यह है व्यवस्था जरूरी, 100 किलो कचरे के लिए खुद करना होगा इंतजाम…100 किलो कचरा जिस सोसायटी, अपार्टमेंट्स, होटल व बैंक्विट से निकलता है, उसके खुद के कचरे को निपटाने के लिए व्यवस्था करनी आवश्यक है। ऐसा न करने पर सरकार कार्रवाई करेगी। खासकर, जीरकपुर में कई बिल्डिंग और अपाटर्मेंट्स हैं जिनमें 100 किलो से ज्यादा गारबेज निकलता है। अभी तक यह हो रहा है कि उस गारबेज को जिसमें बचा खाना, कटी सब्जियां, डिस्पोजेबल प्लेट्स की भारी मात्रा होती है। जब तक हालात सामान्य रहे, उसे खाली जगह देखकर गिराया जाता था, लेकिन अब कई बिल्डिंग, अपार्टमंेट्स में गारबेज अंदर ही पड़ा है। इसका असर पब्लिक पर पड़ रहा है।
कर्फ्यू के कारण शहर के गारबेज को ले जाने वाली गाड़ियांे को रास्ता दिया जाएगा। इसके साथ ही सफाई कर्मचारियांे व डोर टू डोर गारबेज कलेक्शन करने वाले कर्मी भी आ-जा सकेंगे। प्रशासन की ओर से पुलिस को लेटर भेजा गया है कि पंजाब सरकार के लिए काम करने वाले कर्मियांे को रोका न जाए। इसकी जरूरत भी है। कुछ दिन से शहर मंे गारबेज ठीक से नहीं उठाया जा रहा है। दो दिन से ज्यादा
हालत खराब है। कई नाकों पर कर्मचारियों को रोका गया है।
जीरकपुर एमसी के कार्यकारी अधिकारी मनवीर सिंह गिल ने कहा कि इसका समाधान कर लिया है। अगर किसी जगह सफाइ कर्मी नहीं पहुंच पा रहे हैं तो इसके लिए पुलिस से बताया जाएगा कि इन कर्मचारियांे को रोका न जाए। साथ ही सभी कर्मियांे को कहा गया है कि वे यूनीफाॅर्म मंे हों। जैकेट पहनी होनी चाहिए। जीरकपुर एरिया में सफाई करने वालों और डोर टू डोर गारबेज उठाने वालों के पास जैकेट नहीं है। इसलिए इनको रोका जा रहा है।
ऐसा रहा तो यहां लग जाएंगे कूड़े के ढेर: हरेक शहर को स्टार रेटिंग दिलाने के लिए काम करने पर कई बातों पर सरकार की ओर से सभी निकायांे केअधिकारियों को कुछ महीने पहले जानकारी दी गई थी। जीरकपुर नगर परिषद के एग्जीक्यूटिव ऑफिसर मनवीर सिंह गिल ने बताया कि पब्लिक की भागीदारी के बिना यह काम
संभव नहीं हो सकता है। इसके लिए सारी जिम्मेदारी सरकार की नहीं होगी। पब्लिक की भी भागीदारी जरूरी है। सभी अपार्टमेंट्स के अंदर गारबेज के प्रोसेसिंग के लिए सिस्टम होना चाहिए। जीरकपुर के सभी अपार्टमेंट्स पर यह नियम लागू है। आज जो हालात हैं, उसके चलते हरेक अपार्टमेंट में गारबेज को लेकर परेशानी है। अगर
कर्फ्यू जैसे हालात दो महीने तक रहे तो हरेक अपार्टमंेट मंे गारबेज के ढेर लग जाएंगे।