श्री लाल द्वारा मंदिर में बाबा बंसी वाले महाराज के सानिध्य में श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है। कथा में काफी संख्या में श्रद्धालु भाग ले रहे हैं। वृंदावन से आए बृजेश गोस्वामी श्रद्धालुओं को कथा का अमृत पान करवा रहे हैं। व्यास पीठ से श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए बृजेश गोस्वामी ने कहा कि भगवान कृष्ण गोपियों के त्याग के वशीभूत होकर उनसे प्रेम करते हैं। अगर आप लोग भी अपने को भगवान को समर्पित कर दें तो निश्चित तौर पर आपको भी वही आनंद की प्राप्ति होगी। उन्होंने कहा कि गोपियों ने भगवान कृष्ण को पाने के लिए अपने स्वजनों को भी नहीं देखा था, लोक लाज की भी परवाह नहीं की थी। भगवान कृष्ण ने भी उनके त्याग को देखा और कहा कि गोपियों का सर्वश मैं ही हूं। गोपियां मुझसे अतिशय प्रेम करती हैं फिर भगवान ने उन गोपियों के साथ महारास किया।
उन्होंने रुक्मणी विवाह का प्रसंग सुनाया जिसको सुनकर श्रद्धालु झूमने लगे। उन्होंने कहा कि जो भी भक्त सत्संग सुनते या सुनाते हैं, उन्हें उनका मनोवांछित फल मिलता है। उन्होंने कहा कि श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन जहां पर भी होता है, वहां भगवान किसी न किसी रूप में जरूर विराजमान होते हैं। श्री गिरिराज की लीला का प्रसंग सुनाते हुए कर्म की विवेचना का वर्णन किया।
इस अवसर पर संस्था के प्रधान शशी भूषण गोयल, मास्टर अशोक गुप्ता, प्रदीप वालिया, डॉ. रवि गुप्ता, राजेश मित्तल, आशीष गोयल, घनश्याम शर्मा, रवि प्रकाश, धनीराम गोयल, घनश्याम गोयल, राधेश्याम गोयल, पवन गोयल, प्रवीन कुमार गोयल, सुनील गर्ग, सुधीर गुप्ता, अतुल गोयल, संजय गर्ग, पंडित हरिदत्त शर्मा, दलबीर गर्ग, डॉ. शिव कुमार, पंडित राजकुमार, पीएल ढींगड़ा, प्रह्लाद सरकार, उमेश पांडेय, केशव व राजवीर उपस्थित रहे।
यमुनानगर |श्री लाल द्वारा मंदिर में कथा का श्रवण करती महिलाएं व कथा सुनाते ब्रजेश गोस्वामी