-विश्व कैंसर दिवस पर लोगों को जागरुक किया
-कैंसर के प्रति नियमित रूप से जागरुकता फैलाना जरूरी
गुरुग्राम। गुरुवार को विश्व कैंसर दिवस के मौके पर यहां आर्टेमिस अस्पताल में जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें अस्पताल के चिकित्सकों के साथ कैनविन फाउंडेशन ने लोगों को कैंसर के प्रति जागरुक करने की बात कही। इस मौके पर कैनविन के संस्थापक डा. डीपी गोयल ने पहले तो कैंसर से बचने का सुझाव दिया। साथ ही कैंसर का सही समय पर पता लगाकर इसके सही उपचार की बात कही।
इस मौके पर आर्टेमिस अस्पताल के डा. हरी गोयल, डा. पवन, डा. प्रवीन यादव, डा. अंशु जैन, डा. पांडेय, डा. प्रिया तिवारी, डा. विनोद गुप्ता व आर्टेमिस प्रबंधन से फरीद खान भी मौजूद रहे। सभी ने कैंसर के प्रति जागरुकता की बात कही। डा. डीपी गोयल ने कहा कि आमतौर पर कैंसर का पता तीसरे, चौथे स्टेज पर लगता है। जिस दौरान कैंसर का उपचार करना काफी मुश्किल हो जाता है। इसलिए हमें कैंसर की शुरुआत के समय ही इसकी पहचान कर लेनी चाहिए। इसके लिए जरूरी है कि शरीर में कुछ बदलावों का पता लगते ही हम अपने शरीर की जरूरी जांच करवाएं। उन्होंने कहा कि कैंसर आमतौर पर डीएनए में कुछ बदलावों के कारण होता है। कुछ पदार्थ भी हैं, जो कैंसर का कारण बन सकते हैं। कैंसर के सबसे मुख्य जोखिमों में तंबाकू या उससे बनने वाले प्रोडक्ट सिगरेट, चुईंगम आदि का लंबे समय तक सेवन करना मुंह व फेफड़ों के कैंसर का कारण बन सकता है। लंबे समय से अल्कोहल का सेवन करना लीवर कैंसर समेत अन्य कैंसर देता है। अनहेल्दी खान-पान और रिफाइंड खाद्य पदार्थ जिनमें फाइबर कम होता है, वे कोलन कैंसर होने के खतरे को बढ़ा सकते हैं।
कुछ प्रकार के हार्मोन भी कैंसर का कारण बन सकते हैं। उम्र बढऩे के साथ भी कुछ प्रकार के कैंसर होने का खतरा बढ़ता रहता है। इसमें कोलन कैंसर, ब्रेस्ट कैंसर और प्रोस्टेट कैंसर शामिल है। परिवार में पहले किसी को कैंसर होना भी इसका खतरा बढ़ा देता है। इसमें अधिकतर ब्रेस्ट कैंसर के मामले देखे जाते हैं। कार्य के दौरान संपर्क में आने वाले कुछ हानिकारण पदार्थ भी कैंसर होनेे के खतरे को बढ़ा सकते हैं। मोटापा भी कैंसर के खतरे को बढ़ा देता है। अधिक मात्रा में वसायुक्त आहार लेना और शारीरिक गतिविधियां कम करने से शरीर का संतुलन खराब होने लगता है। यह कैंसर का खतरा बढ़ाता है। इसलिए जरूरी है कि कैंसर से बचाव के उपायों पर हम ध्यान दें। एक स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर और जोखिम कारणों को कम करके कैंसर विकसित होने से बचा जा सकता है। जो लोग कैंसर से प्रभावित हैं, वे सामान्य जीवनशैली को अपनाएं। घर पर ही बना पोषक आहार लें। रोजाना कम से कम आधे घंटे तक व्यायाम करें। अगर कठिन व्यायाम नहीं कर पाते हैं तो इतने समय तक तेजी से चलें। तंबाकू और उससे बने उत्पादों का सेवन ना करें और शराब ना पियें। नियमित रूप से स्वास्थ्य की जांच करवाते रहें।