Chandigarh Today

Dear Friends, Chandigarh Today launches new logo animation for its web identity. Please view, LIKE and share. Best Regards http://chandigarhtoday.org

Posted by Surinder Verma on Tuesday, June 23, 2020

1999 में आया था पहला कैमरे वाला फोन, बॉर्न बेबी की कलर फोटो हुई थी क्लिक; 21 साल में ऐसे बदला इसका कैमरा

0
79

  • नोकिया, सैमसंग और सोनी एरिक्सन जैसी कंपनियों के फोन ने बदला कैमरा वाले स्मार्टफोन का बाजार
  • सैमसंग ने गैलेक्सी S20 अल्ट्रा 5G स्मार्टफोन में 108 मेगापिक्सल क्वाड कैमरा दिया है

Dainik Bhaskar

Feb 23, 2020, 07:05 AM IST

गैजेट डेस्क. सैमसंग ने हाल ही में अपने गैलेक्सी S20 अल्ट्रा 5G स्मार्टफोन को भारत में लॉन्च किया है। इसमें 108 मेगापिक्सल का कैमरा दिया है। वहीं, श्याओमी भी इतने मेगापिक्सल कैमरा वाला स्मार्टफोन मी मिक्स अल्फा लॉन्च करने वाली है। कुल मिलाकर अब स्मार्टफोन, कैमरा फोन बन गया है। वैसे, 1999 पहली बार जापान की कंपनी क्योकेरा (Kyocera) ने अपने VP-210 में कैमरा का इस्तेमाल किया था। ये पहला कलर वीडियो फोन भी था। इस फोन से कैलिफोर्निया में पैदा हुए बच्चे की कलर फोटो क्लिक की गई थी, जिसका रेजोल्यूशन 320×240 पिक्सल और साइज 27KB था। इसके बाद, 2000 में जापान की ही कंपनी शार्प ने J-SH04 फोन में VGA कैमरा दिया। यहीं से कैमरा, फोन का अहम हिस्सा बन गया।

Kyocera VP-210 फोन से इस फोटो को क्लिक किया गया था।

21 सालों बदलता गया फोन का कैमरा

1999 से 2020 तक आते-आते फोन और इसमें आने वाला कैमरा दोनों पूरी तरह बदल गए। पहले जहां फोन में एक कैमरा होता था, तो अब उसकी जगह 5 से 6 कैमरा ने ले ली है। 2007 में नोकिया, एलजी, सैमसंग, सोनी एरिक्सन जैसी कई कंपनियों के फोन में 5 मेगापिक्सल तक के कैमरा आने लगे। इनसे क्लिक होने वाली फोटो का रेजोल्यूशन 1024×768 पिक्सल और साइज करीब 380KB होता था।

यहां से फोन में आने वाले कैमरा में जबरदस्त क्रांति देखने को मिली, क्योंकि इसके बाद फोन और कैमरा के कॉम्बिनेशन ने डिजिटल कैमरा की मार्केट खत्म करना शुरू कर दी।

दुनिया में डिजिटल कैमरा की बिक्री 1951 में शुरू हो गई थी। ऐसे कैमरों की बिक्री का ग्राफ हर साल बढ़ता रहा। साल 2009 में तो 121 मिलियन (12.1 करोड़) डिजिटल कैमरा की बिक्री हुई थी। उसी साल लगभग 350 मिलियन (35 करोड़) कैमरा वाले फोन की बिक्री हुई। 2015 तक डिजिटल कैमरा की बिक्री का आंकड़ा 25 मिलियन (करीब 2.5 करोड़) पर पहुंचा, तो दूसरी तरफ कैमरा फोन का आंकड़ा 1472 मिलियन (147.2 करोड़) तक पहुंच गया। 2019 में डिजिटल कैमरा का ग्राफ गिरकर 10 मिलियन (1 करोड़) के करीब आ गया। डिजिटल कैमरा की बिक्री के गिरते ग्राफ के पीछे की एक वजह 2010 के बाद से लगभग सभी फोन में कैमरा आना भी रहा।

इस बारे में अभिषेक तैलंग (टेक गुरु और यूट्यूबर) ने बताया कि लोगों को ऐसी सोच से बाहर आना होगा कि जितने मेगापिक्सल का फोन होगा उतना अच्छा होगा। मेगापिक्सल सिर्फ फोटो के साइज को बढ़ाने का काम करता है। जबकि फोन में 12 मेगापिक्सल, 16 मेगापिक्सल या 32 मेगापिक्सल का सेंसर ही होता है। मान लीजिए किसी फोन 48 मेगापिक्सल का कैमरा दिया है, तब उसमें 12 मेगापिक्सल का ही लेंस होगा, लेकिन पिक्सल बिनिंग टेक्नोलॉजी ये उसके रेजोल्यूशन को चार गुना तक बढ़ा देगा। जिससे वो फोटो 48 मेगापिक्सल की बन जाएगी। DSLR या दूसरे प्रोफेशनल कैमरों में 12 से 24 मेगापिक्सल के पावरफुल लेंस ही होते हैं। फिल्म की शूटिंग में भी ऐसे ही कैमरे इस्तेमाल किए जाते हैं। फोन के कैमरा को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से बेहतर बनाया जा रहा है।