कोविड-19 से बचाव को देखते हुए बंद हुए सरकारी स्कूलों के बच्चों के घर तक मिड-डे मील राशन पहुंचाने के आदेश के विरोध में प्रतापनगर के कन्या वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल के टीजीटी अजय वालिया को फेसबुक पर पोस्ट डालना भारी महंगा पड़ा। 22 मार्च को डाला 23 मिनट 43 सेकेंड का वीडियो वायरल हो गया। मामला निदेशालय के संज्ञान में पहुंचा, तब एडिशनल डायरेक्टर एडमिनिस्ट्रेटर एंड एमडीएम डॉ. वंदना दिसोदिया ने अजय वालिया को सीधे बर्खास्त करने बारे पत्र जारी कर दिया। इसमें कहा गया कि वीडियो देखने के बाद इंक्वायरी की जरूरत नहीं रह जाती है, जिसमें विभाग के लिए मोहम्मद बिन तुगलक गैर संवैधानिक शब्द का इस्तेमाल हुआ है। टर्मिनेशन का लेटर प्रिंसिपल से मंगलवार को अजय वालिया के पास पहुंचा। तमाम शिक्षक संगठन विरोध में उतर आए, वहीं अजय वालिया ने भी कोर्ट जाने की बात कही है।
शिक्षा विभाग में 17 साल सर्विस दे चुके अजय वालिया ने 22 मार्च को फेसबुक पर लाइव वीडियो पोस्ट किया था। इसमें कोविड-19 के खतरे के बीच सरकारी स्कूलों के बच्चों के घर जाकर मिड-डे मील राशन में आधा-आधा किलो गेहूं व चावल बांटने का विरोध किया। उन्होंने कहा कि मामले में 18 मार्च को सुप्रीम कोर्ट से आदेश हुए कि एक खतरे से बचाने के लिए दूसरा न खड़ा हो। इसके बाद 20 मार्च को शिक्षा विभाग ने पॉलिसी बनाकर पत्र भी जारी कर दिया लेकिन कुपोषण से ज्यादा खतरा कोविड-19 का है। फिर भी मिड डे मील इंचार्ज, कुक व टीचर्स को मिड डे मील राशन बच्चों को घरों में बांटने के आदेश हो गए। अजय वालिया ने वीडियो में प्रश्न उठाए कि क्या राशन के लिफाफे सेनिटाइज होंगे और बांटने वाले टीचर्स व अन्य और राशन लेने वाले अभिभावक कोविड-19 संक्रमित नहीं हैं, यह क्या श्योरिटी है। कौन डॉक्टर सर्टिफिकेट देगा। न गाड़ी की व्यवस्था है, न बांटने वालों के लिए सेनिटाइजर व मास्क की व्यवस्था है। राशन के साथ प्राइमरी वाले बच्चों के खाते में एक हजार व अपर प्राइमरी बच्चों के खाते में डेढ़ हजार डालने के आदेश दिए, इसके लिए भी पहले बैंक में टीचर्स लाइन लगाएंगे और फिर निकालने के लिए बच्चे व अभिभावक। अजय वालिया ने आरोप लगाया कि कोर्ट के आदेश की पालना के लिए विभाग ने आनन-फानन में मूर्खतापूर्ण काम किया। वे इसका विरोध करते हैं और एडिशनल डायरेक्टर मिड डे मील को प्रतापनगर में अपने स्कूल आमंत्रित करता हूं कि वह खुद आएं और कोविड-19 के संभावित खतरे की शुरुआत अपने हाथों से करें। शिक्षा विभाग व मंत्री और कोर्ट से अपील करता हूं कि मामले में संज्ञान लें। यदि उनकी बात गलत है तो सस्पेंड होने को तैयार हूं। वे अध्यापकों से आह्वान करते हैं कि इस निर्णय का पालन न करें, क्योंकि यह मोहम्मद बिन तुगलक-सा निर्णय है। वीडियो वायरल करने की भी बात की जिससे निदेशालय से सोमवार को अजय वालिया का टर्मिनेशन लेटर जारी हो गया जिस पर अजय वालिया का कहना है कि वह इसका कोर्ट में जवाब देंगे।