अधिकतर एमरजेंसी में ऐंबुलेंस चाहिए हो तो या तो वक्त पर पहुंचती ही नहीं या फिर रेट मनमाने वसूले जाते हैं। लेकिन, अब ऐसा नहीं होगा क्योंकि चंडीगढ़ में एक ऐसी सर्विस लॉन्च की गई है। इसमें ऐंबुलेंस बुक करने के दो से पांच मिनट के अंदर यह आपके पास होगी। साथ ही पहले से फिक्स रेट होंगे शुक्रवार को चंडीगढ़ प्रेस क्लब में चंडीगढ़ के मेयर रविकांत शर्मा ने इसे रेजिडेंट वेलफयर बड़ी क्राफेड की मौजूदगी में लॉन्च किया
रविकांत शर्मा ने कहा कि शहर में पहली बार एप के जरिए ऐसी सर्विस लॉन्च की गई है, जो पेशेंट्स के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। इसे शहर के हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर में वृद्धि होगी और यंगस्टर्स के लिए भी रोजगार की ऑप्शंस खुलेंगी। उन्होंने कहा- कई बार समय से ऐंबुलेंस घटनास्थल पर न पहुंचने और वक्त पर इलाज न मिलने के चलते लोग अपने करीबियों को खो देते हैं। लेकिन इस सुविधा से कई जानें बचेंगीं।
ऑस्ट्रेलिया में एप- आधारित एम्बुलेंस व टैक्सी सर्विस चंडीगढ़ के अलावा मोहाली और पंचकूला में भी ऑपरेट करेगी। अभी ये सर्विस पंजाब के लुधियाना, जालंधर, पटियाला में ऑपरेशनल है। राइडबूम के संस्थापक सी ई ओ हरमिंदर मल्ही ने बताया कि मैं अपने तीन दशक के ट्रॉन्सपोर्ट इंडस्ट्री के एक्सपीरियंस से अपने पंजाब के लोगों के लिए कुछ करना चाहता था। पंजाब में ऐंबुलेंस और टैक्सी सेवाओं को मजबूत करने और शहर के युवाओं के लिए रोजगार पैदा करने के लिए इस सर्विस की शुरुआत की है। उन्होंने बताया कि उनके पास 2 हजार के करीब टैक्सी ड्राइवर्स रजिस्टर्ड हो गए हैं।
मल्ही ने बताया कि कोविड काल में वह भारत में ही थे। इस दौरान मेरे पड़ाेसियों ने एंबुलेंस कॉल की तो काफी समय तब ऐंबुलेंस नहीं आई। वह काफी परेशान हुए और उसके बाद दूसरी ऐंबुलेंस बुलाई। तभी मुझे पता चला कि यहां एंबुलेंस को लेकर कितनी दिक्कत है। इसलिए पंजाब से इसकी शुरुआत की है और देश के 198 शहरों में इस सर्विस का विस्तार करूंगा।
ऐंबुलेंस की बात करें तो ट्राईसिटी में 200 ऐंबुलेंस ड्राइवर अब तक रजिस्टर हो चुके हैं। उन्होंने बताया कि अभी हम एंबुलेंस ड्राइवर्स का बैकग्राउंड चेक कर रहे हैं। देख रहे हैं कि क्या उनके पास मरीजों की मदद करने की ट्रेनिंग है या नहीं। उन्होंने बताया कि ऐंबुलेंस में ऑक्सीजन, जरूरी इक्विपमेंट्स और स्ट्रेचर्स रहेंगे। रेट के बारे में हमने लोकल ड्राइवर्स से बात की है। ये नॉर्मल से अर्फोडेबल होंगे। A टू B जगह जाने के लिए कम से कम 500 रुपए हैं, लेकिन अगर किसी के पास पैसे नहीं हैं तो वह ड्राइवर से बात कर नेगोसिएशन कर सकते हैं। इसके अलावा प्रति मिनट और प्रति किमी के रेट भी एक दो दिन में फाइनल हो जाएंगे।
मल्ही ने बताया कि इस एप में कई सेफ्टी व सिक्योरिटी फीचर्स हैं। उदाहरण के तौर पर प्रियजनों के साथ शेयर ट्रिप की जानकारी और जेंडर सिलेक्शन ऑप्शन जो सिर्फ महिला कस्टमर्स के लिए है।इसके अलावा एक और सुरक्षा सुविधा रेडर-लाइट आइकन बटन है। यह बटन एक छोटे रेड-लाइट आइकन की तरह है और अगर राइडर इसे प्रेस करता है तो यह पुलिस से कनेक्ट करेगा।