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Posted by Surinder Verma on Tuesday, June 23, 2020

महिलाओं की प्रताडऩा और उनका चरित्र हनन सहन नहीं किया जाना चाहिए

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चंडीगढ़,सुनीता शास्त्री। महिलाएं समान अधिकार की बात करने वाले समाज में क्यों प्रताडि़त होती है? मैं महिलाओं को धरातल पर भी बराबरी के अधिकारों की पैरवी करता हूं और ऑनलाइन प्रताड़ित होने वाली महिलाओं के साथ अंतिम सांस तक खड़ा हूं।आज भारत में महिला सुरक्षा और महिला सशक्तिकरण को लेकर एक बहुत ही अनोखी पहल की गई जिसमें समाज के साथ-साथ ऑनलाइन प्रताड़ित हो रही महिलाओं के लिए भारत नीति के राष्ट्रीय को-कोऑर्डिनेटर श्री गौरव गोयल ने एक वेबीनार का आयोजन किया और इसमें विभिन्न क्षेत्रों से मूर्धन्य, विदुषी महिलाओं ने भाग लिया। करीब 800 से ज्यादा महिलाएं पूरे देश में से वेबिनार में हिस्सा लिया ! मोनिकाअरोड़ा ने कहा कि इन समस्याओं के निराकरण के लिए कानूनी धाराओं के साथ-साथ हर राज्य में महिला सेल और साइबर सेल पर शिकायत दर्ज कराने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि किसी भी हालत में महिलाओं की प्रताडऩा और उनका चरित्र हनन सहन नहीं किया जाना चाहिए।उन्होंने कहा कि इस देश को जागृत महिलाओं की बहुत आवश्यकता है और भारत नीति के मंच से महिला सशक्तिकरण के लिए प्रयासरत हो जाए। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता भाजपा राष्ट्रीय महामंत्री श्री मुरलीधर राव जी ने भी अपने विचार व्यक्त किए और उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में सभी को अपनी बात रखने का अधिकार है परंतु वह शालीन और सभ्य होना चाहिए किसी भी प्रकार की हिंसा और  अनर्गल आक्षेप अवांछनीय है।सोशल मीडिया आने के बाद गांव देहात में बैठे हुए भारतीय भी इस लोकतंत्र में अपना सहयोग दे सकते हैं सोशल मीडिया ने भारत को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता दी है।इसी वेबिनार में पद्मश्री मालिनी अवस्थी जी ने भी महिला सशक्तिकरण की मांग करते हुए कहा कि कितने भी आधुनिक हो जाने के बावजूद भी आज भी कोई टिप्पणी करने के बाद महिलाओं को बहुत संभल कर शब्दों और वाक्यों का प्रयोग करना पड़ता है। उन्हें वह स्वतंत्रता प्राप्त नहीं है जो बाकियों को है। राष्ट्र के साथ खड़ी महिलाओं को निशाना बनाने में वामपंथियों ने भी कोई कसर नही छोड़ी। उन्होंने कहा कि हमें सशक्त महिलाएँ बनना है और हमें, अपने अंत:करण को सुन कर सही का चुनाव करना है।प्रख्यात राष्ट्रवादी  इल्मी जी ने कहा कि अब वह समय जा चुका है जब महिलाओं को दबा के रखा जाता था, परन्तु अभी भी समाज मे महिलाओं को दबा कर उनके कौशल और निपुणता को कुंद करके रखने के प्रयास होते रहते हैं। ओरन्तु महिलाओं के साथ कानून और कई राष्ट्रवादी पुरुष खड़े हैं जो उन्हें बराबर अधिकार देने के पक्ष में हैं। समीर चाकू, तुषार भार्गव, आदित्य भार्गव, वैदेई, अमनदीप , सौरव आचार्य, अनूप जी और अन्य सदस्यों के हिस्सा लिया ।