में तानाशाही सरकार के सामने सभी लोकतांत्रिक मूल्य बोने नजर आते हैं। उन्होंने कहा कि रोंगटे खड़े कर देने वाली इस घटना से यह स्पष्ट रूप से परिलक्षित होता है कि पुलिस की संवेदनाएं भी बिल्कुल मर चुकी हैं और वह मुख्यमंत्री के इशारे पर इस प्रकार की घटनाओं को अंजाम दे रही है। उन्होंने कहा कि इतना ही नहीं पुलिस भी अपने आकाओं को खुश करने का भरसक प्रयास कर रही है। ‌ ‌ श्री चौधरी ने कहा कि पुलिस किसानों पर, इस प्रकार की दमनात्मक कार्रवाई कुरुक्षेत्र, रेवाड़ी और रोहतक में भी पहले कर चुकी है। उन्होंने कहा कि हरियाणा के बहादुर किसानों और देश की मातृशक्ति के हौसले को मैं सलाम करता हूं। उन्होंने जोर देकर कहा कि आंसू गैस और लाठियों की बौछार तो क्या सरकार की गोलियां भी किसानों का रास्ता नहीं रोक सकती हैं। किसानों को लाठी रुपी प्रसाद खाने का मौका पहले भी कुरुक्षेत्र, रोहतक और रेवाड़ी में भी मिल चुका है। ‌ उन्होंने कहा कि लाठी और गोली की आवाज से स्वाभिमानी किसानों के आंदोलन के अधिकारों को कभी भी दबाया नहीं जा सकता है और पिछले 6 महीनों से दिल्ली की सीमाओं पर चल रहा शान्ति पूर्ण आन्दोलन इसका परिचायक है। ‌ ‌ ‌ ज्ञापन में मुख्यमंत्री से मांग की गई है कि अगर उसमें जरा सी भी नैतिकता बची है तो, वह किसानों पर लाठियां बरसवाने की अपेक्षा उन से बातचीत करके उनकी समस्याओं के समाधान के लिए प्रयास करें और प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को भरोसे में लेकर तीनों काले कृषि कानूनों को वापस लेने की सिफारिश करें ताकि देश के अन्नदाता को तबाह होने से बचाया जा सके। लेकिन अफसोस की बात यह है कि भारतीय जनता पार्टी और जन नायक जनता पार्टी की सरकार पर तो सत्ता का नशा सिर चढ़कर बोल रहा है। इनसे यह अपेक्षा करना बेईमानी होगा। ‌ इस ज्ञापन में मुख्यमंत्री द्वारा हिसार में अस्थाई कोविड अस्पताल के उद्घाटन समारोह में कोविड नियमों का उल्लघंन करने और धारा 144 तोड़ तोड़ने के लिए अपने पद का दुरुपयोग करने तथा इस पद की गरिमा को ठेस पहुंचाने के लिए राज्यपाल द्वारा उचित कार्रवाई करने के साथ-साथ मुख्यमंत्री को जनता से और विशेषकर महिलाओं से माफी मांगनी चाहिए ताकि उनकी आहत भावनाओं पर प्यार का मरहम लगाया जा सके और अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे किसानों को बचाया जा सके वरिष्ठ कांग्रेस नेता शशी शर्मा,हरीयाणा महिला कांग्रेस कार्यकारी अध्यक्ष सुधा भरद्वाज,पार्षद संदीप सोही,वरिष्ठ कांग्रेस नेता ऐस पी अरोड़ा, कांग्रेस पार्षद पद के उम्मीदवार रही प्रियंका हुड्डा,पार्षद पद के उम्मीदवार रहै योगेन्द्र कवात्रा,वरिष्ठ कांग्रेस नेत्री सुषमा खन्ना,वरिष्ठ कांग्रेस नेता,विजय धिर,विजय मोहन वर्मा, शरणजीत काका फ़िरोजपुर, महेंद्र राणा,देवीनदरं शर्मा काला,जसबीर राणा,संदीप राणा जलोली
गुरपाल सिंह,राज कुमार सैनी,असग़र अली,आलमगीर रेहना, अकरम सुल्तानपुर हेमन्त किगंर,इत्यादि