Chandigarh September 25, 2020
शब्दों की आवाजाही से समृद्ध होती हैं भाषाएं हिंदी, पंजाबी, मलयाली में भी अनेक पुर्तगाली शब्द
हिंदी विभाग द्वारा भाषाओं में शब्दों की आवाजाही पर वेब – संवाद
चंडीगढ़, 25 सितंबर। पंजाब विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के कही अनकही विचार मंच की ओर से आज वेब – संवाद का आयोजन किया गया। इस वेब – संवाद में लिस्बन विश्वविद्यालय, पुर्तगाल से प्रो. शिवकुमार सिंह मुख्य वक्ता के रूप में शामिल हुए। उन्होंने ‘भाषाओं में शब्दों की आवाजाही’ पर बोलते हुए कहा कि हर भाषा लिपि और संरचना के स्तर पर भी बदलती है लेकिन बदलाव सबसे अधिक शब्दों के मामले में देखा जाता है। उन्होंने बताया कि ना सिर्फ हिंदी में बल्कि पंजाबी, मलयाली जैसी अन्य भारतीय भाषाओं में सैकड़ों शब्द पुर्तगाली भाषा से आए हैं। उदाहरण के लिए कनस्तर, बिस्कुट, गिरजाघर, तौलिया और पादरी आदि। उन्होंने कहा कि आमतौर पर ऐसा समझा जाता है कि अंग्रेजी से ही दूसरी भाषाओं में शब्द गए हैं जबकि यह सही नहीं है और शब्दों की आवाजाही दो भाषाओं के अंदर और बाहर निरंतर चलती रहती है। हिंदी से भी घड़ियाल, मंत्र, महाराजा, बासमती और समोसा जैसे शब्द दूसरी भाषाओं में गए हैं। प्रो. शिवकुमार सिंह ने कहा कि शब्दों की आवाजाही के बावजूद हर भाषा को नए शब्दों को गढ़ने की प्रक्रिया जारी रखनी चाहिए। जैसे कोरोना युग में कई भाषाओं में अंग्रेजी के समांतर नए शब्दों का निर्माण किया गया है। उन्होंने कहा कि विशेष तौर पर हिंदी में हमने जैसे नए शब्दों को गढ़ना ही छोड़ दिया है। इस स्थिति को बदलना होगा और बराबर अपने शब्दकोश में नए शब्द जोड़ने होंगे।
व्याख्यान के बाद प्रश्न – उत्तर का सत्र भी हुआ।
विभागाध्यक्ष डॉ. गुरमीत सिंह ने प्रो. शिवकुमार सिंह का स्वागत करते हुए बताया कि हिंदी भाषा ने सभी भाषाओं के शब्दों को खुले मन से अपनाया है और यह उसकी कमजोरी नहीं बल्कि ताकत है। भाषा एक प्रवाह की तरह होती है। आमतौर पर ऐसा समझा जाता है कि हिंदी भाषा में अंग्रेजी के शब्दों का इस्तेमाल होता है जबकि सच्चाई यह है कि हिंदी ने केवल अंग्रेजी ही नहीं बल्कि लगभग सभी प्रमुख भाषाओं के शब्दों को लिया है। शब्दों की यह आवाजाही भाषाओं के लिए न सिर्फ जरूरी है अपितु उनको समृद्ध भी बनाती है।
आज के कार्यक्रम में देश – विदेश के विभिन्न हिस्सों से शोधार्थी एवं प्राध्यापकों सहित 50 से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया जिनमें विभाग के प्रो. सत्यपाल सहगल, जनसंचार विभाग से डॉ. भवनीत भट्टी, प्रो. मोहनमीत खोसला, राजकीय महाविद्यालय सेक्टर – 42 से डॉ. हरप्रीत कौर, बीएचयू से डॉ. प्रभाकर सिंह, महाराष्ट्र से विजय नगरकर, ताशकंद से निलूफ़र, आगरा से सदफ इश्त्याक, छत्तीसगढ़ से डॉ. आरती पाठक, प्रयागराज से डॉ. ज्ञानेन्द्र शुक्ल और श्री प्रशांत मिश्रा शामिल रहे।
Press Release No. 9923
Renuka B. Salwan(DPR)