चंडीगढ़, 27-01-2021 : दिल्ली में किये गए नुक्सान की भरपाई हो, किसान आंदोलन को चला रहे नेताओं की सम्पति बेच कर l
कांग्रेस व् वामपंथी दलों द्वारा किसान आंदोलन के नाम पर की गयी हिंसा को समर्थन – शर्मनाक l
संयुक्त किसान मोर्चा (SKM ) द्वारा हिंसा व् उपद्रव को शांतिपूर्ण आंदोलन कह कर इसका धन्यवाद करना – हास्यपद l
शिव सेना के नेता समझे अंतर, राष्ट्रीय अपमान व् राष्ट्रीय गर्व के प्रतीकों पर हमला करने का l
भारतीय जनता पार्टी, चंडीगढ़ के प्रदेश महासचिव चन्दर शेखर ने 26 जनवरी को देश की राजधानी दिल्ली मे किसान आंदोलन में शामिल उपद्रवियों व् दंगाइयों द्वारा की गयी हिंसा की भरपूर निंदा की है l चन्दर शेखर ने कहा क़ि वास्तव में यह आंदोलन किसानो के हित क़ि बात करने वाला आंदोलन था ही नहीं l यह आंदोलन तो कांग्रेस, वामपंथी दलों व् देश विरोधी ताकतों के हितो का था, जिनका काम भारत में सत्तासीन श्री नरिंदर मोदी के नेतृत्व में चल रही स्थिर सरकार को अस्थिर करना है l क्योंकि इस सरकार के कारण कांग्रेस के हाथ से सत्ता का निकलना, दलाली व् घोटालेबाजी करने वालो पैर नकेल कसी गयी है l
26 जनवरी को पूरी दुनिया ने देखा कि किस प्रकार देश कि राजधानी को किसान आंदोलन के नाम पर लड़ाई का मैदान बना दिया गया l जिसके कारण करोडो रुपए की सरकारी संपत्ति का नुक्सान हुआ l किसान आंदोलन के नेताओं द्वारा शांतिपूर्ण ट्रेक्टर परेड की जिम्मेवारी लेने तथा विपक्ष खासतौर पर कांग्रेस व् वामपंथी दलों द्वारा मोदी सरकार पर किसान विरोधी होने के झूठे आरोप लगाने पर किसान नेताओं की सहमति से कुछ शर्तो के साथ सरकार ने किसानो को ट्रेक्टर परेड की अनुमति दे दी l मोदी सरकार ने तो अपने किसान हितैषी होने का सबूत दिया परन्तु किसान आंदोलन के नेता अपनी जिम्मेवारी निभाने में असफल रहे l तथा अपने लोगो पर नियंत्रण रखने में विफल रहे l जिसके कारण करोडो रुपये की सरकारी संपत्ति का नुक्सान हुआ l
चन्दर शेखर ने प्रधानमन्त्री मोदी जी से मांग की है कि सरकारी सम्पतियों के नुक्सान कि भरपाई किसान आंदोलन के नेताओं कि सम्पतियों को बेच कर कि जाये l चन्दर शेखर ने कहा की जिन सरकारी सम्पतियों को उपद्रवियों द्वारा नुक्सान पहुँचाया गया वे देश की जनता द्वारा सरकार को करो के रूप में चुकाई गयी खून पसीने की गाढ़ी कमाई से खरीदी जाती है l इसलिए किसी को भी आंदोलन के नाम पर इनको नुक्सान पहुँचाने का हक़ नहीं हैं l और जो भी इनको नुक्सान पहुँचता है, उनसे नुक्सान की भरपाई भी आवश्यक हैं l
चन्दर शेखर ने कांग्रेस व् वामपंथियों को आड़े हाथो लेते हुए कहा कि दिल्ली में हुई हिंसा व् उपद्रव के बाद जिस प्रकार इन दलों ने इसको सही व् तर्कसंगत देहराने कि कोशिश की है वह शर्मनाक व् उनके दिमागी व् राजनैतिक दिवालियेपन की परकाष्ठा है l अपनी राजनैतिक रोटियां सेकने व् देश को अस्थिर करने के लिए कांग्रेस व् वामपंथी किसी भी हद तक गिर सकते है l और यह पूरे देश ने देखा है l चन्दर शेखर ने विपक्ष को चेतावनी देते हुए कहा कि भारत कि जनता 2014 व् 2019 में इनको नज़ारा दिखा चुकी हैं, कही ऐसा न हो कि 2024 में देश कि जनता इन दलों को इनकी हरकते देखते हुए भारत के नक़्शे से ही मिटा दे l
चन्दर शेखर ने संयुक्त किसान मोर्चा (SKM ) द्वारा दिल्ली में हुई हिंसा व् उपद्रव को शांतिपूर्ण आनंदोलन बता कर आंदोलनकारियों को धन्यवाद करना हास्यपद करार दिया है l चन्दर शेखर ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा (SKM ) के नेताओं को इतनी हिंसा व् उपद्रव, चाय पीना या खाना खाने जैसा आम काम लगता है l परन्तु उनको इस बात का आभास नहीं कि उनकी इस सोच के कारण कितने लोगो की जान खतरे में पड़ गयी l हिंसा व् उपद्रव के लिए जिम्मेवार लोगो को धन्यवाद कर ऐसे लोगो की पीठ थपथपाना वास्तव में निंदनीय है l परन्तु संयुक्त किसान मोर्चा (SKM ) के नेता शायद यह भूल गए कि ऐसे लोगो पर नियंत्रण रखने की जिम्मेवारी लेना कितना घातक सिद्ध हो सकता है जोकि संयुक्त किसान मोर्चा (SKM ) के नेताओं के साथ भी हुआ l चन्दर शेखर ने संयुक्त किसान मोर्चा (SKM ) के नेताओ द्वारा हिंसा व् उपद्रव के लिए दिन में शर्मिंदा होना व् शाम होते ही उपद्रवियों का धन्यवाद करना, संयुक्त किसान मोर्चा (SKM ) के नेताओं की बेशर्मी कहा l
चन्दर शेखर ने शिवसेना नेता श्री संजय राउत के उस बयान , जिसमे संजय राउत ने लाल किले पर उपद्रवियों द्वारा कब्जे की तुलना बाबरी ढांचे से की है l चन्दर शेखर ने कहा कि अपने आप को देशभक्त दल कहने वाली पार्टी के नेता कम से कम राष्ट्रीय स्वाभिमान और राष्ट्रीय गर्व तथा राष्ट्रीय अपमान के स्मारको व् प्रतीकों में अंतर करना सीखे l श्री संजय राउत पहले भी कई विवादस्पद बयानों के कारण अपनी हंसी उड़वा चुके हैं परन्तु लगता हैं कि संजय राउत का खबरों में रहने का अपना ही स्टाइल व् भूख है l अब चाहे बेशक इसके कारण उनकी हंसी ही उड़े l
चन्दर शेखर ने किसानो को भरोसा दिलाते हुए कहा कि दिल्ली में राज कर रही मोदी सरकार ही वास्तव में किसानो कि हमदर्द हैं l इसलिए सरकार ने कई बार संयुक्त किसान मोर्चा (SKM ) के नेताओं से बातचीत की l संयुक्त किसान मोर्चा (SKM ) के नेताओं की कई मांगो को माना, उन्हें कई प्रस्ताव भी दिए l परन्तु इन्होने अपने स्वार्थ के चलते हर प्रस्ताव को ठुकराया व् किसानो को गुमराह करते रहे l परन्तु अब देश के सच्चे व् असली किसान को यह सोचना चाहिए कि किसानो के नेता बनने के नाम पर यह नेता किसानो का भला कर रहे है या किसानो के कंधे का इस्तेमाल कर इन नेताओं कि मंशा कुछ और ही है l
उन्होंने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा (SKM ) के ज्यादातर नेता जो किसान आंदोलन का नेतृत्व कर रहे है वो भारत व् मोदी सरकार के विरोध में हो रहे हर धरने या प्रदर्शन में आपको मिलेंगे , चाहे वह CAA के खिलाफ हो या किसान बिलो के विरोध में हो l क्या पंजाब का किसान जोकि ज्यादातर सिख है, वह भूल गया कि किसान आंदोलन में नेता बन कर बैठे वही लोग है जो CAA के खिलाफ खड़े हो कर मुस्लिम देशों में प्रताड़ित सिख भाइयों को भारतीय नागरिकता देने के खिलाफ थे, परन्तु आज अपने राजनैतिक फायदे के लिए उन्ही सीखो को अपना भाई व् उनका असली शुभचिंतक बता रहे है l