- कैनेडियन इंटरनेशनल पंजाबी जर्नलिज्म एंड लिटरेरी अकेडमी टोरंटो व चंडीगढ़ की साहित्यिक संस्था ‘अभिव्यक्ति’ की ओर से आॅनलाइन काव्य गोष्ठी हुई। इसमें 14 कवियों ने रचनाएं सुनाई।
दैनिक भास्कर
May 02, 2020, 06:43 AM IST
चंडीगढ़. कोविड-19 के कारण चल रहे लॉकडाउन के बीच इन दिनों लोग कार्यक्रम से लेकर कंपीटीशन करवाने के लिए तकनीक का सहारा ले रहे हैं। चाहे यह कार्यक्रम किसी भी विषय पर आधारित हो। हाल ही में एक आॅनलाइन काव्य गोष्ठी हुई। इसे कैनेडियन इंटरनेशनल पंजाबी जर्नलिज्म एंड लिटरेरी अकेडमी टोरंटो व चंडीगढ़ की साहित्यिक संस्था ‘अभिव्यक्ति’ की ओर से करवाया गया। इस गोष्ठी में कुछ सदस्यों से हिस्सा लिया और रचनाएं सुनाई। शुरुआत अभिव्यक्ति के फाउंडर मेंबर डॉ. वीरेंद्र मेहंदीरत्ता ने की। अकेडमी के फाउंडर मेजर सिंह नागरा ने सभी का आॅनलाइन स्वागत किया। संचालन किया डॉ. निर्मल जसवाल ने, जो कहानीकार व व्यंग्यकार हैं और इन दिनों कनाडा रह रही हैं। गोष्ठी में देश विदेश के 14 कवियों ने हिस्सा लिया और अपनी रचनाएं सुनाई। कविताओं में बात हुई इंतजार, बिछड़ने, जीवन यात्रा, उतार चढ़ाव, विपरीत परिस्थितियों से बाहर निकलने व इन दिनों चल रहे हालात को लेकर। किसी कवि ने दो, किसी ने तीन रचनाएं सुनाई।
इस आॅनलाइन गोष्ठी में कवि डॉ. कैलाश आहलूवालिया, अमरजीत अमर, डॉ. निर्मल सूद, प्रेम विज, विजय कपूर, डॉ. विमल कालिया, गणेश दत्त, विनोद खन्ना, प्रो. अलका कांसरा, सुभाष शर्मा, रिद्धिमा, नरेश कुमार ने हिस्सा लिया।
प्रेम विज ने हाल ही में हुए सच्ची घटनाओं पर रचना सुनाई। इसका शीर्षक था “यशवंती”।
वहीं विजय कपूर ने तीन कविताएं सुनाई। इनका शीर्षक था “तुम्हारी यात्रा”,”फटना नहीं है” और “तुम्हें तुम्ही से”।
शीषर्क – “फटना नहीं है “
अंतस में ही
फटना नहीं है मुझे
कि मुझे
नहीं होना है शांत,
तबीयत के एकांत मे
जिन सीढिय़ों से
चढती है मात
बैठना है उन्हीं पर
लगाए घात।