दैनिक भास्कर
May 14, 2020, 05:00 AM IST
मुंबई (अमित कर्ण). 15 मई से अनुष्का शर्मा के बैनर तले बनी वेब सीरीज ‘पाताल लोक’ अमेजन प्राइम पर रिलीज हो रही है। इसे ‘एनएच 10’ लिख चुके सुदीप शर्मा ने डायरेक्ट किया है। शो का ट्रेलर सामने आते ही कहा जा रहा है कि इसे तरुण तेजपाल की किताब पर बनाया गया है। हाल ही में इस मामले पर बात करते हुए डायरेक्टर सुदीप शर्मा ने दैनिक भास्कर से खास बातचीत की है।
फेक न्यूज के आसपैक्ट को गहराई से देखा गया है?
जी हां, पहले न्यूज एंकर्स को सम्मान की दृष्टि से देखा जाता था मगर अब उन पर लांछन लगने लगे हैं। लिहाजा नीरज काबी का कैरेक्टर दुविधा में है कि वह क्या करें। जिस सरोकार वाली पत्रकारिता के साथ उसने अपने करियर को शोहरत दी थी, वही करता रहे या फिर फेक न्यूज के दलदल में उतर जाए।
तरुण तेजपाल इस कहानी को बनाने की प्रोसेस में साथ थे?
कतई नहीं। उनकी किताब हमारी कहानी का बस छोटा हिस्सा भर है उनकी किताब का वनलाइनर प्लॉट था बस। वह हम लोगों ने लिया और कई नए कैरेक्टर ऐड किए। हमने अपने नायक इंस्पेक्टर हाथी राम के सफर को एक्सप्लोर किया। हमने शो के स्क्रीनप्ले और डायलॉग में लेखक को इंवॉल्व नहीं किया है किसी भी मोर्चे पर। नीरज काबी का कैरेक्टर फिक्शनल है। तरुण तेजपाल से उसका कोई लेना-देना नहीं है।
खाकी के अमिताभ बच्चन जैसा है हाथी राम का किरदार?
मैंने खाकी नहीं देखी है। अगर ऐसा है तो यह सिनेमा का दूसरा किरदार है। तकनीकी तौर पर ऐसी लड़ाई में शुरू से सिनेमा में किसी कैरेक्टर को दिखाया जाता रहा है। तो इंस्पेक्टर हाथीराम के किरदार की शुरुआत उसी सिनेमाई कैरेक्टर से होती है। जैसा अमिताभ बच्चन का एंग्री यंग मैन है।
बतौर प्रोड्यूसर कैसे हैं अनुष्का और उनके भाई करनेश?
उन दोनों को मैं बरसों से जानता हूं। कई फिल्में हमने साथ की हैं। एनएच 10 मैंने लिखी थी। अनुष्का ने उसे प्रोड्यूस किया था। इसके अलावा भी मैंने अनुष्का की कई फिल्मों में राइटिंग की है। ऐसे में हमारा प्रोफेशनल और अच्छा पर्सनल रिश्ता है। लिहाजा जो भी मैं लिखता हूं वह पहले इन दोनों को सुनाता हूं। दोनों ने अपना प्रोडक्शन हाउस इसलिए बनाया ताकि अच्छे कांटेन्ट को लोगों के सामने ला सकें।
शूट देखने नहीं आते थे अनुष्का और करनेश?
जी हां। इनके पास स्क्रिप्ट की सच्चाई बहुत सेफ रहती हैं। अच्छी बात यह भी है कि यह लोग स्क्रिप्ट को पढ़ना पसंद करते हैं। वो समझते हैं कि एक राइटर ने अपनी जिंदगी के कई महीने स्क्रिप्ट को दिए। ऐसे में उसे सम्मान दिया जाए। ये वैसे प्रोड्यूसर नहीं है जो राइटर से कहें कि भैया 10 मिनट में हमें कहानी सुना कर कनविंस करो और इंप्रेस करो। वह दोनों पूरा स्क्रिप्ट गोथ्रू करते हैं और उसके बाद पूरी फ्रीडम अपनी क्रिएटिव टीम को देते हैं। उनका प्रोडक्शन ऐसा है कि अगर आपकी स्क्रिप्ट में चांद तारे भी तोड़ने की बात हो तो बाकायदा उसे वह लाने का माद्दा रखते हैं।