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Posted by Surinder Verma on Tuesday, June 23, 2020

डायरेक्टर प्रदीप सरकार ने सुनाए किस्से, बताया कैसे 14 टेस्ट के बाद सिलेक्ट हुईं थी विद्या बालन और सैफ को देखने ट्रेन पर टूट पड़े थे लोग

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दैनिक भास्कर

Jun 10, 2020, 05:00 AM IST

मुंबई (उमेश कुमार उपाध्याय).

विद्या बालन, संजय दत्त, सैफ अली खान, राइमा सेन, दीया मिर्जा स्टारर फिल्म परिणीता को रिलीज हुए 15 साल पूरे हो चुके हैं। इस खास मौके पर निर्देशक प्रदीप सरकार ने भास्कर से खास बातचीत में फिल्म से जुड़े कुछ दिलचस्प किस्से शेयर किए हैं।

शूटिंग के आखिरी दिन इमोशनल हो गए थे डायरेक्टर

परिणीता को आज 15 साल हो जाएंगे, लेकिन उस दौरान की घटनाओं के बारे में सोचता हूं तो लगता है कि एकदम तरोताजा है। किसी प्रोजेक्ट को लेकर जब लंबे समय तक काम करते हैं, तब परिवार जैसा रिश्ता बन जाता है। आखिरी दिन का किस्सा बताऊं तो जब पैकअप बोलने से दो तीन शॉर्ट बाकी था। मैंने सबसे बोला कि जब पैकअप बोलूंगा तब सारे किरदार एक साथ गायब हो जाना। सेट एकदम खाली हो जाना चाहिए। तब सैफ ने कहा कि दादा हम सब क्यों गायब हो जाएं, इससे अच्छा आप ही चले जाइएगा।

सैफ को देखने उमड़ी थी भीड़

इसकी शूटिंग के दौरान काफी दिक्कतें आई। जब हम लोग दार्जिलिंग में शूट कर रहे थे, तब बाइक पर आए 500 से अधिक लोगों ने ट्रेन पर धावा बोलते हुए कहा कि एक बार हमें सैफ अली खान को दिखाओ। फिर सैफ ने सामने आकर हाथ हिलाया। हम हैरान हो गए और शूटिंग रोकनी पड़ी। फिर  हमें लगा कि तरीका बदलना पड़ेगा वरना ऐसे तो हम शूटिंग ही नहीं कर पाएंगे। काफी जद्दोजहद के बाद  शूटिंग की लोकेशन चेंज किया। गाड़ी को जंगल के अंदर ले जाकर जहां आने जाने का कोई रास्ता नहीं था वहां पर सीन शूट किया।

ट्रेन की बोगी के लिए करना पड़ा 5 महीने इंतजार

ट्रेन के डिब्बे को सिलेक्ट करने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। ट्रेन का असली डिब्बा तो बना नहीं सकते थे, इसलिए किसी के सुझाए अनुसार यार्ड में खड़े रेलगाड़ी को देखने गए। लेकिन वह सब डिब्बे नए जमाने के थे। काफी ढूंढने के बाद दो बोगी मिली जो काफी टूटी फूटी थीं। इस बारे में जब रेलवे से बात हुई तब उन्होंने कहा कि इसे टेस्ट करने में कम से कम तीन चार महीने लगेंगे। हमारे पास कोई रास्ता नहीं था, इसलिए हमें इंतजार करना पड़ा। लेकिन जब तीन- चार महीने बाद देखने गए तो ट्रेन रेडी देखकर ताजुब लगा कि इतना सुंदर बनाया है।

संजय दत्त के साथ दुर्गा पूजा करने में आई थीं दिक्कतें

दुर्गा पूजा में एक नृत्य होता है जिसमें ढाप (ढोलक) बजाकर नाचते हैं। इस बारे में संजय दत्त को बताया तो वे कहने लगे हां मैं कर लूंगा। उन्होंने डांस तो किया लेकिन इस पूजा डांस के अंदर ही धूप की बाती हाथों और दांतो के बीच फंसा कर नाचना था। इसे करने के लिए जब संजय दत्त से कहा तो उन्होंने बोला अरे दादा मरवाओगे क्या। कहीं टूट फूट गया तो क्या होगा। मेरी बहुत कोशिश करने के बावजूद उन्होंने न बोल दिया। आखिर में सेट से जाते वक्त उन्होंने अचानक पलट कर पूछा कि क्या इस शॉट को छोटे नवाब (सैफ अली खान) ने किया। मैंने बोला कि नहीं। संजय दत्त बोले फिर तो मैं करूंगा। संजय दत्त ने वो डांस किया और फेमस हो गया।

विद्या बालन के बिना नहीं बन पाती फिल्म

विद्या बालन के 13-14 टेस्ट लेने के बाद विधु विनोद चोपड़ा ने जाकर हां बोला। 15वीं बार देखने के बाद अनुपमा चोपड़ा को बुलाकर कहा कि देखो मेरी ललिता मिल गई। मुझसे बोले कि विद्या को मिलने के लिए बुलाइए। मैंने कहा कि वो तो किसी विदेशी सिंगर का शो देखने गई हैं। विधु जी मानने को तैयार नहीं थे। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि उसकी लाइफ बनने वाली है। उसे बुलाइए, वह आ जाएगी। मैं बड़े संकट में पड़ गया। दबाव के चलते विद्या बालन को बुलाया। खैर, वह मिलने आ गई। चोपड़ा साहब ने बोला, अब जाकर शूटिंग करना। दादा आपके साथ हैं। आपको कोई प्रॉब्लम नहीं होगी। विद्या तो तुरंत चली गई। आखिर में जब हम सब निकलने लगे तो चोपड़ा साहब ने आकर जादू की झप्पी देते हुए कहा कि विद्या नहीं आती तो यह फिल्म नहीं बनने वाली थी।

विद्या का हुआ था निर्देशक से झगड़ा

एक बार तो किसी बात को लेकर विद्या के साथ मेरा झगड़ा हो गया। हमारे बीच इगो इतना बढ़ गया कि हम दोनों आपस में बात करना ही बंद कर दिया। तब संजय दत्त की बहन का किरदार निभाने वाली मेरी काफी क्लोज थी। उन्होंने जाकर हम दोनों के बीच सुलह कराई। किसी शॉट को दोबारा देने को लेकर हमारे बीच झगड़ा हो गया। 

रानी मुखर्जी ने करवाई थी सैफ से मुलाकात

शेखर के किरदार के लिए सैफ अली खान मेरे दिमाग में बैठ गए थे। जब मैंने सैफ को अप्रोच किया तो वे उन दिनों रानी मुखर्जी के साथ हम तुम की शूटिंग कर रहे थे। रानी मुखर्जी से अच्छी जान पहचान थी। जब उनसे बात हुई तो उन्होंने कहा कि आप सेट पर आ जाइए। जब रानी से मिलने गया तो देखा कि वह वैनिटी वैन में रो रही थीं। पता चला कि रानी का डॉग उसी दिन गुजर गया था। तभी अचानक सैफ उन्हें सांत्वना देने आ गए। मैं तो रानी के थ्रू सैफ से मिलने गया था  लेकिन सैफ अली खान मुझसे कहने लगे कि इन्हें चुप करवाइए। थोड़ी देर बाद जब सब कुछ थोड़ा नॉर्मल हुआ तब सैफ के वैनिटी वैन में मिलने गया। मुझे लग रहा था कि सैफ अली खान न ही बोल देंगे। लेकिन कहानी सुनने के बाद उन्होंने शेखर के रोल के लिए हां कह दिया।

बिना स्क्रिप्ट सुने संजय ने विधु को हां कह दिया

सबसे आसान रहा संजय दत्त को कास्ट करना रहा। जब बात आई कि सैफ के अपोजिट कौन होगा, तब बहुत सोचने विचारने के बाद संजय दत्त का नाम आया। नाम सामने आते ही विधु विनोद चोपड़ा ने संजय दत्त को फोन लगाया और कहा कि बाबा एक फिल्म करनी है। उन्होंने बिना रोल सुने ही बोल दिया कि हां मैं फिल्म करुंगा। उन दोनों का इस तरह का रिलेशनशिप था कि फोन पर ही साथ काम करने के लिए हामी भर दी।