The Welcome address was done by Prof. Ashok Kumar, Director – CSSEIP & Professor in Hindi, Panjab University a renowned academician of Hindi literature. He talked about importance of teacher , education and significance of this day very elaborately.
Hon. V.C Panjab University Prof. Raj Kumar, delivered the Presidential Address. He deliberated on the New Education Policy as a milestone for Indian Education system. It’ll unite India as it focused on mother tongue/Mother Language. He further added that Multiple entry and multiple exist system will be very beneficial for economically weaker section and lower strata of the society. He very systematically emphasized to promote rich Indian , art , culture and language alongwith professional skill development.
Sh. Naveen Kaushik in his lecture discussed salient features of National education policy. National education policy lays emphasis on providing the primary education in mother tongue. He cited about UNESCO (Article 19) focusing on teaching in mother language/ tongue as it’s helpful for the holistic development of the student. He explained the promotion of Sanskrit as welcome step to make Indian masses aware about this precious language. He further explained that this national education policy will help to eradicate poverty and unemployment.
Prof.Devinder Singh Coordinator Dr.B.R.Ambedkar Centre and Professor of law Panjab University, Chandigarh extended vote of thanks he emphasized and welcomed this National education Policy as a step further for a new and progressive India. It will lead to intellectual empowerment of masses. The session was moderated by Dr.Kanchan Chandan from teaching faculty CSSEIP, P.U. Chandigarh
नई शिक्षा नीति द्वारा हमारी बुनियादी शिक्षा में परिवर्तन की नींव रखी जाएगी| इससे प्रत्येक गाँव और कस्बों में अनिवार्य रूप से विद्यालय खोलना जरूरी होगा| इनमें सभी वर्ग के विद्यार्थियों को ध्यान में रखा गया है| इस शिक्षा नीति की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसमें व्यावसायिक शिक्षा का प्रस्ताव रखा गया है| व्यावसायिक शिक्षा देने का उद्देश्य यह है कि बच्चे आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर होंगे|” यह कहना था मुख्य-वक्ता के रूप में आमंत्रित श्री नवीन कौशिक का जो सामाजिक अपवर्जन एवं समावेशी योजना अध्ययन केन्द्र, पंजाब विश्वविद्यालय चंडीगढ़ द्वारा आयोजित राष्ट्रीय वेबिनार “बदलते भारत का स्वरूप: राष्ट्रीय शिक्षा नीति” को सम्बोधित कर रहे थे| श्री कौशिक ने अपने वक्तव्य में नई शिक्षा नीति की व्यावहारिक समीक्षा करते हुए उसे भारतीय शिक्षा-व्यवस्था का सबसे बड़ा कदम बताया|
मुख्य-अतिथि के रूप में उपस्थित पंजाब विश्वविद्यालय चंडीगढ़ के कुलपति प्रो. राजकुमार सिंह ने अपने वक्तव्य में यह कहते हुए नई शिक्षा नीति का समर्थन किया कि “इसमें कोई दो राय नहीं है कि सैद्धांतिक और व्यावहारिक दृष्टि से हम हर समय सक्षम रहे, लेकिन अब जरूरत है तकनीकी दृष्टि से सम्पन्न होने की| यह जरूरत भी लगातार पूरी की जा रही है| राष्ट्रीय शिक्षा नीति इसी प्रयास का परिणाम है| वर्तमान दौर जिस गति से डिजिटल युग में ढल रहा है उसी गति से हमें अपने सीखने की प्रवृत्ति में
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